बिहार में इन दिनों बयानों का दौर जारी है. बता दें कि बीजेपी और अलग होने के बाद नीतीश कुमार बीजेपी के विरोध में मुखर होकर बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने का जिम्मा भी उठाया है. इसके तहत पिछले दिनों उन्होंने एक पहल भी की थी लेकिन वह उतना सफल नहीं हो पाया था. ऐसे में नीतीश कुमार एक बार फिर से विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगे हुए हैं. नीतीश कुमार ने सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस से आवाहन किया है कि अगर आप चाहे तो पूरा विपक्ष एकजुट हो सकता है और हम बीजेपी को 100 से भी कम सीटों पर ला सकते हैं. लेकिन इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को इसको लेकर जल्द ही फैसला लेना होगा.
इस सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग एकजुट हो जाएं. आज आप आए हुए हैं तो आप ही के माध्यम से आपके पार्टी के नेतृत्व को हम अनुरोध करेंगे कि जल्दी से जल्दी फैसला करिए और हमलोगों को बुलाकर के बात कर लीजिए. कहां-कहां और किसके किसके साथ एक जुट होकर के अगला चुनाव लड़ना है. ये फैसला जिस दिन कर लीजिएगा, उसी दिन हम सब लोग एक जुट हो जाएँगे. और मिल के लड़ेंगे. आप जान लीजिए कि अच्छी तरह से इनसे मुक्ति हो जाएगी. इससे आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपलोग ठीक से सोच कर के चलिएगा जो हम कह रहे हैं शुरू से. हम इंतजार कर रहे हैं. अगर मेरा सुझाव को मान लिजिएगा तो ये लोग यानी कि बीजेपी 100 से नीचे आएगी. सीएम नीतीश ने कहा कि मेरा बतवा मानिएगा नहीं मानिएगा तो क्या होगा आप जानिए. आपलोग लोग जानिए. इसीलिए कह रहे हैं कि जल्दी फैसला करिए. अगर आपलोग इस बार ये सोच लीजिएगा पूरे देश के हित में तो अच्छा होगा और आपको भी फायदा होगा.
नीतीश कुमार ने भाकपा के मंच से विपक्षी एकता को स्थापित करने की जिम्मेदारी अब कांग्रेस के ऊपर छोड़ दिया है. ऐसे में अब देखना है कि कांग्रेस आगे किस तरह का रूख अख्तियार करती है. लेकिन विपक्षी एकता को स्थापित करने के लिए नीतीश कुमार मेन फ्रंट की बात करते हैं जबकि केसीआर थर्ड फ्रंट बनाने की बात करते हैं. केसीआर की एकता में कांग्रेस को दूर करने की बात करते हैं जबकि नीतीश कुमार सभी को एक साथ लाकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कहते हैं. ऐसे में अगर कांग्रेस साथ आने की बात भी करती है तो क्या केसीआर कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में आने को मान जाएंगे. ऐसे में अभी भी यह कहा जा रहा है कि विपक्षी एकता को एकजुट होना और उसमें प्रधानमंत्री का दावेदार कौन होगा यह कहना मुश्किल हैं हालांकि नीतीशकुमार ने कांग्रेस को यह जरूर कहा है कि आप सोच करबताइए कि आगे क्या करना है. हमारे साथ आ रहे हैं या फिर आप पूरे देस में अकेले ही चुनाव मैदान में होंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि साथ आइएगा तो आपको भी फायदा होगा देश को फायदा होगा.
ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि विपक्षी एकता को एकजुट करने में जुटे नीतीश कुमार कितना सफल हो पाते हैं. 25 फरवरी को एक और रैली होनी है पूर्णिया में जिसकी भी तैयारी जोर शोर से चल रही है. वहां भी विपक्षी एकता का जुटान देखने को मिलने वाला है. ऐसे में कांग्रेस केसीआर और नीतीश कुमार पर विपक्षी एकता का दारोमदार टीका हुआ है.