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मोकामा से कौन बनेगा विधायक? दो बाहुबलियों के बीच है मुकाबला

Bihari News

बिहार में विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की तरफ से चुनाव प्रचार जारी है. इधर चुनाव को लेकर निर्वाचन अधिकारियों के बीच में भी तैयारी चल रही है. महागठबंधन और बीजेपी की तरफ से अपने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी गई है. मोकामा में एक तरफ जहां पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव मैदान में हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने सोनम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है. मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को चुनाव होना है. जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों से लेकर निर्वाचन आयोग तक चुनावी तैयारियों में जुटा हुआ है. बता दें कि नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ आ जाने के बाद से पूरा चुनावी समीकरण ही बदल गया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के गठबंधन बदलने के बाद यह पहला चुनाव होगा ऐसे में नीतीश कुमार का भी लिटमसट टेस्ट हो जाएगा. और यह चुनाव रोचक भी होने वाला है.

मोकामा विधानसभा सीट पर राजद का दबदवा रहा है. इस क्षेत्र में बाहुबली नेता अंनत सिंह का खुब प्रभाव रहा है. अनंत सिंह जब किसी भी पार्टी में नहीं थे तब भी वे चुनाव जीतते रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस विधानसभा पर अनंत सिंह का अलग से प्रभाव काम करता है. राजनीतिक पार्टियों के तो वोटर और उनके समर्थक हैं ही साथ ही साथ अनंत सिंह के अपने वोटर और अपने समर्थक हैं ऐसे में अनंत सिंह जिस पाले में हैं यहां की सीट उस पार्टी की तरफ जाने के ज्यादा चांस हैं. आपको बता दें कि मोकाम मुंगेर लोकसभा में आता है. और यहां से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव जीतकर आए हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को चुनाव मैदान में हराया था. 2020 के विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से अनंत सिंह राजद के टिकट से चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत मिली थी.

दरअसल मोकामा में असली लड़ाई अनंत सिंह बनाम ललन सिंह हो गया है. दोनों ही नेता बाहुबली है. अनंत सिंह की पत्नी को राजद ने टिकट दिया है तो वहीं ललन सिंह की पत्नी को टिकट दिया है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि साल 2015 के बाद यह पहला मुकाबला हो रहा है जिसमें दोनों पार्टियों के बीच में कड़ा टक्कर देखने को मिल सकता है. ललन सिंह बिहार के बाहुबली नेता सुरजभान सिंह के चचेरे भाई है. अगर ललन सिंह के राजनीतिक सफर को देखें तो वे सबसे पहले रामविलास की पार्टी में थे उसके बाद पप्पू यादव की पार्टी जनअधिकार पार्टी में रहे इस दौरान अनंत सिंह और ललन सिंह के बीच में राजनीतिक मुकाबला देखे को मिला था. लेकिन ललन सिंह को उस समय लाभ नहीं मिला. इसके बाद अब जाकर ललन सिंह को बीजेपी का साथ मिला है और अनंत सिंह को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरे हैं. ललन सिंह बीजेपी में आने से पहले जदयू के सदस्य थे. ऐसे में अब यह मुकाबला रोचक हो गया है. ऐसे में अब यह कहा जा रहा है कि जब कहा जा रहा है कि दो बाहुबलियों के बीच में मुकाबला हो रहा है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि इस बार होने वाला उपचुनाव बीजेपी के लिए जितना महत्वपूर्ण हैं उतना ही जदयू के लिए भी हैं. ऐसे में अब देखना है कि जनता किसे अपना विधायक चुनती है.

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