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सहारा खाताधारकों का पैसा कब लौटाएगी, पटना में दर्ज हुआ मुकदमा

Bihari News

सहारा इंडिया में जिन निवेशकों का पैसा है उनके दिलों दिमाग में बस यही चल रहा है कि उनका पैसा कंपनी से कब वापस मिलेगा. इस पूरे मामले में सहारा इंडिया परिवार पर बिहार के साथ ही देश के कई राज्यों में मुकदमा दर्ज हैं. ऐसे में बिहार की राजधानी पटना में सहारा इंडिया ग्रुप पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ है. कंपनी पर पैसा दोगुना करने का आरोप लगा है. पैसा निकासी का जब समय सींमा पूरा हो गया उसके बाद भी कंपनी ने अपने निवेशकों को पूरा पैसा नहीं लौटाया जा सका. ऐसे में बिहार के साथ ही पूरे देश में एक तो मुकदमा दर्ज है साथ ही कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है.

ताजा मामला पटना के फुलवारीशरीफ का है जहां निवेशनों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. बताया गया है कि करीब 30 करोड़ रुपया इन लोगों ने कंपनी में जमा किया है. लेकिन कंपनी की तरफ से एक भी रूपया इन्हें लौटाया नहीं गया है. ऐसे में तंग आकर निवेशकों ने फुलवारीशरीफ थाना में शिकायत दर्ज किया है. इस दौरान बहुत संख्या में लोग वहां उपस्थित थे. निवेशकों ने कंपनी के मालिक सुब्रत राय, विपुल कुमार, केसरी किशोर और कविंद्र कुमार के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि 30 करोड़ से भी अधिक की राशि कंपनी के पास जमा है लेकिन कंपनी लौटा नहीं रहा है. इन निवेशकों का कंपनी के पास पिछले 10 साल से पैसा जमा है लेकिन कंपनी के पास से पैसा निकल रहा है. सहारा इंडिया में लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत और अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा भविष्य को ध्यान में रखते हुए जमा किया था ताकि बाद के समय में उन्हें इन पैसों से फायदा होगा. लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस कंपनी के पास वे अपना पैसा जमा कर रहे हैं वह एक फॉड है जोकि पैसा हमसे तो ले रहा है लेकिन पैसा लौटाने के नाम पर फिर से उसी पैसे को जमा करने को कह रहा है ताकि आपका पैसा कंपनी से न निकाल सके.

आइए अब समझ लेते हैं यह पूरा मामला फंसा कहा पर है

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत होती है साल 2009 और 10 में जब सेबी को सहारा के खिलाफ दो शिकायेंते मिली. जिसमें यह बताया गया कि सहारा गलत तरीके से आम लोगों से पैसे जुटा रही है यानी की पैसा जमा कर रही है. इन शिकायतों के बाद सेबी ने एक्शन लेना शुरू किया. सेबी को जांच में यह सही लगा और इन दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच की शुरूआत कर दी गई है. इस दौरान सेबी को जो हाथ लगा उसमें SIRECL और SHICL ने OFCD के द्वारा करीब ढाई करोड़ निवेशकों से करीब 24000 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके थे. ऐसे में सेबी ने इन दिनों कंपनियों से पैसा जमा करने से साफ मना कर दिया और कहा है कि वह निवेशकों के पैसे को 15 फीसदी ब्याज के साथ पैसा को लौटाए. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट और सेबी ने सहारा इंडिया पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. जिसके बाद सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट और उनकी संपत्ति को फ्रीज करना शुरू कर दिया गया.

सुब्रत राय सहारा पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद सहारा इंडिया पूरी तरह से इस मामले में फंस गया. इस दौरान सेबी निवेशकों का पता नहीं लगा औक जब सहारा समूह की कंपनियां भुगतान करने मे विफल हो गई तो सुब्रत राय को जेल जाना पड़ गया. हालांकि बाद में सहारा ने सेबी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके निवेशकों के 25 हजार करोड़ रुपये ऱखने का आरोप लगाया. अप्रैल 2018 मे सेबी ने कहा था कि जुलाई 2018 के बाद किसी दावे पर विचार नहीं करेगा. ऐसे में सहारा आरोप लगा रहा है कि हमारा पैसा सेबी के पास है और सेबी का कहना है कि आप उन पैसों का प्रुफ दिजिए हम पैसा आपको लौटा देंगे. लेकिन इन सब के बीच में पिस रहा है वह निवेशक जोकि कड़ी मेहनत से भविष्य के लिए पैसे जुटाए थे लेकिन अब वह भी पैसा उन्हें तय समय पर नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में निवेशकों को बस इस बात की इच्छा है कि मेरा पैस कब मिलेगा.

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