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लालू ने सिंगापुर में तैयार किया प्लान, नीतीश सतर्क!

Bihari News

तो क्या लालू यादव के सिंगापुर से आने के बाद बिहार की सियासत में नया रूप देखने को मिलेगा. पिछले कई दिनों से यह खबरें चल रही है कि लालू यादव सिंगापुर से बिहार आने वाले हैं. लेकिन बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच में इस बात को लेकर भी संकेत मिल रहे हैं कि बिहार आने के बाद बिहार की सियासत में बदलाव देखने को मिल सकता है. इधर राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि इस खास समय में सबसे ज्यादा सावधान अगर कोई नेता होंगे तो वह नीतीश कुमार क्योंकि इन दिनों हर तरफ से नीतीश कुमार पर हमला हो रहा है. सियासी जानकार ये बता रहे हैं कि बिहार की सियासत में ये दोनों नेता लालू और नीतीश कुमार तोड़जोड़ की राजनीति में महारथ हासिल किये हुए हैं. जरा याद करिए 90 के सालों को किस तरह से तोड़जोड़ की राजनीति ये दोनों नेता साथ में रहकर किया करते थे. अब मामला यहां अटक गया है कि बिहार कि सत्ता में नीतीश कुमार भले ही काबिज हैं लेकिन अब सत्ता की चाबी राजद अपने हिस्से में मांग रही है. और नीतीश कुमार ने उन्हें देने का वादा भी कर दिया है. लेकिन क्या नीतीश कुमार अपनी सत्ता की चाबी राजद या तेजस्वी यादव देंगे…. इन सब सवालों का जवाब रुका हुआ है लालू यादव के आगमन को लेकर कि लालू यादव जब भारत आएंगे तो बिहार की राजनीती को एक नया रूप देखने को मिलने वाला है. हालांकि एक बात और जान लिजिए नीतीश कुमार ने आज तक जोभी वादा खुले मंच से किये हैं उसे उन्होंने पूरा नहीं किया है! और तेजस्वी यादव को लेकर भी उन्होंने खुले मंच से यह कह दिया है कि इस राजनीतिक सियासत का अगला वारिश तेजस्वी होंगे.

ऐसे में अब सब के मन में यह सवाल उठ रहा है कि लालू यादव का भारत में आगमन कब हो रहा है. लालू यादव के आगमन को लेकर राजद में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. राजद के कुछ नेताओं की माने तो लालू यादव 10 फरवरी को बिहार आ सकते हैं. पिछले दिनों राजद के पूर्व सांसद अशरफ फातमी की लालू यादव से सिंगापुर में मुलाकात भी हुई है. इसी दौरान लालू यादव की बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने बताया कि पिता जी स्वस्थ्थ हैं और वे 10 फरवरी को बिहार आयेंगे. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि लालू यादव जब बिहार आएँगे तो उनके सामने किसकिस तरह की चुनौतियां होंगी या फिर क्या वे कार्य होंगे जोकि वे सबसे पहले करेंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लालू यादव जब बिहार आएंगे तो सबसे पहले जदयू और राजद के बीच में पिछले दिनों बयानों के कारण जो खटास पैदा हुई है. उसे दूर करने की कोशिश करेंगे. बता दें कि पिछले दिनों जिस तरह से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, राजस्व मंत्री आलोक मेहता और सुधाकर सिंह का बयान सामने आया है उसके बाद से राजद और जदयू के बीच में दूरियां बढ़ने लगी है. हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि बिहार आने के बाद लालू यादव विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि अब बस डेढ़ साल के बाद देश में आम चुनाव होना होना है. ऐसे में नीतीश कुमार केंद्र की सियासत में एक्टिव करने पर विचार चल रहा है. हालांकि राजद के नेता दबी जवान से यह भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार केंद्र में जाएँगे और बिहार की सत्ता की चाबी तेजस्वी यादव के हाथ में होगी. ऐसे में अब देखना है कि बिहार कि सियासत आने वाले दिनों में किस करबट बदलती है. क्योंकि चुनाव आने में समय है. राजद के कई बड़े नेताओं ने तो लालू यादव के बिहार आने के बाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने का फैसला भी कर लिया है. राजनीतिक जानकार यह भी कह रहे हैं साथ ही जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा है कि जदयू और राजद के बीच में किस तरह की डिल हुई है. क्या जदयू राजद में विलय हो जाएगा. तो राजद के नेता यह मान रहे हैं कि आने वाले समय में जदयू का राजद में विलय हो सकता है. हालांकि क्या होगा इसको लेकर अभी से कुछ भी कहना मुश्किल हैं.

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ऐसे में एक बात जो दबी जूबान से हर कोई स्वीकार कर रहा है कि लालू यादव जब बिहार आएंगे तो अपने बेटे को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ले जाने की पूरी कोशिश करेंगे. आपको याद होगा जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे तो बीजेपी के नेता नीतीश कुमार पर हमलावर थे अब जब वे महागठबंधन के साथ हैं तो राजद के नेता नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. ऐसे में अब तो यह भी कहा जाने लगा है कि क्या नीतीश कुमार के अवसान का समय आ गया है. हालांकि राजनीति में कोई भी बुढ़ा नहीं होता क्योंकि नीतीश कुमार और लालू यादव की जोड़ी बिहार की सियासत में कई उठा पटक देख चुकी है और कई उठा पटक का गवाह भी रहा है.

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