केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद राज कुमार सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में सांसद द्वारा पीएम को इस्तीफा देने की बात कही जा रही है. उसमें कई तरह के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले दिनों आरा में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री को उनकी ही पार्टी के छात्र विंग विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाए ाजेन को लेकर मुर्दाबाद के नारे लगाए. इतना ही नहीं मीडिया में तो यह भी खबरें हैं कि आरके सिंह के साथ धक्का मुक्की की गई है. हालांकि इन दिनों उनका एक वीडियों इन्ही छात्र नेताओं के साथ का है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें सांसद महोदय कई तरह की बातें कह रहे हैं.

इस वायरल वीडियो में सांसद आरके सिंह यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि बहुत ही जल्द वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वे कोई छोटे-मोटे नेता नहीं है. कहा तो यह भी जा रहा है कि यह वीडियो आरा का है. पीएम मोदी को इस्तीफा देने की बात सामने आने के बाद इलाके में यह बात आग की तरह फैल गई है. अब तो हर चौक चौराहों पर बीजेपी सांसद को लेकर कई तरह की बात कही जा रही है. दरअसल उस दिन हुआ यह था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और सांसद आरके सिंह के बीच में कहा सुनी हो गई. जिसके बाद छात्रों को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो छोड़िए कौन क्या करता है. हम नॉर्मल नेता नहीं है. समझ गए न हम नॉर्मल नहीं है. आप कैबिनेट मंत्री की बात करते हैं तो हम जाकर प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफा का पेशकश कर आए हैं. आपको मालू है क्यों, क्योंकि मुझे अपने इलाके में यानी कि अपने संसदीय क्षेत्र में विकास को लेकर चिंता है. उसके बाद देश के प्रधानमंत्री ने मुझे समझाया और कहा कि नहीं-नही इसे वापस रखिए इसकी कोई जरूरत नहीं है. आपका काम हो जाएगा. इसीलिए कोई मुझे पॉलिटिक्स समझाता है न तो बहुत गुस्सा आता है. जिसके बाद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ने कहा कि नहीं-नहीं ऐसी बात नहीं है. आप बिल्कुल गलत समझ रहे हैं. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, अच्छा मैं मूर्ख हूं क्या, या हमको मूर्ख समझ रखे हो क्या सब समझते हैं.

इधर छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी तीन अलग अलग खंड में बंट गया है. छात्रों को बहुत परेशानी हो रही है. छात्रों का कहना है कि शाहाबाद से कोइलवर यूनिवर्सिटी चली जाएगी तो छात्रों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि ABVP के छात्र विश्वविद्यालय को तीन खंडों में बंटने से बचाने के लिए अपना रोष व्यक्त कर रहे थे.

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