बिहार में जमीन से जुड़े सबसे ज्यादा मामले हैं. ऐसे में बिहार सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है जितनी जल्दी हो सके बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को कम किया जा सके. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लगाए जा रहे जनता दरवार में भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में अब बिहार ने पूरे बिहार में जमीन की सुधार करने की बात कही है. इसकी लिए जिलों में अधिकारियों को भी भेजा जा रहा है. ऐसे में अब मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग की तरफ से यह कहा जा रहा है कि गलत व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री पर लगाम लगाेन के लिए आधार के सत्यापन नियम को लागू किया जा रहा है. जिससे की अब कोई भी व्यक्ति जमीन या फिर मकान की रजिस्ट्री करवाता है तो उसे अन्य संपत्ति के साथ कागजात को आधार से सत्यापित किया जायेगा.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है कि आधार का डेटा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी की UIDAI से लिया जाएगा. जब डेटा को एक जगह इक्टठा किया जाएगा तो उसके बाद उसे एक सॉफ्टवेयर के में फिड किया जाएगा. वर्तमान में इस सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जा रहा है. जैसे ही सॉफ्टवेयर का निर्माण हो जाएगा उसके बाद टेरासिस टेकनोलॉली लिमिटेड को इस काम की जिम्मेदारी दे दी जाएगी ऐसे में अब विभाग की जिम्मेदारी है कि एक जनवरी से यह नियम प्रदेश में प्रभावी हो जाए.
मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के वरीय अधिकारियों की तरफ से जारी अपडेट के अनुसार अब रजिस्ट्री के समय विक्रेता के उंगलियों व अंगूठे के निशान को पहले स्कैन किया जायेगा. उसके बाद स्कैन के आधार पर विक्रेता के नाम व पता की जानकारी मिल जायेगी. फिर विक्रेता द्वारा दिये गये आधार कार्ड पर अंकित नाम व पता से उन कागजातों से मिलाया जाएगा. अगर दोनों में समानता होगी, तभी संपत्ति की रजिस्ट्री हो पायेगी. अगर डेटा मैच नहीं किया, तो रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लग जायेगी. मालूम हो कि वर्तमान नियम के तहत क्रेता और विक्रेता के आधार कार्ड का डेटा जमा करना होता है. इन दिनों स्कैन कर डेटा मिलान करने की सुविधा नहीं है.
प्रदेश में अपराध की जितनी भी घटनाएं हैं उसमें 60 प्रतिशत मामला जमीन से जुड़ा हुआ है. एक तो जमीन के लिए भाई भाई के बीच में विवाद देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरा मामला जमीन को गलत तरीके से कब्जा करवाने का सामने आ रहा है. आपको बता दें कि इन्ही विवादों को दूर करने के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को और भी मजबूत किया जा रहा है. आपको बता दें कि बिहार सरकार ने जब जमीन खरीब बिक्री में सख्ती बरती थी तो उसने एक नियम लगाया था कि जमीन रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज भी कर लिया जाए लेकिन अब बिहार सरकार गलत तरीके से जमीन लिखवाने वाले व्यक्तियों पर शिकंजा कसते हुए आधार मैच करवाने की बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि आधार मैच से फर्जी तरीके से दूसरे का जमीन दिखाकर लेने वालों पर सरकार अब नकेल कसेगी.
इतना ही नहीं निबंधन विभाग के AIG मनोज कुमार संजय ने बताया है कि विभाग आधार मैच कराने वाले सॉफ्टवेयर को बहुत ही जल्द डेवलप किया जाएगा. उसके बाद प्रदेश में यह नियम बहुत ही जल्द लागू कर दिया जाएगा.