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KCR की सभा में विपक्ष का हुआ जुटान, अब नीतीश क्या करेंगे?

Bihari News

नीतीश कुमार बिहार में समाधान यात्रा कर रहे हैं तो वही लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्ष अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. देश में नरेंद्र मोदी की सरकार है और उस सरकार को गिराने के लिए विपक्ष के कई चेहरे सामने आ गए हैं. हालांकि पिछले दिनों जिस तरह से नीतीश कुमार का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदावर के रूप में प्रयोजित किया गया था अब लगता है उसमें टूट दिख रहा है. क्योंकि बीजेपी के अलावा पार्टियां अपनी एक अलग गुट बनाती दिख रही है. जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री और राजद को निमंत्रण नहीं दिया गया है. बता दें कि बुधवार को तेलंगाना के खम्मम में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था जिसमें कई राज्यों के नेताओं को बुलाया गया था लेकिन इन सभा में बिहार के किसी भी नेता को निमंत्रण नहीं दिया गया था. बता दें कि इस सभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंभी भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और लेफ्ट के कई नेता वहां पहुंचे थे. लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि विपक्षी एकता को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार ही इस सभा में नहीं बुलाए गए.

आपको बता दें कि केसीआर ने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदल कर भारत राष्ट्र समिति रख लिया. पार्टी का नाम बदलने के बाद पहली बार तेलंगाना में ब़ड़ी रैली का आयोजन किया. बता दें कि इस सभा की शुरुआत होने से पहले नेताओं को यादाद्री स्थित लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर में ले गए और दर्शन कराए इसके बाद खम्मम में किसानों को समर्पित जनसभा को संबोधित किया. आपको बता दें कि तेलंगाना में इस साल के अंत कर विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में बीजेपी भी यहां ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. बता दें कि केसीआर इन दिनों एक ऐसा गठबंधन बनाना चाहते हैं जिसमें बीजेपी और कांग्रेस न हो.

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ऐसे में अब सवाल उठता है कि नीतीश कुमार भी तो बीजेपी के विरोध में बोल रहे हैं केसीआर ने उन्हें क्यों नहीं अपनी सभा में बुलाया. तो आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन के साथ सत्ता के साझेदार बने थे. लेकिन इस दौरान नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने का ऐलान भी कर दिया था. इस दौरान केसीआर का बिहार दौरा हुआ था जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार से लेकर लालू यादव तक केसीआर से मुलाकात हुई थी. लेकिन केसीआर के साक्षा प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने की बात कही गई और उसके बाद जदयू ने नीतीश कुमार को पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया. जिसके बाद से पूरा खेल ही बिगड़ गया. इस दौरान नीतीश कुमार दिल्ली भी गए थे लेकिन विपक्षी नेताओं से मुलाकात का कोई कारगर नतीजा न निकल पाया. ऐसे में नीतीश कुमार की यह योजना ठंडे बस्ते में रह गई. लेकिन केसीआर कांग्रेस को छोड़कर इस मुहीम को आगे बढ़ाने लगे. आपको बता दें कि नीतीश कुमार कांग्रेस का साथ छोड़ना नहीं चाह रही है और केसीआर कांग्रेस को साथ में लाना नहीं चाह रही है. ऐसे में नीतीश कुमार की योजना अब ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है. और इधर केसीआर ने कांग्रेस जदयू और राजद को छोड़कर एक नई गठबंधन को हवा दे दिया है.

ऐसे में अब कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार क्या करेंगे. तो आपको बता दें कि नीतीश कुमार इन दिनों बिहार में सामाधान यात्रा पर निकले हुए है. और उन्होंने मीडिया को दिए बयान में यह साफ साफ कहा है कि बिहार बजट प्रस्तुत होने के बाद वे देश भ्रमण पर निकलेंगे. फिलहाल नीतीश कुमार की विपक्ष जोड़ने की यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई है. ऐसे में अब देखना है कि बिहार की सियासत और देश की सियासत में किस तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं.

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