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सहारा को जमीन बेचने पर लगी रोक, इतने अरब का है मामला

Bihari News

सहारा इंडिया परिवार कि मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. लगातार मीडिया में सहारा से जुड़ी हुई खबरें सुर्खियां बनती रही है. सहारा निवेशकों का पैसा कब मिलेगा इस तरह की खबरें सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में सहारा को इस ओर विचार करने की जरूरत है कि हम गरीब निवेशकों का पैसा कैसे और किस तरह से उन्हें दें. ऐसे में सहारा से जुड़ी एक खबर सामने आई है जिसमें यह बताया जा रहा है कि सहारा इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों की जमीनों के खरीद बिक्री पर रोक लगा दिया गया है. बतादें कि सहारा की पांच ऐसी संपत्तियां हैं जिसपर पूरी तरह से खरीद बिक्री पर रोक लगी है. हरिद्वार के जिलाधिकारी ने सहारा के 555 बीघा जमीन की बिक्री पर लोग लगा दी है. बता दें कि इन जमीनों का मार्केट वैल्यू 2.77 अरब रुपये आंकी जा रही है.

मीडिया में चल रही खबरों की माने तो सहारा इंडिया की सहायक कंपनियों के नाम पर हरिद्वार के बहादराबाद और रानीपुर जिले में सहारा की जमीन को गलत तरीके से बेचा जा रहा था. बताया जा रहा है कि सहारा की ये जमीन बहादराबाद में हाईवे में लगती है इसी कारण से इसे बेचा जा रहा है, अधिकारियों की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया है कि इस जमीन पर एक बिल्डर के द्वारा टाउनशिप विकसित करने की तैयारी चल रही थी. लेकिन अधिकारियों की पहले के बाद इसे रोका जा सका है. इस पूरे मामले को लेकर यह बताया जा रहा है कि इस जमीन को सहारा औने पौन दाम पर बेचना चाह रही थी. आपको बता दें कि सहारा के द्वारा पूरे देश में जहां जहां भी जमीनें खरीदी गई है वह गरीब निवेशकों के पैसे से इन जमीनों को खरीदा गया है. अब जब निवेशकों की मैच्युरिटी पूरी हो गई है तो सहारा उनका पैसा लौटा नहीं रही है उलट में उस पैसे से खरीदी जमीनों को बेच कर उस पैसे को खुद रखना चाह रही है.

सहारा इंडिया के इसी तरह के रवैये को देखते हुए अब निवेशक कोर्ट का दरवाजा खटखटाने लगे हैं. पिछले दिनों तो पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय सहारा को कोर्ट में आने का आदेश दे दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसपर स्टे ऑडर जारी कर दिया. देश के लगभग शहरों में सहारा इंडिया के ऊपर मुकदमे चल रहे हैं. आए दिन सड़कों पर आंदोलन की खबरें सामने आती है. जब सहारा से पैसे की मांग की जाती है. तो सहारा का तर्क सामने आता है कि हमारा पैसा सेबी के पास जमा है और जब हमें सेबी से पैसे का भुगतान होगा तो हम निवेशकों को पैसा लौटा देंगे. हालांकि अब इस पूरे प्रकरण में गरीब निवेशक पिस रहा है. क्योंकि उनका पैसा सहारा के पास फंसा हुआ है, गरीब निवेशकों ने अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए पैसे सहारा के पास जमा किया था लेकिन उन्हें क्या पता था कि तय समय पूरा होने का बाद भी सहारा के तरफ से पैसे का भुगतान नहीं होगा. ऐसे में गरीब निवेशकों के सामने सबसे बड़ी समस्या यही है कि उनका पैसा कब मिलेगा.

और इधर सहारा है कि अपनी संपत्ति को गलत तरीके से बेच रहा है. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार अपने प्रदेश के लोगों को सहारा में फंसे हुए पैसे लौटा रही है. ऐसे में अब देखना है कि देश के अन्य हिस्सों में कंपनी लोगों को पैसा लौटा पाती है.

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