जल्द ही नवरात्र के पूजा की शुरुआत होने वाली हैं, जिसे लेकर लोगों में खासा ख़ुशी का माहौल देखने को मिलता हैं. वहीं इस पूजा में कुछ ख़ास बातों का ख्याल भी रखना होता हैं. बता दे कि नवरात्री 9 दिनों का त्योहार होता हैं और इन 9 दिनों में सभी दिन किसी न किसी विशेष देवी की पूजा की जाती हैं और पूजा करने का तरीका भी काफी विशेष होता हैं. जिनमें कन्या पूजन बेहत महत्वपूर्ण होता हैं. आज हम आपको कन्या पूजन से जुड़ी ही कुछ ऐसी बाते बतायेंगे जो आपके लिए जानना बेहद जरुरी भी हैं.आइए सबसे पहले बताते है कि कन्या पूजन के दौरान आपको किन बातों का ख्याल रखना हैं. नवरात्री के दौरान कन्याओं को भोजन कराने की परंपरा को लेकर नियासिंधू और दुर्गाचरण पद्धति में बताया गया हैं. कुमारी भोजन यानी की कन्या भोजन कराने के पांच प्रमुख क्रियाएं है जो कि बेहद ख़ास हैं- सबसे पहले जो कन्याएं आती हैं सबसे पहले उनके पैरों को धो कर उनके सिर पर टिका लगाएं, इसके बाद उनकी आरती करें. उन्हें अप्पने हांथों के द्वारा बना भोजन खिलाएं और अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें. ध्यान रहे की इस दौरान कन्याओं को पूर्व की ओर मुख कर के अर्ध्य देना चाहिए और पद्य देना चाहिए. इसके साथ ही दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके निरंजन करना चाहिए और टिका उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके करना चाहिए. इसके अलावा कन्याओं को भोजन मुख करके देना चाहिए. वहीं दक्षिणा देने समय यह ध्यान रखें की आप ऊपर की ओर देख कर उन्हें भोजन दे रहे हो और आशीर्वाद लेते समय इस बात का सध्यां रखें की आप उस समय पृथ्वी की ओर देखते हुए आशीर्वाद लें. कुमारी पूजन के दौरान ध्यान देने वाली बात यह होती हैं कि जब आप कुवारियों को भोजन के लिए बैठाते है तो उस समय 2 साल की कम उम्र की कुवारियों को पहले बैठाया जाएँ और फिर 3 साल की कुमारियों को बैठाया जाए फिर बाकी कुमारियों को सीट दिया जायें. जबकि आप उस समय कुश के आसन पर बैठे.चलिए अब हम आपको बताते हैं की कन्या पूजन करने से हमें क्या लाभ मिलता हैं. कुमारी पूजन करने से दुख-दरिद्र दूर होती है तथा शत्रु का शमन होता है. इससे धन, आयु एवं बल की वृद्धि होती है. त्रिमूर्ति की पूजा से धर्म, अर्थ तथा काम की सिद्धि मिलती है. इसी तरह कल्याणी की पूजा करने से विद्या, विजय एवं राजसुख की प्राप्ति होती है. नवमीं के दिन जिस घर से कुंमारियां ख़ुशी-खुशी न्होजन करके विदा लेती हैं उस घर में सकारात्मकता आती हैं. शक्ति के आराधकों के लिए इस दिन ये कन्याएं साक्षात माँ दुर्गा के समान होती हैं. इनकी आराधना करने से माँ प्रशन्न होती हैं और सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं.