जमीन के बदले नौकरी के मामले में पिछले दिनों ईडी ने लालू यादव, तेजस्वी यादव के साथ ही कई अन्य लोगों के खिलाफ जांच की गई थी. हालांकि जमीन के बदले नौकरी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव दिल्ली कोर्ट में पेश हुए. उनके साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी उनकी बेटी मीसा भारती भी थी. आपको बता दें कि सीबीआई ने इन तीनों को पूछताछ के लिए कोर्ट में बुलाया था. CBI ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाए हैं कि भारतीय रेलवे में नियुक्तियों के लिए तैयार नियमों की धज्जियां उड़ाकर रेलवे में भर्तियां की गई है.

आपको बता दें कि लालू यादव का यह पूरा मामला 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए यह पूरा मामला हुआ था. जिसमें यह बताया गया था कि उनके परिवार को उपहार में दी गई जमीन के बदले उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेजी गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा हुआ है. हालांकि इस मामले में कोर्ट ने तीनों कि जमानत दे दिया है. अब इस पूरे मामले में सुनवाई 29 मार्च को होगी. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. इस पूरे मामले में लालू प्रसाद के परिवार की दिल्ली ककी राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई. लालू यादव पेशी के लिए व्लीलचेयर पर सीबीआई कोर्ट पहुंचे.

आपको बता दें कि इस पूरे मामले में पिछले दिनों ईडी ने लालू परिवार के सदस्यों के यहां छापेमारी की थी. जिसमे दिल्ली स्थित आवासों पर छापेमारी की गई थी. बता दें कि इस पूरे मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी नाम सामने आया था. हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि इस पूरे मामले में तेजस्वी यादव दूरी बना रहे हैं.

हालांकि इस पूरे प्रकरण में सीबीआई ने जो आरोप लगाया है उसमें उन्होंने कहा है कि लालू यादव के रेलमंत्री रहते यानी कि यूपीए-1 के तहत रेलवे के कई परियोजनाओं के बदले DLF समूह से दक्षिण दिल्ली में करोड़ों की संपत्ति प्राप्त की थी. मुंबई के बांद्रा में भूमि पट्टा परियोजनाएं और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास. लालू, राबड़ी के साथ ही मीसा भारती और 16 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिस और भ्रष्ट्राचार का आरोप लगा था. इस पूरे मामले में सीबीआई ने 10 अक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दायर किया था.

अब साल 2023 के 11 मार्च को इस मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू परिवार और उनके करीबियों पर छापेमारी की थी. जिसमें ईडी ने कहा है कि छापेमारी में उन्होंने 600 करोड़ की अपराध आय को जब्त किया है. हालांकि तेजस्वी यादव का कहना है कि उन्होंने जो भी जब्त किया है उसके कागजात को सार्वजनिक किया जाए. हालांकि तेजस्वी यादव लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर बिहार में सियासत तेज है.

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