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इफ्तार पार्टी के बाद बदल गई थी सरकार, क्या फिर चौकाएंगे नीतीश कुमार ?

Bihari News

पिछले साल की इफ्तार पार्टी किसे याद नहीं होगी. राजनीति की थो़ड़ी बहुत समझ रखने वाले भी ये आसानी से कह सकते हैं कि महागठबंधन सरकार की पटकथा इन्ही इफ्तार पार्टियों से होकर गुजरी थी. अब एक बार फिर से इफ्तार पार्टी की शुरुआत हो गई है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि इस बार क्या होगा. दरअसल यह सबकुछ इसलिए कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के बारे में कुछ भी कहना बड़ा मुश्किल है. कि उनकी अगली चाल क्या होगा ? अगर नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी को ही देखेंगे तो कई चीजे स्पष्ट होती चली जाएगी. नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी पर एक नजर डाल लेते हैं

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नीतीश कुमार जब 2017 में लालू यादव के इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे, तब उनकी खूब आवभगत हुई थी. लालू प्रसाद यादव ने गले लगे नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश की थी. इस दौरान इन दोनों नेताओं में गुफ्तगु भी खूब हुई थी. इस समय बिहार में महागठबंधन की सरकार थी. उसी साल राष्ट्रपति का चुनाव भी होना था. इस दौरान यूपीए की तरफ से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रही मीरा कुमार को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया था. इधर एनडीए की तरफ से उस समय के बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया था. लेकिन नीतीश कुमार ने लालू आवास से इफ्तार पार्टी करने के बाद जैसे ही बाहर निकले उन्होंने दो टूक में अपनी बात कह दी और स्पष्ट कर दिया कि उनकी मंशा क्या है? दरअसल नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार में मतदान के लिए रामनाथ कोविंद के नाम का समर्थन कर दिया. नीतीश कुमार के इस बयान को सुनकर लालू यादव दंग रह गए थे. उसके बाद हमसभी लोग जानते हैं कि किस तरह से नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए और फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता के साथ हो लिए.

अब जरा बात कर लेते हैं 2022 के इफ्तार पार्टी को लेकर. यह वह दौर था जब बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. इसी दौरान लालू परिवार की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया और नीतीश कुमार को भी निमंत्रण मिला था. जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि क्या बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव होने वाला है. नीतीश कुमार के बारे में यह कहा जाता है कि सिद्धांत उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है. वे परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल लेते हैं. नीतीश कुमार जब लालू यादव के यहां पहुंचे थे तो उसी समय सियासत तेज हो गई थी. स्थिति यह थी कि नीतीश कुमार पैदल ही राबड़ी आवास पहुंच गए थे. उसके बाद जदयू की तरफ से हज भवन में दिए गए इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव पहुंचे थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस इफ्तार पार्टी के लगभग डेढ़ महीने के बाद महागठबंधन की सरकार बन गई. देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि इस इफ्तार पार्टी में आने वाले नेताओं पर सभी की नजरें बनी रहेगी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है. इस आयोजन में प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के साथ ही पक्ष और विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार कोरोना काल से पहले हर साल इफ्तार पार्टी देते रहे हैं. ऐसे में अब देखना यह है कि नीतीश के इस इफ्तार में बीजेपी के नेता शामिल होते हैं या नहीं.

JDU की तरफ से 8 अप्रैल को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है तो वहीं 9 अप्रैल को तेजस्वी यादव की तरफ से इफ्तार का आयोजन किया गया है. जबकि 16 अप्रैल को जीतन राम मांझी की तरफ से इफ्तार का आयोजन किया जाना है. इसके अलावा कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों की तरफ से अगले सप्ताह में इफ्तार पार्टी आयोजन किये जाने की बात कही जा रही है.

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