बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो के निर्माण की रफ़्तार और तेज होगी. दरअसल केन्द्रीय बजट में देशभर में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले बजट की तुलना में 3889 करोड़ अधिक राशी का प्रावधान किया गया है. पटना मेट्रो को भी बजट में राशी बढ़ाए जाने के बाद फायदा मिल सकता है. ऐसे में समय पर निर्माण कार्य के पूरा होने के साथ–साथ मेट्रो के चल रहे कामों में भी तेजी आएगी और कार्य पूरे होने की सम्भावना भी बढ़ जाएगी. 19518 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में मेट्रो के लिए दिया है. यदि बीते वित्तीय वर्ष से इसकी तुलना करें तो यह 3889 करोड़ रुपये ज्यादा है. मिली जानकारी के अनुसार लगभग 13925.5 करोड़ रुपयों की लागत पटना मेट्रो निर्माण के लिए आनी है. इसमें बजट बढाए जाने के वजह से यह उम्मीद लगाई जा रही है की पटना मेट्रो के निर्माण के लिए भी बीते वर्ष की तुलना में अधिक राशी मिलने की उम्मीद है.
साल 2024 तक पटना मेट्रो कोरिडोर के पांच स्टेशनो को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने की उम्मीद लगाईं जा रही है. जिसमे डिपो से हीं सटे पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल, भूतनाथ और खेमनीचक व मलाई पकरी एलिवेटेड स्टेशन को शुरू किया जाना है. इसके निर्माण में भी सरकार से फण्ड मिलने के बाद तेजी आएगी. बता दें की साल 2019 में पटना मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू किया गया था व साल 2027 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. कुछ स्टेशनो को निर्धारित समयाविधि में केंद्र और राज्य सरकार से निर्धारित समय पर फण्ड मिलने के कारण प्राथमिकता के आधार पर शुरू कर दिया जाएगा. हालाँकि प्रोजेक्ट का शत प्रतिशत काम जायका से मिलने वाले फण्ड में देरी होने से काम के समय पर होने की उम्मीद कम हो गयी है.
लिहाजा 30 प्रतिशत तक पटना मेट्रो का निर्माण कार्य अब तक पूरा हो गया है. जिसमे अब कुल 24 स्टेशनो का निर्माण पटना में किया जाना है. अब तक कुल 17 स्टेशनो का निर्माण कार्य राज्य सरकार और केंद्र सरकार की राशी के सहयोग से शुरू कर दिया गया है. साथ हीं साथ पटना मेट्रो डिपो का काम भी तेजी से चल रहा है. बता दें की मेट्रो का निर्माण पूरे 32 किलोमीटर के क्षेत्र में होना है. अलग–अलग जगहों पर 20 किलोमीटर के एरिया में निर्माण कार्य शुरू किया जा चूका है.
मालूम हो की पटना मेट्रो परियोजना के बीच कई अड़चनो को भी देखा गया था. राज्य सरकार द्वारा यार्ड निर्माण को लेकर पटना के आगमकुआँ के पहाड़ी रानीपुर मौजा की जमींन के अधिग्रहण किए जाने पर सरकार के खिलाफ गहरा आक्रोश भी देखने को मिला था. दरअसल जमीन मालिकों का आक्रोश मेट्रो यार्ड निर्माण को लेकर एजेंसी द्वारा मिट्टी भराई किए जाने पर भड़क उठा और उन्होंने जमकर हंगामा भी किया था. सिटी एसडीओ, सहायक पुलिस अधीक्षक समेत भारी संख्या में पुलिस बल को हंगामा की सूचना मिलते हीं मौके पर आकर काम को शुरू करवाया था. जबरन जमीन कब्ज़ा किए जाने का आरोप और असंवैधानिक तरीके से काम किये जाने का आरोप आक्रोशित जमीन मालिकों ने राज्य सरकार के उपर भी लगाया था. यह मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद भी आक्रोशित जमीन मालिकों का कहना था की सरकार पुलिस प्रशासन के बल पर जबरन उनकी जमीन को खाली करवाना चाहती है. जमीन मालिकों की तरफ से यह भी कहा गया था की प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी नोटिस और मुआवजा उन्हें नहीं दिया गया है. इस पर मुकेश रंजन जो की सिटी एसडीओ थे उन्होंने बताया था की अब तक 100 लोगों का आवेदन प्राप्त हुआ है और छह रैयतों को मुआवजा भी सौंपा जा चूका है. उन्होंने ये भी कहा था की जमीन की जांच होने के बाद मुआवजे को सौंप दिया जाएगा. साथ हीं साथ उन्होंने बताया की उच्च न्यायालय की तरफ से यह स्पष्ट आदेश है की मेट्रो का निर्माण किसी भी कीमत पर नहीं रोका जाएगा.