हार मानना जिसकी फितरत में ही नहीं, कटी उंगली से जो बन गया विश्व का सबसे बड़ा गेंदबाज !
4 साल की उम्र में कट गई उंगली, फिर भी बने दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज
डेब्यू मैच में हो गए चोटिल, करना पड़ा 5 साल का लंबा इंतजार लेकिन खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और 5 सालों बाद किया वापसी, बन गए विश्व के नंबर-1 बॉलर
टेस्ट डेब्यू करने वाले ऑस्ट्रेलिया के सबसे युवा खिलाड़ी, अपने डेब्यू मैच में ही बने ‘मैन ऑफ द मैच‘
आईपीएल इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड है जिसके नाम
लगातार 3 एशेज सीरीज में बने सबसे सफल गेंदबाज, ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने वाला पहला तेज गेंदबाज
दोस्तों, हार ना मानने वालों इंसान की ही जीत होती है. अगर आपने हार मान ली तो जीत आपको मिल ही नहीं सकती. और ये खूबी इंसानों में काफी रेयर होता है. किसी भी महान इंसान के जीवन को देखेंगे या पढेंगे तो आपको ये एक चीज सामान्य मिलेगी. आज जिस खिलाड़ी की बात करेंगे वो आधुनिक क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गेंदबाज के दाहिने हाथ की बीच की उंगली बचपन में ही कट गई थी. वह कटी उंगली तेज गेंदबाज बनने की राह में जरुर रोड़ा बनी लेकिन खिलाड़ी ने उसे ही अपनी ताकत बना लिया और विश्व का सबसे घातक तेज गेंदबाज है. खिलाड़ी को अपने टेस्ट डेब्यू पर ही इंजरी का शिकार होना पड़ा लेकिन खिलाड़ी ने 5 साल अपने मौके का इंतजार किया. आज यह खिलाड़ी ना सिर्फ विश्व का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज है बल्कि क्रिकेट का सुपरपावर ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट कप्तान है. आज के लेख में बात होगी ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज और कप्तान पैट कमिंस के बारे में. इस लेख में हम तेज गेंदबाज पैट कमिंस के जीवन से जुड़ी कुछ जानी–अनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.
पैट कमिंस का पूरा नाम है पैट्रिक जेम्स कमिंस, उनके पिता हैं पीटर कमिंस और मां मारिया कमिंस. पैट कमिंस का जन्म 8 मई, 1993 को ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में हुआ था. कमिंस ही नहीं उनका पूरा परिवार खेल प्रेमी था. 2 भाई और 2 बहनों के साथ खेल को हद से ज्यादा प्यार करने वाले लोगों के बीच बड़े हुए कमिंस को खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनानी थी और जब कमिंस में थोड़ी समझ आई तो क्रिकेट का खेल उनको आकर्षित करने लगा. कमिंस ने तभी सोच लिया था कि वो इसी खेल में अपना करियर बनाएंगे. कमिंस ने मन ही मन तय कर लिया था कि एक दिन क्रिकेट में वो अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.
क्रिकेट के खेल में कमिंस को क्या बनना था ये तभी स्पष्ट हो गया था जब उन्होंने ब्रेट ली को खेलते हुए देखा. कमिंस ब्रेट ली को एक खिलाड़ी के तौर पर पसंद करने लगे. कमिंस ब्रेट ली की ही तरह एक तेज गेंदबाज बनने का सपना देखने लगे. हालांकि कमिंस को बचपन से ही गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों क्षेत्रों में अच्छी पकड़ थी लेकिन जब कमिंस 4 साल के थे, तभी उनके साथ एक हादसा हो गया, जिससे लगने लगा कि अब कमिंस एक तेज गेंदबाज नहीं बन पाएंगे. दरअसल कमिंस जब 4 साल के थे तब एक दिन उनके दोस्तों ने उन्हें 5 लोलीपॉप दिए थे, जिसे उनको अपने भाई–बहनों में बांटना था, कमिंस की एक बहन अपने रूम में थी और दरवाजा बंद था. कमिंस ने दरवाजा खटखटाया तो उनकी बहन ने लोलीपॉप लेकर दरवाजा तेजी से बंद कर दिया, जिसके चलते उनके दाएं हाथ की बीच वाली उंगली का उपरी एक सेंटीमीटर भाग डैमेज हो गया.
कमिंस एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन उन्हें पता था कि बहन की उस गलती के कारण वो अब आम तेज गेंदबाज की तरह हर प्रकार की गेंद नहीं डाल पाएंगे लेकिन कमिंस को हार मानना बिलकुल पसंद नहीं था. वो क्रिकेट से दूरी बनाने के बजाय अब कमिंस अपने तरकस में मौजूद हर तीर को तराशने और उसे धारदार बनाने की कोशिश में लग गए थे.
पेट कमिंस ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट पॉल ग्रामर स्कूल से की जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए सिडनी में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेकनॉलोजी में चले गए, जहां से कमिंस बैचलर्स इन बिजनेस की डिग्री हासिल करके निकले.
कॉलेज में कमिंस सबसे हुनरमंद एथलीट रहे. उन्होंने साल 2010 के आसपास ग्लेनब्रुक ब्लैक्स लैंड नाम के क्रिकेट क्लब में दाखिला ले लिया, और यहीं से बतौर तेज गेंदबाज कमिंस के क्रिकेट सफर की शुरुआत हुई थी.
पेट कमिंस 2010-11 के दौरान अपना पहला बिग बैश लीग सीजन खेल रहे थे और यहीं एक तेज गेंदबाज के रूप में उनको पहचान मिली. अपना पहला बिग बैश लीग सीजन खेल रहे कमिंस ने तस्मानिया के विरुद्ध 16 रन देकर 4 विकेट चटका लिए यही नहीं वो सीजन के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. अब पेट कमिंस का नाम ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के गलियारों में गूंजने लगी. वो ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं के रडार में आ गए थे.
जिस कटी उंगली ने तेज गेंदबाज बनने की राह में मुश्किलें खड़ी की, उसी कटी उंगली को कमिंस ने अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया. कमिंस को ऐसा उनके आदर्श ब्रेट ली ने बताया. ब्रेट ली ने उन्हें कहा कि ये उनकी गेंदबाजी के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है क्योंकि इससे उन्हें अपनी गेंद को सीम और स्विंग कराने में मदद मिलेगी. ब्रेट ली की यह बात सच हुई, जब आगे चलकर कमिंस दुनिया के सबसे खतरनाक स्विंग गेंदबाज बन गए.
वो 2011 के अक्टूबर महीने की बात है, जब डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे कमिंस को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके दमदार प्रदर्शन के चलते सेन्ट्रल कॉन्ट्रैक्ट थमा दिया, उस वक्त कमिंस सिर्फ 18 साल के थे, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले वो सबसे युवा खिलाड़ी बने थे.
13 अक्टूबर, 2011 को साउथ अफ्रीका के विरुद्ध टी20 मैच में पेट कमिंस ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. अपने पहले टी20 अंतराष्ट्रीय मुकाबले में कमिंस ने अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ी और 25 रन देकर 3 विकेट झटके. अपने दूसरे टी20 इंटरनेशनल में तेज गेंदबाज का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया की तरफ से टेस्ट इंटरनेशनल कैप मिल गया.
कमिंस का टेस्ट डेब्यू टी20 डेब्यू से भी शानदार रहा था. नवंबर, 2011 में अपना पहला टेस्ट अंतराष्ट्रीय मुकाबला खेलने उतरे कमिंस को पहली पारी में तो सिर्फ 1 विकेट ही मिला लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने अफ्रीकी टीम को उखाड़ कर ही रख दिया. कमिंस ने दूसरी पारी में 6 विकेट लिए यही नहीं मैच विनिंग रन भी कमिंस के बल्ले से ही निकला. कमिंस को अपने पहले ही टेस्ट मैच में ‘मैन ऑफ द मैच‘ अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसी साल कमिंस ने अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू भी किया था लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू के दौरान वो इंजर्ड हो गए थे और यहां से सबकुछ बदल गया.
जिस गेंदबाज की तरफ अबतक क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया आशा भरी नजरों से देख रही थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया का अगला सुपरस्टार माना जाने लगा था, उसे अगले 5 सालों तक इंजरी के चलते एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला.
साल 2012 से 2017 के बीच कमिंस ऑस्ट्रेलिया की रंगीन जर्सी में तो नजर आए लेकिन अपने करियर का दूसरा टेस्ट खेलने के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ गया. कमिंस साल 2015 में हुए वनडे वर्ल्ड कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे थे लेकिन अपनी चोट के चलते वो टूर्नामेंट के सिर्फ 2 मैच ही खेल पाए. कमिंस को साल 2015 में हुई एशेज सीरीज के लिए भी टीम में शामिल किया गया था लेकिन वो कोई भी मैच नहीं खेल पाए, पूरी सीरीज के दौरान वो बेंच पर बैठे रहे थे.
कमिंस के उगते सूरज को निराशाओं के काले बादल ने ढक लिया था, लोगों को भी लगने लगा कि कमिंस अब कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे लेकिन कमिंस तो मौके का इंतजार कर रहे थे. हार मानना तो उन्होंने सीखा ही नहीं था. इस दौरान उन्हें जहां भी मौका मिलता तो अपना पूरा दम झोंक देते. कमिंस का इंतजार आखिरकार एक दिन खत्म हो ही गया, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम 2017 में भारत दौरे पर आई थी. लगभग 1946 दिनों के लंबे इंतजार के बाद कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया की सफेद जर्सी पहनी.
ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क इंजर्ड हुए तो उनकी जगह कमिंस को मौका मिल गया. कमिंस ने सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच से वापसी की और अपने पेस और कमाल की फुर्ती के कारण टीम के स्थाई सदस्य बन गए. इसके बाद पेट कमिंस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और साल दर साल बेहतर से बेहतरीन बनते चले गए.
2017-18 एशेज सीरीज में 23 विकेटों के साथ वो सबसे सफल गेंदबाज बने, और अगले सीजन तो कमिंस ने 29 विकेट हासिल कर लिए.
साल 2018 इस तेज गेंदबाज के लिए ड्रीम इयर साबित हुआ जहां उन्होंने कुल 44 विकेट अपने नाम किए और क्रिकबज की प्लेइंग एलेवेन ऑफ द इयर में अपना नाम दर्ज करवाया.
साल 2019 कमिंस के लिए नई जिम्मेदारी लेकर आई, जब उनको ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम का नया उपकप्तान चुना गया. कमिंस ने भी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए श्रीलंका के खिलाफ गाबा में 10 विकेट चटकाए, जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने वह मैच एक पारी के अंतर से जीता था.
श्रीलंका के साथ हुए उस सीरीज में कमिंस ने 14 विकेट हासिल किए थे और ‘मैन ऑफ द सीरीज‘ बने थे और अगले महीने उनको एलन बॉर्डर मेडल से सम्मानित किया गया. फरवरी, 2020 में तेज गेंदबाज ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने 100 विकेट पूरे किए. 2019 वर्ल्ड कप में कमिंस ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे थे. ऑस्ट्रेलिया ने 2021 में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम की थी और कमिंस टीम के मुख्य सदस्य रहे थे. 2019 के अंत आते–आते अपनी धारदार गेंदबाजी के बदौलत कमिंस icc रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए थे यही नहीं 914 अंकों के साथ गेंदबाज icc रैंकिंग में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले इतिहास के प्रमुख पांच गेंदबाजों की भी लिस्ट में शामिल हो गए.
26 नवंबर, 2021 को कमिंस को ऑस्ट्रेलिया का नया टेस्ट कप्तान बनाया गया, और इस तरह वो ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट कप्तान बने, जो कि एक तेज गेंदबाज थे. कप्तान बनने के बाद कमिंस और भी खतरनाक बन गए. 2021-22 एशेज सीरीज में कमिंस लगातार तीसरी बार सीरीज के लीडिंग विकेट–टेकर गेंदबाज बने. उन्होंने 4 मैचों में 21 विकेट झटके थे. एरोन फिंच के रिटायरमेंट के बाद 17 नवंबर, 2022 को कमिंस ने वनडे क्रिकेट में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी की.
पैट कमिंस ने 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए अपना आईपीएल डेब्यू किया था, 2015 में भी वो खेले लेकिन 2016 में नहीं. 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले लेकिन 2018 और 2019 में उपलब्ध नहीं थे.
आईपीएल 2020 के ऑक्शन में कोलकाता की टीम ने उन्हें 15.5 करोड़ रूपए में खरीदकर एक बार फिर अपने साथ जोड़ा. 2021 में वो कोलकाता के साथ जुड़े रहे लेकिन 2022 में कोलकाता की टीम ने उनके प्राइस में कटौती करते हुए 7.25 करोड़ रूपए में ख़रीदा. 2014 से 2021 तक कमिंस ने 37 आईपीएल मुकाबलों में 38 विकेट चटकाए. आईपीएल 2021 में उन्होंने 7 मुकाबले खेले जिसमें 9 विकेट चटकाने के अलावा 93 रन बनाए. अप्रैल, 2022 में कमिंस ने मुंबई के खिलाफ एक मैच में सिर्फ 14 गेंदों पर पचासा जड़कर सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड बना दिया. वो इस रिकॉर्ड को केएल राहुल के साथ साझा करते हैं.
बात पैट कमिंस के इंटरनेशनल करियर की करें तो अभी तक उन्होंने 48 टेस्ट मैचों में 216 विकेट चटकाए हैं और 891 रन भी बनाए हैं. 75 वनडे मैचों में कमिंस ने 124 विकेट और 324 रन बनाए हैं. कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 50 टी20 मैचों में 55 विकेट लेने के अलावा 116 रन बनाए हैं.
रिकी पोंटिंग से लेकर स्टीव स्मिथ तक, दुनिया के बड़े–बड़े बल्लेबाज इस तेज गेंदबाज के हुनर का लोहा मानते हैं. कमिंस का भारत के लिए प्यार जगजाहिर है, जिसका सबूत उन्होंने हाल ही में दिया है. कोरोना काल में कमिंस ने भारत को 15 लाख रूप की मदद की थी.
पैट कमिंस के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने फरवरी 2020 में, कमिंस ने अपनी लंबे समय से प्रेमिका बेकी बोस्टन से सगाई कर ली, इस जोड़े का एक बेटा है. उन्होंने 1 अगस्त 2022 को शादी की थी. कमिंस के बेटे के नाम एल्बी है.
पैट कमिंस निह्संदेह मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से हैं. फ़िलहाल टेस्ट रैंकिंग में वो नंबर-1 बॉलर हैं. आपको पैट कमिंस कैसे गेंदबाज लगते हैं ? कमेंट में हमें जरुर बताएं. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम पैट कमिंस के उज्जवल भविष्य की कामना करती है.