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टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में 100 मैच खेलने वाला विश्व का पहला खिलाड़ी, जिसे अपने ही टीम के खिलाड़ी देते थे गाली

Bihari News

महान बल्लेबाज, जिसे अपने ही साथी खिलाड़ी देते थे गाली

टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में 100 मैच खेलने वाले विश्व के पहले खिलाड़ी

जन्मदिन पर वनडे शतक लगाने वाला विश्व का केवल चौथा बल्लेबाज

टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने वाला न्यूजीलैंडर, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगाने वाले पहले कीवी बल्लेबाज

सभी टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक बनाने वाले छठे और न्यूजीलैंड के पहले खिलाड़ी

न्यूजीलैंड के लिए टेस्ट और वनडे दोनों में सबसे अधिक रन बनाने वाला बल्लेबाज

न्यूजीलैंड का महान खिलाड़ी जिसने ड्रेसिंग रूम में नस्लवाद का अनुभव किया. साथी खिलाड़ी उन्हें बंटरकहकर बुलाते थे. ये वो दौर था जब न्यूजीलैंड में गोरे खिलाड़ियों का वर्चस्व था. लेकिन इस खिलाड़ी ने उन बातों की परवाह किए बिना बस अपना खेल खेला और अपने खेल को जीया. संन्यास के वक्त वो टेस्ट और वनडे दोनों में न्यूजीलैंड के लीडिंग रन स्कोरर थे.

दोस्तों, विरोधी या फिर दुश्मनों का सामना करना आसान होता है लेकिन जब अपने ही दुश्मन बन जाएं तो बड़ा बुरा लगता है. क्योंकि तब हम खुद के दुश्मन बन जाते हैं, हमें कुछ अच्छा नहीं लगता, हम अपने आप में खामियां ढूंढने लगते हैं और खुद को ही दोषी समझने लगते हैं. इसलिए दोस्तों की दुश्मनी का सामना करना ज्यादा कठिन होता है. दोस्तों, आप देख रहे हैं चक दे क्रिकेट की खास पेशकश चक दे क्लिक्स और आज के अंक में हम बात करेंगे एक ऐसे खिलाड़ी की, जो यक़ीनन मॉडर्न क्रिकेट का सबसे उम्दा खिलाड़ी था. विरोधियों के अलावा इस खिलाड़ी ने अपने टीम के साथियों की गाली भी सुनी लेकिन कभी खुद को नीचे गिरने नहीं दिया. वह चुपचाप गालियाँ सुनता रहा और अपना खेल खेलता रहा. खिलाड़ी ने अपने खेल से सबको जवाब दिया और अपनी गिनती विश्व के महान खिलाड़ियों में कराई. आज जिसकी बात करेंगे दुनिया उन्हें रोस टेलर के नाम से जानती है.

टेलर अपनी ऑटोबायोग्राफी रोस टेलर ब्लैक एंड वाइट में कहते हैं,कई बार होता था जब मैं खराब शॉट खेलता था तो उसको लेकर बहुत ही गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि उसी तरह के शॉट को लेकर टीम के बाकी बल्लेबाजों के लिए ऐसा कुछ नहीं कहा जाता था. खराब शॉट खेलने पर मेरे लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था, जबकि वही शॉट कोई और खेलता तो उसको खराब शॉट सेलेक्शन कहा जाता था.’

क्रिकेट के सभी तीनों फॉर्मेट में 100 से ज्यादा मैच खेलने वाले रोस टेलर का जन्म 8 मार्च, 1984 को लोअर हट, वेलिंग्टन में हुआ था. रोस टेलर बेटे हैं नील टेलर और नाओउपू लोटे टेलर के. रोस के पिता नील तो वेलिंग्टन के मास्टरटोन से थे लेकिन मां नाओउपू एक समोअन थीं. समोअन या समोअन लोग समोअन द्वीप समूह के स्वदेशी पोलिनेशियन लोग हैं, जो पोलिनेशिया में एक द्वीपसमूह है, जो समोअन भाषा बोलते हैं. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि टेलर बांकी न्यूजीलैंडर की तरह क्यों नहीं दिखते या वो उनसे अलग क्यों दिखते हैं.

टेलर किलिकिती, जो पारंपरिक समोअन क्रिकेट का एक रूप है खेलते थे लेकिन असली क्रिकेट में टेलर को उनके पिता ने ही लाया. रोस टेलर ने अपनी पढ़ाई वैरारापा कॉलेज और पालमेर्सटन नॉर्थ बॉयज हाई स्कूल से पूरी की, क्रिकेट पर अपना पूरा ध्यान लगाने से पहले वो एक हॉकी प्लेयर थे. लेकिन जब टेलर ने अपना सारा ध्यान क्रिकेट पर लगाया तो उनको नतीजे मिलने लगे. उनका चयन अंडर-17 और अंडर-19 टीम में हुआ, जहां वो मानावाटू के लिए हवके कप खेले. टेलर सेंट्रल डिस्ट्रिक्स की ओर से घरेलु क्रिकेट खेलते थे. जनवरी, 2003 में उन्होंने स्टेट शील्ड में कैंटरबरी के खिलाफ एक वनडे मैच से अपना सीनियर डेब्यू किया था. उसी महीने उसी टीम के खिलाफ टेलर ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया.

बात अगर इंटरनेशनल करियर की करें तो रोस टेलर ने न्यूजीलैंड की अंडर-19 टीम की तरफ से पहले खेला. वह न्यूजीलैंड के लिए अंडर-19 टेस्ट और वनडे खेले, जिसमें वो टीम के कप्तान थे. न्यूजीलैंड क्रिकेट अकैडमी के सदस्य रहे टेलर 2003/04 और 2004/05 सीजन में न्यूजीलैंड ए के लिए खेले.

रोस टेलर ने 1 मार्च, 2006 को आख़िरकार न्यूजीलैंड के लिए अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. वह एक वनडे मैच था वेस्टइंडीज के खिलाफ. अपने पहले वनडे इंटरनेशनल मुकाबले में टेलर सिर्फ 15 रन ही बना पाए लेकिन उन्होंने एक अनूठा रिकॉर्ड जरुर बना दिया. वह मर्फी सुआ के बाद न्यूजीलैंड के लिए खेलने वाले समोअन विरासत के दूसरे पुरुष खिलाड़ी बने.

टेलर गेंद का एक क्लीन स्ट्राइकर थे, विशेषकर वह किसी भी गेंद को लेग साइड में भेजने की क्षमता रखते थे, इसके अलावा वो एक उपयोगी ऑफब्रेक गेंदबाज भी थे. टेलर ने 28 दिसंबर 2006 को श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए नेपियर में एक प्रसन्न भीड़ के सामने अपना पहला एक दिवसीय शतक बनाया था. इस पारी में 12 चौके और 6 छक्के शामिल थे. लेकिन दुर्भाग्य से, सनथ जयसूर्या की धमाकेदार पारी से न्यूजीलैंड को उस खेल में बड़े पैमाने पर हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें डीहाइड्रेशन का भी सामना करना पड़ा और दूसरी पारी के दौरान अस्पताल में एक छोटी यात्रा की आवश्यकता पड़ी. टेलर ने 2006-07 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज़ में अपने ओपनिंग मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन बनाए, लेकिन अंत में मैच हार गए. केन विलियमसन के डेब्यू के बाद वो उनके साथ सबसे शक्तिशाली नंबर 3-नंबर 4 शीर्ष क्रम की साझेदारी भी स्थापित की.

टेलर ने अपना दूसरा वनडे शतक 18 फरवरी, 2007 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था. उन्होंने 117 रन बनाए, जो उस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी न्यूज़ीलैंडर द्वारा बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था.

टेलर ने अपना पहला टेस्ट शतक मार्च 2008 में हैमिल्टन में इंग्लैंड के खिलाफ 2007-08 श्रृंखला के पहले टेस्ट में बनाया था . यही नहीं पूरे सीरीज में उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की और सीरीज के लीडिंग रनस्कोरर बने. ओल्ड ट्रेफर्ड में मई, 2008 में टेलर ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का बेस्ट स्कोर बनाया. उस मैच में उन्होंने नाबाद 154 रनों की पारी खेली थी, जिसमें 5 छक्के और 17 चौके शामिल था. उनके बल्ले से तीसरा टेस्ट शतक निकला था मार्च, 2009 में भारत के खिलाफ नैपियर में, जब उन्होंने 204 गेंदों पर 151 रनों की पारी खेली थी. अगले टेस्ट मैच में टेलर ने एक और शतक जड़ा, हो उनके टेस्ट करियर का चौथा था. 107 रनों की पारी खेलकर टेलर ने अपनी टीम को हारने से बचाया था.

टेलर ने 3 मार्च 2010 को नेपियर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में पहली बार न्यूजीलैंड की कप्तानी की, जब डेनियल विटोरी गर्दन में दर्द के साथ शुरुआत से 30 मिनट से भी कम समय पहले टीम से बाहर हो गए थे. टेलर ने सर्वाधिक 70 रन बनाए और न्यूजीलैंड ने चार गेंद शेष रहते दो विकेट से जीत दर्ज की थी. टेलर को मैन ऑफ द मैचअवार्ड से भी नवाजा गया. टेलर ने मास्टर्टन में लैंसडाउन क्रिकेट क्लब को $ NZ 500 का पुरस्कार दान कर दिया था.

टेलर ने सभी प्रारूपों में बतौर कप्तान न्यूजीलैंड के लिए अपनी सेवाएं दी.

2011 वर्ल्ड कप में टेलर से जुड़ा एक बेहद ही रोचक किस्सा है दोस्तों. 8 मार्च, 2011 को टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में टेलर ने अपने वनडे करियर का उच्चतम स्कोर बनाया था, उन्होंने 124 गेंदों पर नाबाद 131 रनों की पारी खेली थी. अपनी पारी में टेलर ने 7 छक्के और 8 चौके लगाए थे और तन कीवी टीम ने पारी के अंतिम 9 ओवरों में 127 रन बनाए थे और पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में यह न्यूजीलैंड का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था, 302 रन. इस शतक के साथ, विनोद कांबली, सचिन तेंदुलकर, और सनथ जयसूर्या के बाद रोस क्रिकेट के इतिहास में केवल चौथे बल्लेबाज बन गए, जिन्होंने अपने जन्मदिन पर एकदिवसीय शतक बनाया हो.

हैमिल्टन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च, 2010 में खेले गए टेस्ट मैच में रोस टेलर ने मात्र 81 गेंदों में शतक ठोक दिया, यह किसी भी न्यूजीलैंडर द्वारा टेस्ट क्रिकेट में बनाया गया सबसे तेज शतक था. वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013/14 टेस्ट सीरीज के तीनों मैचों में टेलर ने शतक जड़ा था. पहले टेस्ट में टेलर ने अपने करियर का पहला दोहरा शतक बनाया था, जो उनके टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी रहा, वो 217 रनों की रचित और उत्तम दर्जे की पारी थी.

2012/13 और 2013/14 सीजन में शानदार प्रदर्शन चलते टेलर ने सर रिचर्ड हेडली मेडल जीता था.

ऑस्ट्रेलिया में 2015-16 सत्र में ट्रांसतस्मान ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट के दौरान उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी आई. उन्होंने अपना दूसरा दोहरा शतक बनाया और टेस्ट मैचों में, और साथ ही ऑस्ट्रेलियाई मिट्टी में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज द्वारा सर्वोच्च स्कोर बन गया. इस कारनामे के साथ, वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट दोहरा शतक बनाने वाले पहले कीवी बल्लेबाज बन गए और अपने देशवासियों के बीच सबसे तेज 5,000 टेस्ट करियर रन (120 पारियों में) तक पहुंचने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए. पारी के दौरान, केन विलियमसन के साथ उनकी तीसरे विकेट के लिए 265 रन की साझेदारी, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए न्यूज़ीलैंड की अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी थी. टेलर 43 चौकों की मदद से 290 रन बनाकर आउट हुए थे.

दिसंबर 2016 में, हैमिल्टन में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट के बाद, टेलर ने अपनी बायीं आंख पर एक पेटीगियम को हटाने के लिए सर्जरी कराई और वह कई हफ्तों तक क्रिकेट से दूर रहे, इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया में चैपलहैडली ट्रॉफी श्रृंखला से चूक गए.

2017 में टेलर ने हेगले ओवल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे के दौरान अपना 17वां एकदिवसीय शतक बनाया. इसके साथ, वह नाथन एस्टल के 16 एकदिवसीय शतकों को पीछे छोड़ते हुए न्यूजीलैंड के लिए सबसे अधिक एकदिवसीय शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए. इस मैच में, टेलर वनडे में भी सबसे तेज 6000 रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के सबसे तेज बल्लेबाज बन गए. न्यूज़ीलैंड ने अंततः 6 रनों से मैच जीत लिया. रॉस टेलर एकदिवसीय इतिहास में सभी टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक बनाने वाले छठे और न्यूजीलैंड के पहले खिलाड़ी बने.

2018 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले वनडे मैच में टेलर ने मैन ऑफ द मैचपरफॉरमेंस दिया था और 7000 एकदिवसीय रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के तीसरे खिलाड़ी बने थे. चौथे वनडे में उन्होंने निःसंदेह अपने वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी, जब 336 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 147 गेंदों पर नाबाद 181 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी. उनका 181* नंबर 4 बल्लेबाज के लिए दूसरा सबसे बड़ा एकदिवसीय स्कोर है और साथ ही लक्ष्य का पीछा करते हुए एक खिलाड़ी के लिए चौथा उच्चतम स्कोर है. उस मैच में, उन्होंने वनडे में न्यूजीलैंड के दूसरे शीर्ष स्कोरर बनने के लिए नाथन एस्टल को भी पीछे छोड़ दिया. हालांकि, न्यूजीलैंड श्रृंखला हार गया, लेकिन वह उस 5 मैचों की श्रृंखला में 304 रनों के साथ सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.

28 जनवरी 2019 को, टेलर भारत के खिलाफ वनडे में 1000 रन पूरे करने वाले न्यूजीलैंड के तीसरे बल्लेबाज बने, उन्होंने यह उपलब्धि तब हासिल की जब वह 14 * पर बल्लेबाजी कर रहे थे और 93 रन बनाकर आगे बढ़े.

अप्रैल, 2019 में 2019 वर्ल्ड कप के लिए टेलर को न्यूजीलैंड के वनडे स्क्वाड में शामिल किया गया था. 5 जून 2019 को, बांग्लादेश के खिलाफ न्यूजीलैंड के मैच में, टेलर ने न्यूजीलैंड के लिए अपना 400वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, जिसमें उन्होंने 82 रन की मैच विनिंग पारी खेली थी. वह स्टीफन फ्लेमिंग के बाद न्यूजीलैंड के लिए 8000 एकदिवसीय रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज भी बने, साथ ही उसी मैच में उन्होंने फ्लेमिंग को पछाड़ते हुए न्यूजीलैंड के वनडे में शीर्ष स्कोरर बने. इसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ टेलर ने एक और मैच जिताऊ पारी खेली.

वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच में, उन्होंने अपनी टीम के पहले ओवर में ही दोनों सलामी बल्लेबाजों को खो देने के बाद 69 रन बनाकर स्थिरता प्रदान की. उन्होंने क्रमशः ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ हार में 30 और 28 रन बनाए. टूर्नामेंट के पहले सेमीफाइनल में, उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए सर्वाधिक 74 रन बनाए और वे लगातार दूसरी बार विश्व कप फाइनल में पहुंचे. फाइनल में मार्क वुड की गेंद पर गलती से LBW दिए जाने से पहले वह केवल 15 रन ही बना सके, और फाइनल में न्यूज़ीलैंड बाउंड्री काउंट पर हार गया था.

21 फरवरी, 2020 को रोस टेलर क्रिकेट के तीनों प्रारूपों(टेस्ट, वनडे और टी20) में 100 मुकाबले खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने थे. भारत के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी. यही नही स्टेफन फ्लेमिंग, डेनियल विटोरी, और ब्रेंडन मैकुलम के बाद 100 टेस्ट खेलने वाले वो चौथे न्यूजीलैंडर बने. अपने 100वें टेस्ट मुकाबले में पहली पारी में टेलर ने 44 रन बनाए थे, दूसरी पारी में उनको बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था और न्यूजीलैंड ने 10 विकेटों से वो मुकाबला जीता था. न्यूजीलैंड की टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021 फाइनल में पहुंची, जहां उन्होंने भारत को हराकर चैंपियनशिप जीती. मुश्किल हालात में रोस टेलर ने कप्तान केन विलियमसन के साथ तीसरे विकेट के लिए 96 रनों की नाबाद साझेदारी की और न्यूजीलैंड को टेस्ट चैंपियन बनाया.

30 दिसंबर, 2021 को टेलर ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. रोस टेलर ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 40 शतक लगाए, 19 टेस्ट में और 21 वनडे में. टेलर ने न्यूजीलैंड के लिए 112 टेस्ट मैचों में कुल 7683 रन बनाए हैं जबकि 236 वनडे में उन्होंने 8607 रन बनाए हैं. वहीं 102 टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 1909 रन बनाए हैं. टेलर के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 3 विकेट भी दर्ज हैं. टेलर आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली डेयरडेविल्स(जो अब दिल्ली कैपिटल्स है) और पुणे वारियर्स इंडिया के लिए खेले. इसके अलावा वो कैरिबियन प्रीमियर लीग का भी हिस्सा रहे. बात अगर टेलर के निजी जिंदगी की करें तो उन्होंने 2011 में विक्टोरिया से शादी रचाई थी, जिनसे उन्हें 3 बच्चे हैं.

रोस टेलर की एक ऑटोबायोग्राफी 2022 में रिलीज़ हुई थी, जिसमें उन्होंने एक चौंकाने वाला खुलासा किया था. टेलर ने अपनी किताब में नस्लवाद के बारे में खुलासा किया. रोस टेलर ब्लैक एंड वाइट शीर्षक से अपनी ऑटोबायोग्राफी में टेलर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम के अंदर उन्होंने नस्लवाद का अनुभव किया. दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि वहां उन्हें बंटरकहकर बुलाया जाता है. टेलर ने कहा,न्यूजीलैंड में क्रिकेट को अच्छा खेल माना जाता है. अपने अधिकांश करियर में मैं एक अलग खिलाड़ी रहा हूं.’ पूर्व बैटर ने आगे कहा, ‘लोग कहेंगे कि ये सब मजाक था. इससे कुछ नुकसान नहीं हुआ तो आप उनको बेवजह तूल क्यों दे रहे हैं? इससे अच्छा है कि आप अपनी ही चमड़ी मोटी कर लो. जो हो रहा है, होने दो. लेकिन क्या ऐसा करना सही बात है?’

न्यूजीलैंड के एक अखबार में उनके बायोग्राफी का एक अंश प्रकाशित हुआ था, जिसमें टेलर कहते हैं,यह देखते हुए कि पॉलिनेशियन समुदाय का खेल में कम प्रतिनिधित्व है. यह शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग कभीकभी यह मान लेते हैं कि मैं माओरी या भारतीय हूं. टीम के एक साथी ने एक बार मुझसे कहा था कि रॉस, तुम आधे अच्छे आदमी हो, लेकिन कौन सा आधा अच्छा है? ये बात आपको नहीं पता. जबकि मुझे समझ आ गया था कि वो क्या कह रहे हैं. टीम के कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी इस तरह की नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ता था.’

टेलर ने कहा कि न्यूजीलैंड में गोरे खिलाड़ियों का वर्चस्व रहता है. खैर जो भी हो इतने विपरीत परिस्थितियों में टेलर ने खुद को साबित किया और न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम महान बल्लेबाज रोस टेलर के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. रोस टेलर जैसे खिलाड़ी के साथ इस तरह का व्यवहार होना न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए बड़े शर्म की बात है फिर भी टेलर न्यूजीलैंड के लिए मैच पर मैच जिताते रहे. क्या आपको रोस टेलर के साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में पता था ? कमेंट में हमें जरुर बताएं.

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