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रिकॉर्ड बनाने के लिए पैदा हुआ यह खिलाड़ी, लेकिन चयनकर्ता कर रहे हैं इग्नोर !

Bihari News

टीम इंडिया का दूसरा सचिन, जिसे सलेक्टर्स कर रहे इग्नोर !

जिसकी कप्तानी में भारत ने जीता अंडर-19 वर्ल्ड कप

टेस्ट डेब्यू पर जिसने ठोका शतक, होती है महान सचिन तेंदुलकर से तुलना

दलीप ट्रॉफी और रणजी डेब्यू में शतक ठोककर जिसने रचा इतिहास

रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक जड़कर जिसने बनाया रणजी का रिकॉर्ड स्कोर

 भारत ने विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी दिए हैं, खासकर अगर बात बल्लेबाजों की हो. लेकिन भारत में कम्पीटीशन काफी है, जिस वजह से टीम इंडिया में जगह बना पाना कोई आसान बात नहीं है. और मिले मौकों को भुनाना उतना ही ज्यादा कठिन. जो वहां तक पहुँचते हैं, वो प्रतिभाशाली तो होते ही हैं, बिना प्रतिभा के तो वहां तक पहुंचा ही नहीं जा सकता लेकिन कुछ गिनेचुने खिलाड़ी ही हुए, जिन्होंने मौके पर चौका लगाया. कुछ खिलाड़ी तो ऐसे हुए, जिन्हें मैनेजमेंट हटा ही नहीं सकी, खिलाड़ी का मन हुआ तभी वो टीम से बाहर हुए.

 इस लेख में बात होगी एक ऐसे खिलाड़ी की, जो टीम इंडिया की तरफ से सभी फॉर्मेट खेल चुके हैं लेकिन फिलहाल टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह खिलाड़ी एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज है और अपनी कप्तानी में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप भी जितवा चुका है. खिलाड़ी ने दलीप ट्रॉफी के डेब्यू में शतक ठोक दिया था और मैन ऑफ द मैचबने थे. और अभी उन्होंने रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक जड़कर रिकॉर्ड बना दिया है. आज के अंक में बात होगी उस खिलाड़ी की, जिसे दुनिया पृथ्वी शॉ के नाम से जानती है. आज हम भारत के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनछुए पहलुओं को जानने की कोशिश करेंगे.

पृथ्वी शॉ का प्रारंभिक जीवन 

पृथ्वी शॉ का जन्म 9 नवंबर, 1999 को थाणे, महाराष्ट्र में एक बिहारी परिवार में हुआ था, शॉ का परिवार रोजगार के लिए बिहार के गया से थाणे शिफ्ट हो गया था. पृथ्वी शॉ जब महज 3 साल के थे तभी से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. आज पृथ्वी शॉ जिस मुकाम पर हैं, यहां तक पहुंचने में उनके पिता पंकज शॉ का बड़ा हाथ है. कहा जाता है कि अपने बेटे पृथ्वी के क्रिकेट करियर को बनाने के लिए पंकज शॉ ने अपने व्यापार तक को छोड़ दिया. इतना ही नहीं, जब पृथ्वी शॉ सिर्फ 4 साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया था, तब पिता ने अकेले ही उनकी परवरिश की.

शुरू से ही पृथ्वी शॉ का लक्ष्य था, देश के लिए खेलना लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाईलिखाई से कोई समझौता नहीं किया. शॉ ने अपनी स्कूलिंग AVS विद्यामंदिर और रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल से पूरी की, इसके बाद उन्होंने रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. पृथ्वी शॉ अपने स्कूल के स्टार थे, वो अपने स्कूल रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल के कप्तान थे, इसके अलावा मुंबई अंडर-16 टीम की भी कप्तानी करते थे. इस दौरान वो मुंबई की मिडिल इनकम ग्रुप(MIG) क्रिकेट क्लब के लिए भी खेलते थे. अपनी कप्तान में पृथ्वी शॉ ने रिजवी स्प्रिंगफील्ड को 2012 और 2013 में हैरिस शील्ड टाइटल जितवाया. हैरिस शील्ड टूर्नामेंट, जो कि प्रतिष्ठित इंडियन यूथ क्रिकेट टूर्नामेंट है, 2012 सीजन में शॉ ने सेमीफाइनल में 155 रन और फाइनल में 174 रनों की पारी खेली थी.

अप्रैल, 2012 में पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड में खेलने का न्योता मिला. इंग्लैंड में Cheadle Hulme School, मेनचेस्टर के लिए खेलते हुए 2 महीनों में शॉ ने 1446 रन बना दिए थे. डेब्यू पर ही शॉ ने शतक ठोका था. इस दौरान शॉ ने 68 विकेट भी चटकाए थे. मेनचेस्टर में उस वक्त अपने प्रवास पर हाई लेन क्रिकेट क्लब के लिए भी कुछ मौकों पर खेले. नवंबर, 2013 में हैरिस शील्ड के एक एलिट डिवीज़न मैच में पृथ्वी शॉ ने 546 रनों की पारी खेल डाली, जो 1901 में शुरू हुए टूर्नामेंट के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर बना.

पृथ्वी शॉ का घरेलु क्रिकेट करियर 

पृथ्वी शॉ ने 1 जनवरी, 2017 को राजकोट में तमिलनाडु के खिलाफ अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था और अपने पहले ही मैच में शतक लगाकर एलिट क्लब में शामिल हो गए. पहली पारी में तो सिर्फ 4 रन पर ही आउट हो गए लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 120 रनों की पारी खेल डाली. मुंबई ने 6 विकेट से मुकाबला अपने नाम किया और 2 दशक के बाद किसी मुंबई के बल्लेबाज ने अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में शतक लगाया था. पृथ्वी की इस पारी की बदौलत मुंबई की टीम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी. 25 फरवरी, 2017 को पृथ्वी शॉ ने गुजरात के खिलाफ अपना लिस्ट ए डेब्यू भी कर लिया. अपने लिस्टए डेब्यू मैच में पृथ्वी शॉ 10 रन बनाकर आउट हुए थे. 2017-18 रणजी सीजन में पृथ्वी शॉ ने लगातार शतक लगाए थे जो उनके द्वारा खेले गए 5 मैचों में चौथा शतक था. शॉ ने अपना पहला लिस्ट ए शतक लेसिस्टशायर के खिलाफ लगाया था, 19 जून 2018 को शॉ ने 132 रनों की पारी खेली थी. इसके बाद 2018 के अक्टूबर महीने में उनको 2018-19 देवधर ट्रॉफी के लिए इंडियाए टीम में शामिल किया गया था.

पृथ्वी शॉ – IPL 

अब पृथ्वी शॉ को सब जानने लगे थे क्योंकि उन्होंने कारनामे ही ऐसे कर दिए थे. 2018 आईपीएल ऑक्शन में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स (जो अब दिल्ली कैपिटल्स है) ने 1.2 करोड़ रूपए में ख़रीदा था. 23 अप्रैल, 2018 को पृथ्वी शॉ आईपीएल इतिहास के सबसे युवा ओपनर बल्लेबाज बने थे. 18 साल 165 दिनों की उम्र में किंग्स 11 पंजाब के खिलाफ पृथ्वी शॉ ने ये उपलब्धि हासिल की थी.

27 अप्रैल, 2018 को पृथ्वी शॉ ने कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध अर्धशतक लगाकर रिकॉर्ड बना दिया. संजू सैमसन के साथ आईपीएल फिफ्टी जड़ने वाले वो सबसे युवा खिलाड़ी बने थे और 29 अप्रैल, 2001 को पृथ्वी शॉ आईपीएल के एक ओवर में 6 बाउंड्री लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए थे.

पृथ्वी शॉ का इंटरनेशनल डेब्यू  

पहले स्कूल, फिर रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और लिस्टए के बाद पृथ्वी शॉ आईपीएल में भी धूम मचा रहे थे, यही कारण था कि उनको 2018 में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का कप्तान घोषित कर दिया गया. शॉ ने बेहतरीन बल्लेबाजी के अलावा जबरदस्त नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया. शॉ की अगुवाई में भारतीय टीम ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था और अब पृथ्वी शॉ को पूरी दुनिया जानने लगी थी. इसी के बाद अगस्त, 2018 में उनको इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल 2 टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल किया गया था लेकिन वो एक भी मैच में प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं बन पाए थे. लेकिन 4 अक्टूबर, 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ शॉ ने अपना टेस्ट अंतराष्ट्रीय डेब्यू कर लिया और अपने डेब्यू मैच में ही शॉ ने शतक जड़कर एक बार फिर इतिहास रच दिया. भारत के लिए टेस्ट डेब्यू पर शतक जमाने वाले वो सबसे युवा बल्लेबाज बन गए. भारत ने मुकाबला 10 विकेटों से जीता और पृथ्वी शॉ प्लेयर ऑफ द सीरीजबने थे. जनवरी, 2020 में पृथ्वी शॉ को न्यूजीलैंड के विरुद्ध वनडे सीरीज के लिए भारतीय स्क्वाड में चुन लिया गया और 5 फरवरी, 2020 को न्यूजीलैंड के विरुद्ध शॉ ने अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू भी कर लिया. वो न्यूजीलैंड के ,खिलाफ टेस्ट सीरीज भी खेले थे लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक़ नहीं रहा.

 4 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 1 अर्धशतक ही निकला था. फिर पृथ्वी शॉ को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज के लिए स्क्वाड में शामिल किया गया लेकिन पहले टेस्ट में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद उनको ड्रॉप कर दिया गया. यही नहीं उनके बैटिंग टेकनिक पर भी सवाल खड़े किए गए. राष्ट्रीय टीम से ड्रॉप किए जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने घरेलु क्रिकेट का रुख किया. फरवरी, 2021 में विजय हजारे ट्रॉफी खेलते हुए पोंडिचेरी के खिलाफ शॉ ने 152 गेंदों पर नाबाद 227 रनों की पारी खेल डाली, जो कि टूर्नामेंट के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर था. यही नहीं लिस्ट ए क्रिकेट में यह किसी कप्तान द्वारा बनाया गया सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी था. पूरे टूर्नामेंट में पृथ्वी शॉ ने 827 रन बनाए थे, जो एक सीजन में बनाया गया सबसे अधिक स्कोर भी है. लाजवाब प्रदर्शन के चलते पृथ्वी शॉ को जून, 2021 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया जहां पहले वनडे में शॉ ने 24 गेंदों में 43 रन बनाए थे. और टी20 सीरीज के दौरान 25 जुलाई, 2021 को पृथ्वी शॉ ने अपना टी20 अंतराष्ट्रीय डेब्यू भी कर लिया. जुलाई, 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बतौर रिप्लेसमेंट शामिल किया गया था लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला. पृथ्वी शॉ को उनके शानदार बल्लेबाजी के लिए लोग सचिन तेंदुलकर से भी तुलना करते हैं और उनकी बैटिंग खासकर चौके वीरेंद्र सहवाग से मिलतेजुलते हैं.

सचिन से तुलना 

पृथ्वी शॉ का नाम सचिन तेंदुलकर के साथ तब जोड़ा गया था जब उन्होंने नवंबर,2013 में हारिस शील्ड टूर्नामेंट में 546 रनों की पारी खेली थी. शॉ ने तब 6 घंटे और 7 मिनट तक बल्लेबाजी की थी और इस दौरान उन्होंने 85 चौके और 5 छक्के लगाए थे. शॉ की पारी की बदौलत उनकी टीम रिजवी ने बोर्ड पर 991 रनों का स्कोर खड़ा किया था. पृथ्वी शॉ की इस पारी को काफी मीडिया अटेंशन मिला था, खासकर इसलिए क्योंकि चार दिन पहले सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था और 1988 में इसी टूर्नामेंट में सचिन ने 326 रन बनाए थे. पृथ्वी शॉ की उस पारी पर टिपण्णी करते हुए होवर्ड स्वेंस ने लिखा था, “लिटिल मास्टर को भारत द्वारा अंतिम विदाई दिए जाने के एक सप्ताह से भी कम समय के बाद, मास्टर अपरेंटिस ने लगभग अलौकिक प्रतिभा की एक पारी खेली.”

रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक जड़कर रचा इतिहास 

जनवरी, 2023 में पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ एक रणजी मैच में तिहरा शतक जड़कर फिर से नया कीर्तिमान रच दिया. पृथ्वी शॉ की खास बात ये रही कि पारी की अंतिम गेंद तक उनका अंदाज नहीं बदला. उन्होंने 383 गेंदों पर 49 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 379 रन बना डाले. यह रणजी ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सबसे उच्चतम व्यक्तिगत स्कोर है. पृथ्वी शॉ की पारी की बदौलत मुंबई की टीम ने 687/4 पर पारी घोषित की. रणजी इतिहास में सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने का रिकॉर्ड महाराष्ट्र के Bhausaheb Nimbalkar(भाउसाहेब निम्बालकर) के नाम है, उन्होंने सौराष्ट्र के खिलाफ 1948/1949 रणजी सीजन में 443 रनों की नाबाद पारी खेली थी.

पृथ्वी शॉ लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं और लगता है कि आगामी विश्व कप के लिए उन्होंने अपनी भी दावेदारी पेश कर दी है. और आने वाले समय में हम पृथ्वी शॉ को टीम इंडिया की ब्लू जर्सी में देख सकते हैं. आपको तो पता ही है, वनडे वर्ल्ड कप 2023 अक्टूबरनवंबर में भारत में ही खेला जाएगा. जिस तरह से ईशान किशन ने दोहरा शतक लगाकर टीम में एंट्री ले ली उसी तरह पृथ्वी शॉ ने भी तिहरा शतक लगाकर चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. अब वो चाहकर भी पृथ्वी शॉ को इग्नोर नहीं कर पाएंगे.

पृथ्वी शॉ के क्रिकेट करियर पर एक नजर भारत के लिए उन्होंने 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मुकाबला खेला है. टेस्ट में उनके नाम एक शतक और 2 अर्धशतक दर्ज है जबकि वनडे और टी20 में उनके बल्ले से एक भी शतक या अर्धशतक नहीं आया है. घरेलु क्रिकेट की बात करें तो पृथ्वी शॉ ने 40 फर्स्ट क्लास मैचों में 47.01 की औसत से 3244 रन बनाए हैं, इस दौरान उनके बल्ले से 11 शतक और 15 अर्धशतक निकले जबकि 53 लिस्ट ए मुकाबलों में शॉ ने 52.54 की औसत से 2,627 रन बनाए हैं, यहां उन्होंने 8 शतक और 11 अर्धशतक जड़ा है. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम पृथ्वी शॉ के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आपके अनुसार पृथ्वी शॉ को टीम इंडिया में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं ? कमेंट में हमें बताएं.

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