धोनी वह नाम है जो पत्थर को भी छू ले तो सोना बना दे। उन्होंने आते ही भारत को टी 20 वर्ल्डकप चैंपियन बनाया। 3 साल के अंदर 2 आईसीसी ट्रॉफी भारत की झोली में और डाल दी। भारत ने वनडे वर्ल्ड कप 1983 में कपिल देव की कप्तानी में जीता था। 28 साल के इस सूखे को महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बल्ले से छक्का लगाकर खत्म किया। इसके बाद 2013 में माही का करिश्मा एक बार फिर हमे देखने को मिला, इंग्लैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उन्होंने अपनी जादुई कप्तानी से इंग्लैंड के मुंह ट्रॉफी छीन कर भारत की झोली में डाल दी। उसी चैंपियंस ट्रॉफी की देन है रोहित शर्मा और शिखर धवन जैसे महान खिलाड़ी। लगातार विफल होते रोहित शर्मा को धोनी ने ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंप उन्हे रातों रात स्टार खिलाड़ी में परिवर्तित कर दिया। धोनी किस्मत से ज्यादा अपनी मेहनत को महत्व देते हैं। वह कहते है अगर आप सही प्रोसेस और ट्रेनिंग करेंगे तो रिजल्ट आपको आज नहीं तो कल मिलेगा ही।
एक बार फिर धोनी जैसी महान शख्सियत की जरूरत भारतीय टीम को आन पड़ी है भारत 2013 के बाद से कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाया है यहां तक हमारे प्रदर्शन में भी निरंतर गिरावट दर्ज की गई है हम द्विपक्षीय सीरीज में तो धमाकेदार प्रदर्शन करते हैं मगर आईसीसी और एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में हमारी घिग्घी बँध जाती है इस साल भी भारत ने T20 वर्ल्ड कप में लीग स्टेज में 5 मुकाबले खेले जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में हम बड़ी मुश्किल से जीते तो वही साउथ अफ्रीका जैसे बड़ी टीम के आगे हमारे बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप हो गए। हम केवल जिंबाब्वे और नीदरलैंड्स के खिलाफ ही मैच आराम से जीत पाए। बांग्लादेश ने भी भारत को जबरदस्त टक्कर दी थी अंत में जरूर भारतीय गेंदबाजों ने वापसी करते हुए मैच जीत लिया था मगर हमने केवल छोटी टीमों के खिलाफ अच्छा खेल दिखाया है। हमने किसी भी बड़ी टीम के खिलाफ चढ़ कर नहीं खेला। अंत में हमारी पोल इंग्लैंड ने सेमीफाइनल मुकाबले में खोल दी। पहले तो बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर हम सिर्फ 168 रन ही बना पाए और फिर हमारे गेंदबाजों ने इंग्लैंड का एक भी विकेट ना चटकाकर खूब किरकिरी कराई।
अब धोनी ही है जो भारतीय टीम की आईसीसी ट्रॉफी जीतने की इच्छा को जीवित रख सकते है। बीसीसीआई सख्त कदम उठाते हुए बड़ा बदलाव करने जा रही हैं। बीसीसीआई द्वारा टीम इंडिया के टी-20 खेलने के तरीके को पूरी तरह से बदलने की बात की जा रही है। इसमें सबसे बड़ी बात हार्दिक पांड्या को भारत का अगला टी 20 कप्तान नियुक्त किए जाने है साथ ही टी-20 और वनडे में अलग-अलग कप्तान, कोच को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी।
इसमें सबसे बड़ी भूमिका में एमएस धोनी दिखाई दे सकते है। बीसीसीआई ने इससे पहले भी एमएस धोनी को टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के लिए भी बतौर मेंटर टीम इंडिया के साथ जोड़ा गया था, लेकिन वह सिर्फ एक टूर्नामेंट की बात थी और अचानक ऐसा होने पर कोई बड़ा असर नहीं दिखा था।
एमएस धोनी आईपीएल 2023 के बाद संन्यास ले सकते है। ऐसे में बीसीसीआई उनसे टी-20 फॉर्मेट में टीम इंडिया के साथ काम करने को कह सकता है। धोनी के पास अद्भुत लीडरशिप क्वालिटी है और प्रेशर को शोकने की असीम छमता है ऐसे में उनके ये गुण ने युवा खिलाड़ियों को तराशा और सिखाया जा सकता हैं।