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बिहार के जिस भी स्थान से गुजरे राम वहां से गुजरेगी फोरलेन

Bihari News

रामायण सर्किट पर्यटन के लिहाज से वो धार्मिक सर्किट है. जिसका ताल्लुक भगवान राम से है यानी कि जहाँ वो पैदा हुए, जिन स्थानों का उनके जीवन से ताल्लुक है. इसमें वो सभी स्थान शामिल है जहाँ उन्होंने वनवास के दिनों में वक़्त बिताये या जहाँजहाँ उन्होंने सीता की खोज की. केंद्र ने ऐसे क्षेत्रों के रूप में 15 शहरों को चुना गया है, जो भगवान राम के लिहाज से काफी धार्मिक माने जाते हैं और बड़े पैमाने पर लोग इन स्थानों पर दर्शन करने जाते हैं. उनके से 5 बिहार में हैं. बता दें की बिहार में रामायण सर्किट यानी रामजानकी मार्ग के तहत करीब 243 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जो की इन्ही पांच जिलों से होकर गुजरेगी जिसके बाद उत्तरप्रदेश के अयोध्या से माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवायेगी. इस सड़क का निर्माण करीब 5800 करोड़ रुपये की लागत से चार चरणों में 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

इन पांच जिलों से होकर गुजरेगी रामायण सर्किट

जिन पांच जिलों से होकर रामायण सर्किट की सड़क गुजरेगी उनमें सीवान, सारण, गोपालगंज, शिवहर और सीतामढ़ी जिला शामिल हैं. इसके लिए पहले चरण में सीवान से मशरख तक करीब 1027 करोड़ रुपये की लागत से करीब 51 किमी लंबाई में निर्माण शुरू होगा. इस सड़क के निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं. वहीँ इसके लिए अन्य तीन चरणों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.वहीँ मिली जानकारी के अनुसार मेहरौना से सिवान तक लगभग 40 किलोमीटर लम्बाई के फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए एलाइनमेंट तय कर वहमी अधिग्रहण हो रहा है. इसके निर्माण में कुल 1,254 करोड़ रुपये लगने के अनुमान हैं. वहीँ साथ ही मशरख से चकिया तक 48 किलोमीटर लंबाई में करीब 1,450 करोड़ की लागत से निर्माण होगा. चकिया से शिवहर और सीतामढ़ी होकर भिठामोड़ तक 103 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करीब 2,100 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा.

इस सड़क के बन जाने से ना केवल आवागमन की सुविधा होगी बल्कि रोजी रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे. बताते चलें की इसे पहले केवल दो लेन बनाने की चर्चा थी, लेकिन राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसे फोरलेन बनाने की मंजूरी इसी साल के शुरुआत में दी थी. इस सड़क के बनने से राज्य में पर्यटकों के आवागमन में बढ़ोतरी होगी.

अब जानते हैं की रामायण सर्किट के पहले चरण में सिवान में बनने वाली सड़क कहाँ कहाँ से होकर गुजरेगी. रामायण सर्किट के सीवान से मशरख तक में सीवान बाइपास करीब 4.63 किलोमीटर, तरवारा बाइपास करीब 7.38 किलोमीटर, बसंतपुर बाइपास करीब 14.66 किलोमीटर और मशरख बाइपास करीब 2.29 किलोमीटर नये एलाइनमेंट पर चार लेन हाइवे बनना है. मलमलिया बाजार के पास एक रेलवे ओवर ब्रिज भी बनाया जायेगा.

जैसा की हमने ऊपर बताया की रामयण सर्किट भगवान राम और सीता के जन्मस्थली से लेकर जहाँ जहाँ भी उन्होंने समय बिताया है उसको लेकर रामायण सर्किट के माध्यम से सभी जगहों को जोड़ा जा रहा है. उन्ही में से बिहार के ये पांच जिले हैं. मालूम हो की बक्सर मे गुरु विश्वामित्र का आश्रम था. यहीं पर राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षणप्रशिक्षण हुआ. प्रसिद्ध ताड़का राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पर किया गया था. रामायणकाल में मिथिला के एक राजा जो जनक कहलाते थे, सिरध्वज जनक की पुत्री सीता थी. विदेह राज्य का अंत होने पर यह प्रदेश वैशाली गणराज्य का अंग बना. सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली है. ऐसे में इनसभी जगहों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है.

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