पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया, वर्धा चैप्टर की ओर से राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर शुक्रवार, 21 अप्रैल को ‘जी-20 और भारतीय मूल्य : जनसंपर्क के परिप्रेक्ष्य में’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में वरिष्ठ संपादक तथा मीडिया विशेषज्ञ सुधीर पाठक ने कहा कि भारत की गौरवशाली परंपरा, संस्कृति और मूल्यों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में जनसंपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारे वसुधैव कुटुंबकम् के विचार ने सभी को जोड़ने का काम किया है. उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए भारत की गौरवशाली परंपरा को विस्तार से व्याख्यायित किया.
उन्होंने महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे की कर्मभूमि वर्धा का उल्लेख करते हुए कहा कि बापू ने ‘वैष्णव जन तो तेणे कहिए’ के विचार द्वारा विश्वकल्याण की कामना की तो विनोबा जी ने गीता के वचनों को गीताई के रूप में रूपायित किया. संत ज्ञानेश्वर महाराज ने विश्वजन के लिए पसायदान मांगा. जी-20 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के कारण पूरे विश्व का ध्यान भारत की ओर है. हमें अपने मूल्यों और शौर्यशाली धरोहर के बल पर विश्व को नया रास्ता दिखाना है. इस बहाने वित्तीय संकटों को दूर करने, सूक्ष्म अर्थ व्यवस्था, पर्यावरण बदल, स्वास्थ्य सुधार जैसे विषयों पर गंभीर और गहन विमर्श करना चाहिए. एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के सपने को साकार करने के लिए जी-20 जैसे मंच उपयोगी हो सकते हैं.
पाठक ने कहा कि विश्वमंगल का संकल्प लेकर जनसंपर्क को माध्यम बनाना चाहिए. कार्यक्रम के प्रारंभ में सुधीर पाठक का स्वागत पीआरएसआई वर्धा चैप्टर के सचिव बी. एस. मिरगे ने शाल प्रदान कर किया. पीआरएसआई के सदस्य डॉ. राजेश लेहकपुरे ने कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन किया. इस आभासी संगोष्ठी में पीआरएसआई वर्धा चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार राय, प्रा. राजेन्द्र मुंढे, प्रफुल्ल दाते, डॉ. संदीप वर्मा, सुधीर कुमार, श्रुतिकीर्ति निरंजन, खुशी खान, साक्षी ढाले, अंकिता, निखिल, राधिका, प्रिया कुमारी, शगुन, कामेश, दिनेश, अनन्या, सुमन आदि सहित पदाधिकारी, सदस्यगण और विद्यार्थी बड़ी संख्या में सहभागी हुए.