देश भर के बिजली क्षेत्र में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी मांग को दोहराया है. ‘एक राष्ट्र, एक बिजली शुल्क‘ निति की मांग करते हुए उन्होंने कहा है की बिजली के कीमतों में समानता लाने की जरूरत है. उनके द्वारा कहा गया है की देश के निर्माण में हर राज्य अपनी निर्णायक भूमिका निभाती है. देश के समावेशी विकास के बारे में हम तब तक नहीं सोच सकते जब तक राज्यों की रचनात्मक भागीदारी नहीं होगी. अपनी बात को आगे रखते हुए उन्होंने कहा की मैंने पहले भी कहा है देश में वन नेशन, वन पावर टैरिफ होनी चाहिए. केंद्र सरकार की उत्पादन इकाइयों से कुछ राज्य उच्च दरों पर बिजली क्यों खरीद रहे हैं. बिहार विधानमंडल का संयुक्त बैठक चल रहा था. जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की केंद्र सरकार के बिजली उत्पादन संयत्रों से बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में अधिक दर पर बिजली मिलती है. पूरे देश में एक समान बिजली दर होने की बात भी उन्होंने कही है. साथ हीं साथ एक राष्ट्र, एक बिजली शुल्क के बारे में केंद्र सरकार को सोचना चाहिए की बात भी कही. बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को भी मुख्यमंत्री द्वारा दोहराया गया. साथ हीं साथ केंद्र सरकार की पिछड़े राज्यों के अनदेखी के लिए आलोचना भी उन्होंने की.
राज्य के तेजी से विकास किये जाने की बात भी बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा बीते बुधवार को विधानसभा में कही गयी है. उन्होंने कहा की यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता तो अच्छा हो जाता. इसी दौरान कैबिनेट की बैठक के पहले मामला मीडिया में जाने को लेकर नीतीश कुमार द्वारा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को नसीहत भी दी गयी. जिसमे मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को कहा की कैबिनेट में भेजे जाने की बात सार्वजनिक नहीं किया जाता है. जब कैबिनेट से यह पास होते हैं तो इसकी घोषणा भी की जाती है. उन्होंने कहा की हमने अखबार में देखा है की शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के हवाले से खबर छापी गयी है. उन्होंने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा की संविधान में यह प्रावधान है लेकिन अखबार में यह छपने लगा की कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया है तो यह गलत है. विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा गया की राज्य के हर क्षेत्र में हर वर्ग के लोगों के लिए काम किया जा रहा है. एक बार फिर से सबको मिल कर विशेष राज्य के दर्जे के लिए प्रयास करना चाहिए. देश का विकास तभी होगा जब बिहार आगे बढ़ेगा. बता दें की केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी समय पर मिलने की बात भी उन्होंने साफ़ लहजे में कही है.
दरअसल मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से वन नेशन, वन पॉवर टैरिफ की जो मांग की गयी है इससे उपभोक्ताओं को अधिक फायेदा होगा. ऐसा होने से उपभोक्ता के साथ–साथ राज्य सरकार भी फायदे में रहेगी. कई बार बिजली मनमानी के मामले भी देखे जाते हैं, ऐसे में बिजली मनमानी जैसे मामले भी कम होंगे. बिजली बिल को समान रखने में राज्य सरकार के साथ विद्युत् कंपनियों को भी आसानी होगी. अभी बिजली बिल के हिसाब से बिजली कंपनियां बिल को ऊपर–निचे करते रहती हैं. वहीँ राज्य सरकार भी खर्चे को ध्यान में रख कर बिल में बढ़ोतरी करते रहती है. महँगी बिजली खरीद कर सस्ते दामों पर लोगों को उपलब्ध कराये जाने और प्रीपेड मीटर उपलब्ध कराये जाने की बात भी नीतीश कुमार ने बिजली की चर्चा करते हुए कही. इसके साथ–साथ नल जल योजना और बालिका शिक्षा पर भी उन्होंने चर्चा की गयी. वहीँ जब विपक्ष जब सदन से वाकआउट कर गए तब सदन में मुख्यमंत्री ने बताया की राज्य के लोगों को शराबबंदी का लाभ मिल रहा है. साथ हीं साथ उन्होंने कहा की बिहार में एक करोड़ और 82 लाख लोग शराब को छोर चुके हैं और 92 फीसदी लोग शराबबंदी के समर्थन में हैं. रोजगार को लेकर भी बिहार में काम शुरू हो चूका है. नौकरी और रोजगार के वादे भी जरुर पूरे होंगे.