उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के रक्षक मुलायम सिंह ने आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव की गिनती उन नेताओं में की जाती है जिन्होंने केवल अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में अपनी ख़ास पहचान बना रखी हो. बता दे कि मुलायम की सियासी चालों से देश की राजनीति की दिशा और दशा कई बार निर्धारित की गयी हैं. उन्होंने अपने राज्य यूपी का सियासी रुख चरखा दांव से मोड़ दिया था. यह बात उस समय की है जब अजित सिंह मुख्यमंत्री बनने वाले थे, उस दौरान मुलायम सिंह ने अचानक चरखा दांव खेला और मुख्यमंत्री का ताज अपने नाम कर लिया. इसके अलावा भी मुलायम सिंह ने साल 1991 में अयोध्या के विवादित ढांचे के बाद कांशीराम से हाथ मिलाकर भाजपा को पटखनी मार दी. लेकिन, इसके बावजूद भी लालू यादव ने उन्हें राजनीति के खेल में बड़ी पटखनी दी थी और लालू ने मुलायम यादव सिंह को पीएम बनाने से रोक दिया था.
इस बात को मुलायम सिंह यादव कभी भूल नही पाए थे. बता दे कि यह बात साल 1996 की हैं , जब मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमन्त्री बनने वाले थे. ऐसा कहा जाता हैं कि मुख्यमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह के नाम को चुना गया था और साथ ही उनके नाम पर मुहर भी लग गयी थी. राजनीति की जानकारों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव के प्रधान मंत्री के पद की शपथ ग्रहण की तारीख और समय सब कुछ तय कर लिया गया था और वह जल्द ही देश के नए प्रधानमन्त्री बनने वाले थे. लेकिन, लालू प्रसाद ने उनके प्रधानमंत्री बनने पर ब्रेक लगा दिया था. जिसके बाद प्रधानमंत्री पद के लिए खीचतान की स्थिति बन गयी और इसी खीचतान के बीच एचडी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार सौप दिया गया और मुलायम सिंह के हाथ कुछ नही लग पाया.
दरअसल, लालू यादव चाहते थे कि उनकी बेटी की शादी अखिलेश यादव से हो. लेकिन अखिलेश यादव इस शादी के लिए तैयार नही थे. इसके बावजूद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को समझाने की बहोत कोशिश की कि वे लालू यादव की बेटी से शादी कर ले. लेकिन अखिलेश यादव नही माने और जब मुलायम सिंह ने उनसे शादी के बारे में बात की तो, अखिलेश से डिंपल से शादी की बात बता दी. मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को समझाने का बहोत प्रयाश किया, लेकिन जब अखिलेश साडी के लिए नहीं राजी हुए तो लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने मुलायम सिंह यादव को अपना समर्थन नही दिया और मुलायम सिंह के हांथों से प्रधामंत्री की कुर्सी निकल गयी. जिसके बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मुलायम सिंह के स्थान पर एचडी देवगौड़ा को बैठा दिया गया. यह पहली बार था जब मुलायम सिंह के प्रधानमंत्री बनने के सपने पर लालू यादव बीच में आये थे. इसके बाद भी एक बार और ऐसा समय आया जब मुलायम सिंह यादव को देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुना जा सकता था.
![](https://biharinews.in9.cdn-alpha.com/wp-content/uploads/2022/10/13-2-300x200.jpg)
बता दे कि एचडी देवगौड़ा एक साल से ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाए थे. तब एक बार फिर मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री पद के लिए चर्चा में आ गए और ज्यादातर पार्टियाँ भी उनके पक्ष में थी. हालांकि एक बार फिर लालू यादव मुलायम सिंह के सामने आ गए और उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था. तब लालू यादव ने यह बात कहकर पूरे देश में सनसनी फैला दी थी कि अगर किसी यादव को ही देश का प्रधानमंत्री बनाना है तो लालू यादव को क्यों नही बनाया जा सकता. इस विरोध के बाद ही मुलायम सिंह फिर पीएम बनने से छुक गए थे. हालांकि रास्ट्रीय राजनीति में उन्होंने अपना दबदबा 2014 तक बनाए रखा था.