जब से राहुल गाँधी द्वारा यह बयान दिया गया है की ” हर चोर का सरनेम मोदी हीं क्यों ” तब से उनकी की मुश्किलें कम होने का नाम हीं नहीं ले रही. उनके द्वारा दी गये यहीं बयान लोकसभा की सदस्यता रद्द होने का वक बड़ा कारण भी बना. बता दें की जब सूरत के कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि को लेकर उन्हें दो साल की सजा सुनाई गयी तब लोकसभा के स्पीकर द्वारा उनकी सदस्यता भी समाप्त कर दी गयी. सूरत का मामला अभी–अभी खत्म हीं हुआ था की पटना की अदालत द्वारा राहुल गाँधी को समन भेज दिया गया. दरअसल पटना की अदालत द्वारा भी मोदी सरनेम को लेकर हीं समन भेजा गया है. मिली जानकारी के अनुसार 12 अप्रैल को पटना के MP-MLA कोर्ट ने राहुल गाँधी को पेश होने को कहा है. बता दें की राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा बिहार के पूर्व डिप्टी CM एवं बीजेपी के सांसद सुशिल मोदी द्वारा दर्ज किया गया था. लेकिन यह बात सामने आ रही है की राहुल गाँधी के 12 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने की संभावनाएं बहुत कम हीं बताई जा रही है.
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ता की तरफ से सभी गवाहों के बयान मोदी सरनेम मानहानि वाले मामले में दर्ज किये जा चुके हैं. राहुल गाँधी इस मामले में आरोपी हैं. लेकिन अभी राहुल गाँधी द्वारा दिए जाने वाले बयान को दर्ज किया जाना अभी बाकी है. बयान दर्ज करवाने के लिए इस मामले में 12 अप्रैल की तारीख MP-MLA कोर्ट द्वारा तय की गयी है और राहुल गाँधी को समन भी भेजा जा चूका है. लेकिन मीडिया में चल रहीं ख़बरों के मुताबिक यह बात भी सामने आ रही है की जो तारीख कोर्ट द्वारा तय की गयी है उस तारीख पर राहुल गाँधी के पेश होने की उम्मीद कम है. इसके लिए कोर्ट में पेशी की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए उनके वकील द्वारा अर्जी डाली जा सकती है.
आइये अब आगे के चर्चा में हम आपको बताते हैं की आखिर राहुल गाँधी को लेकर पूरा मामला क्या था. दरअसल साल 2019 में राहुल गाँधी के खिलाफ पटना कोर्ट में बीजेपी के नेता सुशील मोदी द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गयी थी. उन्होंने राहुल गाँधी पर यह आरोप लगाया था की राहुल गाँधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे समुदाय को अपमानित किया है. इस मामले में कोर्ट में सरेंडर होकर राहुल गाँधी द्वारा पहले हीं जमानत ली जा चुकी है. गुजरात के सूरत की अदालत ने एक ऐसे हीं मामले में पिछले हीं दिनों दो सालों की सजा सुनाते हुए राहुल गाँधी को कोर्ट द्वारा दोषी करार किया गया था. लेकिन अभी भलें हीं सूरत कोर्ट द्वारा उन्हें दो साल की सजा सुनाई जा चुकी हो लेकिन अभी भी कोर्ट द्वारा राहुल गाँधी को उपरी अदालत में अपील करने का वक्त देकर उनके जेल जाने पर तीस दिनों की रोक लगाईं गयी है. लेकिन अब राहुल गाँधी के खिलाफ मजबूती से केस लड़ने की रणनीति बीजेपी द्वारा सूरत की तरह अब पटना में भी बनाई जा चुकी है. लेकिन अब आगे कोर्ट का क्या फैसला होता है यह जानने के लिए थोड़ा इन्तेजार तो करना हीं पड़ेगा.