सामाधान यात्रा की शुरुआत के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है. बता दे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों पश्चिम चंपारण के बगहा में हैं और जहां वे समाधान यात्रा की शुरुआत किये हैं. इस यात्रा की शुरुआत के पहे दिन बगहा के दरुआ बाड़ी गांव पहुंचे हैं, इस गांव में पहुंचने के बाद उन्होंने गांव में चल रही विकास योजनाओं का जायजा लिया. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दौरान सात निश्चय योजनाओं का भी जायजा लेंगे. साथ ही आंगनबाड़ी में गोद भराई की रस्म में शामिल होंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री की यात्रा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है.

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दरुआ बाड़ी गांव में मीडिया के द्वारा पुछा गया कि क्या आप देश की यात्रा पर निकलेंगे इसके जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि अभी वे बिहार में घूम-घूमकर यहां के कार्यों का जायजा लेंगे. एक बार अपने गृह राज्य बिहार को देख लें, कहीं कुछ काम बाकी रह गया है तो पूरा कर लें. आपको बता दें कि नीतीश कुमार की समाधान यात्रा फरवरी तक चलेगी. इसके बाद विधानसभा का बजह सत्र शुरू हो जाएगा. उसके बाद देश की यात्रा पर निकलने के बारे में देखेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि पहले यहां आए थे, कुछ काम तो हुआ है लेकिन अभी कुछ बाकी है. योजना में अगर देरी आ रही है तो इसे देखेंगे कि देरी क्यों हो रही है. बिहार के बच्चे पढ़ रहे हैं यह देखकर खुशी होती है. बच्चों की पढाई अच्छी तरीके से करने के लिए हर तरह के काम हो रहे हैं.

इस पूरे मामले पर जहां विपक्ष का कहना है कि इस कड़ाके की ठंड लग जाएगी, इस पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि इ सब से क्या लेना देना है हमको. आप तो जानते ही है जब से हैं तब से तो घूमते ही रहते हैं. इसके पहले जब सांसद थे तब भी अपने क्षेत्र में घूमते रहते थे, ठंडा से क्या मतलब है.इस यात्रा को लेकर खास बात ये है कि नीतीश कुमार इस यात्रा के दौरान कोई बड़ी रैली नहीं करेंगे, कोई भाषण नहीं देंगे. उनकी पिछली यात्राओं के मुकाबले यह यात्रा काफी अलग रहने वाली है. नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ सत्ता में आने के बाद विपक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था और शराबबंदी समेत अन्य मुद्दों पर उन पर सवाल उठा रही है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले समाधान यात्रा जेडीयू के लिए काफी अहम मानी जा रही है.

आपको बता दें कि नीतीश कुमार की नजर देश की राजनीति पर है. बिहार नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से पूरे देश में विपक्ष को एकजूट करने मे जुटे हैं. आपको बता दें कि तीन महीने पहले ही उन्होंने विपक्षी एकजुटता को एक करने के लिए दिल्ली गए थे जहां उनकी मुलाकात सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, केसीआर समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं से मुलाकात की थी. हालांकि उस समय नीतीश कुमार को कोई खास सफलता नहीं मिली है. बता दें कि जदयू नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार के रूप में देख रहा है. जदयू के नेता मंचों से इस बात का जिक्र कर चुके हैं. हालांकि जब नीतीश कुमार से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में पुछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर सभी दलों के बीच में सहमती बन जाती है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार समाधान यात्रा के साथ ही अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत कर रहे हैं. साथ ही देश में विपक्षी एकता को मजबूत भी कर रहे हैं. हालांकि यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को सभी नेताओं को एक मंच पर लाना इतना आसान नहीं है. क्योंकि सब की अपनी अपनी उम्मीदें है अपने अपने विचार हैं.

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