बिहार विधानसभा का बजट सत्र चलरहा है. इस सत्र के दौरान कई तरह की बातें सामने आ रही है. तत्काल के मुद्दे इन दिनों विधानसभा की सुर्खियां बनी हुई है. एक तरफ जहां विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के तरफ से भी जवाब के साथ ही तीखे सवाल दागे जा रहे हैं. तमाम नोकझोंक के बीच में बिहार विधानसभा का दोनों सत्र चल रहा है. पिछले दिनों जिस तरह से तेजस्वी यादव और लालू यादव पर सीबीआई और ईडी की रेड हुई है उसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर हैं तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा की बात कह रही है. बता दें कि साल 2017 में भी इसी तरह के घटनाक्रम देखने को मिले थे और नीतीश कुमार ने अपना पाला बदल लिया था. इस बार बीजेपी नीतीश कुमार पर हमलावर हैं और तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग कर रही है.
इधर बिहार की सियासत में एक चैप्टर रामचरितमानस का भी खुला हुआ है. जिसको लेकर आए दिन मीडिया में सुर्खियां बनती रही है. बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर विधानसभा में नोक झोंक देखने को मिला है. पिछले दिनों विधानसभा में यह मामला और भी तुल पकड़ लिया. जब बिहार विधान परिषद में जदयू के विधायक नीरज कुमार ने जमकर हंगामा काटा. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बिहार विधानसभा के दोनों सदनों में इस मसले पर अपनी बात रख रहे थे लेकिन जदयू ने उनके उस बयान का विरोध किया है. यह कोई पहली बार नहीं है जब यह मामला सबसे पहले सुर्खियों में आया था तब भी जदयू ने इसका विरोध किया था. अब शिक्षा मंत्री अपनी बातों पर अड़े हैं तो जदयू भी अपनी बात पर अड़ा है.
दरअसल शिक्षा मंत्री विधानसभा के दोनों सदनों में शिक्षा बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. इसी दौरान प्रों. चंद्रशेखर और सत्ता पक्ष के विधायक के बीच में धार्मिक ग्रंथों को लेकर नोकझोंक शुरू हो गई. इस दौरान जदयू विधायक नीरज कुमार ने गीता, कुराब और बाइबिल को लेकर सदन में बात कही इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम संविधान की चर्चा करें कि रामायण, महाभारत व कुरान में फंसे रहें. हम धार्मिक ग्रंथ की लड़ाई नहीं लड़ रहें, पढ़ाई व अवसर को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. बाद में इस पूरे मसले पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने बीच बचाव किया.
आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब जदयू ने इस मसले पर राजद का विरोध किया है. इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं. पिछली बार तो रामचरित मानस वाले बयान को लेकर विधायक नीरज कुमार हनुमान मंदिर पहुंच गए थे. इसके बाद नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी राजद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि अब देखना है कि आने वाले दिनों में राजद और जदयू के बीच में इस पूरे मसले पर किस तरह का रुख देखने को मिलता है.
राजनीतिक जानकार यह भी मानते हैं जिस तरह से बिहार में राजनीतिक स्थिति है आने वाले दिनों में कई बड़े उठा पटक देखने को मिल सकते हैं. खासकर पक्ष और विपक्ष में नोझ झोंक देखने को मिलने वाला है. हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि जितना सरकार और विपक्ष के बीच में नोक–झोंक देखने को मिलने वाला है उतना ही सरकार और उनके सहयोगियों के बीच में भी होने वाला है क्योंकि जदयू कई मामलों पर राजद का विरोध करती रही है.