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इन बिहार की नदियों पर बन गई 238 बालू के टापू , सरकार कर रही मुआयना…

Bihari News

सूबे में कई नदियों में जहां तहां बालू के टापू उभर आये है जिससे नादियो का बहाव भी रुका हुआ है और गाद भी इकठा हो रहा है .इसकी जानकारी मिलते ही खान एवं भूतत्व विभाग इसकी कार्ययोजना बनाने में जुट गए है। इसके लिए पहले नदियों में मौजूद बालू के टापू का जियो कार्डिनेट सर्वे किया जायेगा। इसके बाद खान और भूतत्व विभाग को अनुमान मिलेगा कि किस नदी से कितनी गाद हटानी है। सर्वे से यह भी पता लगाया जायेगा की खनन योग्य बालू कितना है। फिर इनको हटाने की योजना पर काम शुरू होगा। खान और भूतत्व विभाग ने सर्वे समेत अन्य कार्यों की जिम्मेदारी सभी जिला खनिज विकास पदाधिकारियों को सौंपी है। काम बहुत जल्द शुरु हो जायेगा .

29 नदियों पर उभरे रेतीले टापू 

हाल ही में जल संसाधन ने सर्वे की रिपोर्ट विभाग को सौपी है जिसमे बिहार की 29 नदियों में से अन्य प्रमुख नदिया भी सामिल है कोशी नदी में 37, गंगा में 24 , बूढी गंडक नदी में 36 समेत राज्य के कई अन्य नदियो में रेतीले टापू मिले है कुल मिला कर 238 बालू के टापू उभर आए है .विभाग के बैठक में इस विषय पे विस्तार से चर्चा हुई और इस समस्या से निजाद पाने के लिए निर्णय लिया गया . इन टापुओ को हटाने की योजना बनायीं गई है कहाँ कितना काम होगा और किस नदी में गाद इकठा होने से जल का बहाव रुका है इस पर ज्यादा तेजी से काम करवाया जाने को कहा गया जिससे बाढ़ की समस्या से जल्दी निजाद मिले .

मुख्य सचिव की कार्य योजना

टापुओ की समस्या को लेकर हुई बैठक में मुख्य सचिव ने काम सभी विभागों को सौप दिया है
उन्होंने कहा था कि इन नदियों में जिताना भी गाद जमा है, उसका सर्वे किया जाए और फिर उसके बाद रिपोर्ट तैयार किया जाए। नदियों में गाद का आकलन करने की जिमेदारी जल संसाधन विभाग को सौंपी गयी जबकि इस रिपोर्ट के आधार पर एसओपी तैयार करने की जिम्मेदारी खान एवं भूतत्व विभाग को सौंपी गयी है । इसके पहले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग पर्यावरणीय अनुमति के संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग को जानकारी देनी होगी .

सिल्ट के टापू से नदियों का बाहव हुआ कम
सूबे की प्रमुख्य नदियों में सिल्ट बने जाने की समस्या बेहद हैरान कर देने वाली है. सिल्ट के 238 बड़े टापू समस्या का कारण बन गये है जिस वजह से कई प्रमुख्य नदियों की धारा और चौडाई कम हो गयी है इससे तटवर्ती इलाकों में कटाव की समस्या तेज हो गयी है। इसके कारण लगातार बिहार के अन्य राज्यों में बाढ़ की समस्या पैदा हो गई है.

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