बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच में कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं. लालू यादव और तेजस्वी यादव से जुड़े ठिकानों पर हुए छापेमारी से जुड़े बयान मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे हैं. ऐसे में एक बात बीजेपी के नेता या कहें महागठबंधन के विरोधी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी लालू यादव के ठीकानों पर हुए छापेमारी से सबसे ज्यादा खुश हैं. आपको बता दें कि पिछले दिनों सीबीआई और ईडी के द्वारा लालू परिवार के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिसमें कई कागजार बरामद हुए हैं ऐसे में यह कहा जा रहा है कि इस रेड से नीतीश कुमार काफी ज्यादा खुश हैं.
हालांकि नीतीश कुमार ने पिछले दिनों इस रेड पर अपनी सफाई देते हुए कहा था कि जरा याद करिए 2017 को यह रेड उसी समय से हो रहा है. जब हम महागठबंधन के साथ हुए थे. उसके बाद अब जब हम फिर से साथ आए हैं तो फिर से रेड शुरू हुआ है तो आप इसे क्या समझेंगे. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि लालू यादव इसका जवाब दे रहे हैं. हम इस मामले में बहुत ज्यादा नहीं बोल पाएंगे. हालांकि बीजेपी के नेता और नीतीश कुमार के विरोधी इसे दूसरे नजरिए से देख रहे हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि सीबीआई या ईडी की कार्रवाई के सूत्रधार भी नीतीश कुमार ही हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि ताजा कार्रवाई से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का दवाब टल गया है. बीजेपी नेता ने दावा किया कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहते हैं कि जांच में तेजी आए. आरोपियों को जल्द से जल्द सजा हो. अगर आरजेडी नेताओं को सजा हुई तो नीतीश कुमार 2025 तक सीएम बने रहेंगे.
आरसीपी सिंह ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि 2017 में इसी परिवार के ऊपर जब सीबीआई की रेड हुआ था तब नीतीश महागठबंधन में थे. उस वक्त नीतीश ने कहा था कि रेड हुआ तब बताया नहीं गया कि क्या बात है. जिसके बाद महागठबंधन से रिश्ता तोड़कर वे एनडीए में चले गये. आज वे क्या कर रहे है? किस प्रकार की बात कर रहे है? उनकी क्या पहचान रह गयी है.नीतीश कुमार बराबर कहते थे कि कुछ भी हो जाए हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे. अब यह मामला एक बार फिर सामने आ गया है. अब वे क्या करेंगे. नीतीश के पास दो ही ऑप्शन है या तो आपके डिप्टी सीएम है उनको कहिये कि भाई यह मामला आया है जब तक मामला क्लीयर नहीं होता आप इस्तीफा देकर बाहर रहिए. या तो नीतीश को यह सार्वजनिक रूप से कहना चाहिए कि जो भ्रष्टाचार करेगा उस पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.
इस पूरे मामले पर सुशील मोदी कहते हैं कि नीतीश कुमार जांच की धीमी गति तक सवाल उठा रहे हैं. बताते हैं कि जांच तेज हो. अभियुक्तों को सजा जल्द हो. वे 2025 तक बिना किसी बाधा के मुख्यमंत्री बने रहें. सुशील मोदी के अनुसार, अब जांच और पूछताछ में सब खुलासा हो रहा है तो नीतीश कुमार ललन सिंह दिखावे का विरोध कर रहे हैं.