अब ऑनलाइन जमीन के राजस्व अभिलेख प्रदेश में मात्र 10 रुपये में हीं प्राप्त कर सकेंगे. इस सुविधा को आलोक मेहता जो की राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री हैं उनके द्वारा लांच किया गया है. वेबसाइट के जरिये इन दस्तावेजों को डाउनलोड भी किया जा सकता है. एक समारोह में इसकी शुरुआत राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने बुधवार को की थी. अब मात्र 10 रुपये में हीं ऑनलाइन भुगतान कर कोई भी किसान या रैयत राजस्व अभिलेखों को डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति एफोर साइज़ कॉपी को वेबसाइट से डाउनलोड कर सकता है. रैयतों को मानचित्रों की ऑनलाइन उपलब्धता और होम डिलीवरी की सुविधा विभाग द्वारा छह माह पहले से हीं दी जा रही है. ऐसे में किसानों और रैयतों को राजस्व दस्तावेजों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाने से समय में भी काफी बचत होगी. साथ हीं साथ विभाग के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा. इसमें इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट जैसे सिस्टम का भी विकास किया गया है. इसमें ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराये जाने की दिशा में विभाग की साड़ी योजनाओं और गतिविधियों को लेकर सिंगल विंडो सिस्टम के तहत काम किया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, भूअर्जन निदेशक सुशिल कुमार और सचिव जय सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे. साथ हीं साथ मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र बेहतर कार्य के लिए 5 जिलों के अपर समाहर्ता को मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र भी बांटा गया. जिसमें बांका पहले स्थान पर रहा, पूर्णिया दूसरे स्थान पर, पश्चिम चंपारण तीसरे स्थान पर, सीतामढ़ी चौथे और मधेपुरा पांचवे स्थान पर रहा.

पूरे बिहार के राजस्व दस्तावेजों के स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का काम किया जा रहा ताकि आम आदमी को डिजिटल हस्ताक्षरित कॉपी उपलब्ध करवाई जा सके. 38 जिलों में यह काम पूरा किया जाना और 28 जिलों में यह काम चल रहा है. करीब 15 करोड़ अनुमानित दस्तावेज बिहार में है. इन 15 करोड़ दस्तावेजों में से लगभग 1.30 करोड़ के लगभग में राजस्व दस्तावेजों का स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन हो चूका है. एक से डेढ़ साल में बचे दस्तावेजों को भी उपलब्ध करवाया जायेगा. जिसमे अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, आयुक्त का कार्यालय, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचल तक भी शामिल है. इसके अलावे बड़ी संख्या में राजस्व दस्तावेज हैं जिनके स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का काम जिला अभिलेखागार में चल रहा है. डेटा मैनेजमेंट के जरिये इन दस्तावेजों को संरक्षित किया जा रहा है. बता दें की प्रोफेशनल एजेंसी की मदद इस कार्य के लिए ली जा रही है. इसमें शुद्धि पत्र, खतियान, जमाबंदी और दाखिलख़ारिज के प्रति शामिल है.

आइये अब अपने इस चर्चा में हम आपको बताते हैं की बिहार लैंड रिकॉर्ड को कैसे देखें. हमें कई बार अपने पुश्तैनी भूमि का भी पता नहीं चल पाता की हमारी पुश्तैनी भूमि कहाँ पर कितनी है और किसके नाम से रजिस्टर्ड है. यदि आपको अपने पुश्तैनी भूमि का पता करना है तो आपके पास पुरखों द्वारा कटवाइ गयी जमाबंदी रशीद का मौजूद होना बहुत जरुरी है. यदि आपके पास जमाबंदी रशीद मौजूद होगी तो पुरखों के नाम पर रजिस्टर्ड भूमि का पता आसानी से लगाया जा सकें. रजिस्टर्ड पुश्तैनी भूमि का ऑनलाइन पता लगाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वेबसाइट पर जाना होगा. यहाँ जाने के बाद इसके होम पेज पर हीं जमाबंदी पंजी का आप्शन मिलेगा. इसको ओपन करने के बाद आपके पास जो भी मौजूद जानकारी है उसे फिल कर दें. जानकारी भरने के बाद खोजें का ऑप्शन मिलेगा. उस पर क्लिक कर दें. क्लिक करने के बाद आँख का निशान आयेगा. सभी रजिस्टर्ड भूमि की जानकारी लेने के लिए उस पर क्लिक करें. उसके बाद आपकी जमाबंदी आपके सामने होगी और सभी रजिस्टर्ड भूमि की जानकारी भी मिल जाएगी.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *