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खिलाड़ी जिसने अपनी टीम को बनाया वनडे और टी20 दोनों का वर्ल्ड चैंपियन

Bihari News

अपनी तूफानी गेंदबाजी से जिसने टीम को वनडे और टी20 दोनों का बनाया वर्ल्ड चैंपियन !

किसी फ़िल्मी हीरो की तरह लगता है इंग्लैंड का यह तूफानी तेज गेंदबाज

जो अपनी गति के लिए है मशहूर, 10 साल की उम्र में बनना चाहते थे फुटबॉलर

अपने पहले ही फर्स्ट क्लास सीजन में 19 विकेट चटकाकर मचाया कोहराम, दूसरे सीजन में 27 विकेट लेकर अपनी टीम को बनाया चैंपियन

खिलाड़ी जिसने अपनी टीम को बनाया वनडे और टी20 दोनों का वर्ल्ड चैंपियन

क्रिकेट की दुनिया में तूफानी तेज गेंदबाजों का अपना अलग महत्व होता है. वे अपनी गति के लिए जाने जाते हैं और कहा भी जाता है कि गति प्राकृतिक रूप से आती है, इसे अभ्यास से नहीं लाया जा सकता. इसलिए तोफानी तेज गेंदबाजों की अपनी अलग पहचान होती है. कितना भी बड़ा बल्लेबाज क्यों ना हो तेज गति के सामने वो असहज हो ही जाते हैं. किसी भी टीम के पास एक तूफानी तेज गेंदबाज होना सौभाग्य की बात होती है और हर टीम चाहती है कि उसके पास कम से कम एक सीम गेंदबाज हो, जो तेज गति से गेंदबाजी कर सके. ऐसे गेंदबाज मैच का रुख पलटने के लिए जाने जाते हैं. आज चक दे क्रिकेट की टीम अपनी खास पेशकश चक दे क्लिक्स में लेकर आया एक ऐसे ही तेज गेंदबाज की कहानी. आज के अंक में हम बात करेंगे इंग्लैंड के तूफानी तेज गेंदबाज मार्क वुड के बारे में . इस विडियो में हम मार्क वुड के क्रिकेट करियर और जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

मार्क वुड का जन्म 11 जनवरी, 1990 को नॉर्थहंबरलैंड के एशिंगटन में हुआ था. मार्क वुड को बचपन से ही खेलों में दिलचस्पी थी. वो जब 10 साल के थे तब एक फुटबॉलर बनना चाहते थे. उनके पिता का नाम डेरेक वुड है. उन्होंने अपनी शिक्षा एशिंगटन हाई स्कूल से पूरी की. मार्क वुड का पूरा नाम मार्क एंड्रू वुड है लेकिन उनके दोस्त और फैंस उन्हें वुड और जौकर बुलाते हैं. अपने स्कूली दिनों से ही मार्क वुड तेज गेंदबाजी करते थे और उनको इसी चलते पहचान भी मिली थी. अपने स्कूल टीम से खेलते हुए वुड ने अपनी गेंदबाजी से खौफ मचा दिया था. बल्लेबाज उनके सामने बल्लेबाजी करने से डरते थे. यही वजह थी कि बहुत कम उम्र में ही मार्क वुड अपने आसापास पहचान बनाने लगे थे. मार्क वुड डेक यानी कि पिच पर काफी जोर से गेंद पटकते थे और लंबे और हट्टेकट्टे तो थे ही. यही सब उन्हें एक नेचुरल फ़ास्ट बॉलर बनाती थी.

मार्क वुड को नॉर्थहम्बरलैंड काउंटी की तरफ से खेलने के लिए चुना गया और 2008 में नॉरफोक के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला था. वो नॉर्थहंबरलैंड की तरफ से 2 साल तक खेले इसके बाद उनको डरहम की टीम ने साल 2011 में अपने साथ शामिल कर लिया और 3 अप्रैल को डरहम MCCU के खिलाफ उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू पर मार्क वुड ने 13 ओवर गेंदबाजी की, और 26 रन देते हुए 2 विकेट चटकाए. वो दूसरी पारी में चोट के कारण मैदान पर नहीं आ सके थे. लेकिन डरहम के लिए खेलते हुए मार्क वुड ने पहले ही सीजन में अपनी गेंदबाजी की गजब छाप छोड़ी. उन्होंने पहले सीजन में 21.63 की औसत से 19 विकेट चटकाए थे. इसके बाद 2013 सीजन में वुड ने 27 विकेट चटकाए, वजह थी उनकी तेज गेंदबाजी. बल्लेबाजों को अपनी गति से वुड ने घुटनों पर ला दिया था. वुड की घातक गेंदबाजी की बदौलत डरहम ने 2013 सीजन अपने नाम किया. अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू के एक महीने के अंदर ही वुड ने लिस्टए डेब्यू भी कर लिया था. 1 मई, 2011 को नॉर्थहैम्पटनशायर के खिलाफ डरहम के लिए वुड ने अपना लिस्ट ए डेब्यू किया था. इस मैच में वुड विकेटलेस रहे थे और उनकी टीम को 5 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा श्रीलंका ए के खिलाफ भी फर्स्ट क्लास मैचों में वुड टीम का हिस्सा रहे और स्कॉटलैंड के खिलाफ लिस्ट ए में. 2014 में श्रीलंका दौरे पर वुड ने इंग्लैंड लायंस के लिए पदार्पण किया था.

नाटिंघमशायर के खिलाफ अगस्त, 2012 में मार्क वुड ने 78 रन पर 5 विकेट चटकाकर अपनी टीम को जीत दिला दी थी और यह वुड के लिए करियर टर्निंग प्रदर्शन साबित हुआ. इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीव हार्मिसन की तरह वुड भी नॉर्थहंबरलैंड के एशिंगटन से हैं और वुड भी उसी क्लब के लिए खेले, जिससे हार्मिसन खेले. वुड जब 18 साल के थे, तब हार्मिसन ने उन्हें खेल में सुधार के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए प्रोत्साहित किया. इससे वुड की गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ था.

2015 के मार्च महीने में वेस्टइंडीज का दौरा करने वाली इंग्लैंड की टेस्ट टीम में मार्क वुड को शामिल किया गया, हालांकि वो सीरीज नहीं खेल सके थे. मार्क वुड ने 8 मई, 2015 को आयरलैंड के विरुद्ध इंग्लैंड के लिए अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू किया. हालांकि यह मैच बारिश की वजह से थोड़ा सा ही हो सका लेकिन वुड ने अपना पहला इंटरनेशनल विकेट हासिल कर लिया. इसी महीने वुड ने अपना टेस्ट अंतराष्ट्रीय डेब्यू भी किया था, न्यूजीलैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स में, 21 मई को. अपने पहले टेस्ट अंतराष्ट्रीय मैच की पहली पारी में वुड ने 3 विकेट चटकाए थे जबकि दूसरी पारी में 1 विकेट. इंग्लैंड ने मुकाबला 124 रनों से जीता था. इसके बाद दूसरे मैच में भी वुड ने गेंद से प्रभावित किया. वुड ने 5 विकेट झटके, हालांकि इंग्लैंड को मैच में हार मिली थी.

2015 के एशेज सीरीज में वुड ने चोटिल होने के बावजूद बेहतरीन गेंदबाजी की थी, वो इंजरी के चलते तीसरा टेस्ट नहीं खेल सके थे. पूरे सीरीज में उन्होंने 10 विकेट लिए थे और इंग्लैंड ने 3-2 से सीरीज अपने नाम की थी. वनडे सीरीज में इंग्लैंड की टीम को हार का सामना करना पड़ा था और पूरे सीरीज में वुड काफी महंगे साबित हुए थे.

फिर पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलने इंग्लैंड की टीम ने UAE का दौरा किया. पहले टेस्ट में वुड को सिर्फ 1 सफलता मिली, और मैच ड्रा हुआ था. दूसरे मैच में वुड ने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 2 विकेट लिए थे, लेकिन इंग्लैंड मैच हार गई थी. इसके बाद टखने की इंजरी के चलते वो श्रीलंका के खिलाफ पूरे सीरीज से बाहर हो गए थे. पाकिस्तान के खिलाफ साल 2016 में वनडे सीरीज से वुड ने वापसी की. यहां वुड ने जबरदस्त गेंदबाजी का मुजायरा किया और इंग्लैंड ने सीरीज 4-1 से अपने नाम की. वुड ने 4 मैचों में कुल 7 विकेट झटके थे. इसके बाद वुड करीब 3 सालों तक एक्शन में नहीं दिखे, उनकी वापसी हुई वेस्टइंडीज दौरे पर, जब उनको चोटिल ओली स्टोन की जगह शामिल किया गया. 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वुड को इंग्लैंड के स्क्वाड में चुना गया था लेकिन वो शुरुआती 2 मैच नहीं खेले, दोनों में इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद तीसरे और अंतिम टेस्ट में वुड को प्लेइंग-11 में शामिल किया गया. वुड ने जबरदस्त वापसी और अपना पहला टेस्ट फाइवविकेट हॉल प्राप्त किया. उन्होंने सिर्फ 8.2 ओवरों में 41 रन देते हुए 5 विकेट चटकाए थे, यही नहीं वो मैच के सबसे तेज गेंदबाज रहे थे.

इसी साल इंग्लैंड में ही वनडे वर्ल्ड कप खेला गया था और वुड का नाम इंग्लिश स्क्वाड में था. 14 जून, 2019 को वेस्टइंडीज के विरुद्ध उन्होंने अपना 50वां वनडे विकेट हासिल किया और 11 जुलाई, 2019 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में वुड ने इंग्लैंड के लिए अपना 50वां वनडे अंतराष्ट्रीय मैच खेला था. फाइनल मुकाबले में नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए वुड आखिरी गेंद पर रनआउट हो गए थे, जिसके बाद सुपर ओवर खेला गया था. मैच के दौरान वुड चोटिल हो गए थे, जिस वजह से वो 2019 एशेज के शुरूआती तीन टेस्ट से बाहर हो गए थे.

2019 एशेज और न्यूजीलैंड दौरे से बाहर होने के बाद वुड ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच से टेस्ट क्रिकेट में वापसी की. पहली पारी में 23 गेंदों पर 42 रन बनाने के बाद दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में वुड ने 3 विकेट चटकाए थे और इंग्लैंड ने जीत दर्ज की थी. चौथे टेस्ट में वुड ने 9 विकेट लिए, जिसमें पहली पारी में फाइवविकेट हॉल शामिल था. बल्ले से भी वुड ने 35 रन का योगदान दिया था और इंग्लैंड ने एक और जीत दर्ज की.

29 मई 2020 को, COVID-19 महामारी के बाद इंग्लैंड में शुरू होने वाले अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों से पहले प्रशिक्षण शुरू करने के लिए वुड को खिलाड़ियों के 55-सदस्यीय समूह में नामित किया गया था. कोविड महांमारी का असर क्रिकेट पर भी बुरी तरह हुआ. लेकिन उस दौरान जो पहला टेस्ट सीरीज खेला गया था, वह था इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच में. मार्क वुड को सीरीज के लिए 13-सदस्यीय टीम में चुना गया था.

सितंबर, 2021 में वुड को 2021 ICC मेंस टी20 वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड के स्क्वाड में चुना गया था. इसके बाद उनको 2021-22 एशेज के लिए भी इंग्लिश टीम में शामिल किया गया.

ऑस्ट्रेलिया में खेले गए ICC टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए भी वुड इंग्लिश टीम का हिस्सा थे. वुड टूर्नामेंट के सबसे तेज गेंदबाज साबित हुए, वो सुपर-12 स्टेज के सारे मुकाबले खेले लेकिन चोटिल होने के चलते सेमीफाइनल और फाइनल मिस कर गए. फाइनल में पाकिस्तान को हराकर इंग्लैंड चैंपियन बनी और वुड उन 6 खिलाड़ियों में से थे, जो 2019 वनडे और 2022 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली इंग्लिश टीम का हिस्सा थे.

मार्क वुड के निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड सारा लोंसडेल से 30 दिसंबर, 2018 को शादी रचाई थी. सारा पेशे से एक टीचर हैं और यूट्यूब और इन्स्टाग्राम का जानामाना चेहरा हैं. वुड और सारा 2014 से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं. 30 दिसंबर, 2016 को दोनों ने सगाई की थी.

मार्क वुड एक टीटोटल हैं और लेबर पार्टी के समर्थक. टीटोटलिज़्म शराब के सेवन से पूर्ण व्यक्तिगत संयम का अभ्यास या प्रचार है, विशेष रूप से मादक पेय में. एक व्यक्ति जो टीटोटलिज्म का अभ्यास करता है (और संभवतः वकालत करता है) को टीटोटलर या टीटोटलर कहा जाता है, या इसे केवल टीटोटलर कहा जाता है.

मार्क वुड इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब न्यूकैसल यूनाइटेड FC को सपोर्ट करते हैं.

मार्क वुड इंडियन प्रीमियर लीग(IPL) का भी हिस्सा हैं. 28 जनवरी, 2018 को चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें 1.5 करोड़ रूपए में खरीदा था. फ़रवरी, 2022 में हुए मेगा ऑक्शन में उनको लखनऊ सुपरजायंट्स ने 7.5 करोड़ रूपए में खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया. वो लखनऊ के लिए लाजवाब प्रदर्शन कर रहे हैं.

मार्क वुड के अबतक के क्रिकेटिंग करियर पर एक नजर उन्होंने 28 टेस्ट मैचों में 90 विकेट चटकाए हैं और 641 रन भी बनाए हैं, जिसमें 1 अर्द्धशतक भी शामिल है. 59 वनडे मैचों में उन्होंने 71 विकेट लिए हैं जबकि 28 टी20 अंतराष्ट्रीय मुकाबलों में उनके नाम 45 विकेट दर्ज हैं.

वुड ने 69 फर्स्ट क्लास मैचों में 226 विकेट लेने के अलावा 1807 रन बनाए हैं. यहां वुड के बाले से 5 अर्द्धशतक निकले हैं. लिस्ट ए के 93 मैचों में उन्होंने 117 विकेट हासिल किए हैं. 

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