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सौरव गांगुली की 5 सर्वश्रेष्ठ पारियां

Bihari News

क्रिकेट जगत में भारत के लिए एक से बढ़कर एक क्रिकेटर हुए जो अपनी विशिष्ट खेल प्रतिभा और कई उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं , ऐसे ही खिलाडीयों में सौरव गांगुली दादा के नाम से मशहूर हैं उन्हें सफलतम कप्तानों में से एक माना जाता है | उन्होंने टेस्ट, वनडे, आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किये हैं इस दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किये हैं उन्हें दादा के अलावा प्रिंस ऑफ़ कोलकाता, बंगाल टाइगर और महाराजा के नाम से जाना जाता है | उन्होंने भारत के लिए 1992 से लेकर 2008 तक क्रिकेट खेला था इस दौरान इन्होंने कुल 424 मैच में 18500 से भी अधिक रन बनाये थे जिसमे 113 टेस्ट और 311 वनडे मैच शामिल है , गांगुली अपने करियर में एक कप्तान , एक बल्लेवाज और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं | सौरव गांगुली के पिता चंडीदास गांगुली एक अछे क्लब क्रिकेटर थे और वे क्रिकेट को लेकर काफी जुनूनी थे इसलिए उनके घर में हमेशा क्रिकेट की बाते ही होती थी और यहीं से सौरव की दिल्च्पी क्रिकेट में बढ़ी थी | गांगुली क्रिकेट से पहले फुटबॉल खेला करते थे लेकिन घर में हमेशा क्रिकेट की बाते होने के कारण उनकी दिल्च्पी क्रिकेट में बढ़ी |दादा की बल्लेवाजी देखना हमेशा मजेदार होता था ,इन्हें ऑफ़ साइड का भगवान कहा जाता है क्योंकि जहाँ गैप नहीं होता था वहाँ भी दादा गैप ढूंढ लेते थे ।

वैसे तो आप गांगुली के एक से बढ़कर एक पारियां देखी और सुनी होगी लेकिन हम आपको उनमें से कुछ शानदार परियों के बारे में बताने जा रहे हैं |

आइये नजर डालते हैं दादा के सर्वश्रेष्ठ पांच परियों पर ,

                                   

इसमें पहला स्थान है दादा के द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ 1998 में खेली गयी 124 रन की पारी का , इस मैच में पाकिस्तान ने भारत के सामने 315 रन का विशाल स्कोर रखा था | इतना बड़ा लक्ष्य टीम इंडिया ने कभी नहीं हासिल किया था| उस मैच में सौरव गांगुली ओपनिंग करने आए और 138 गेंदों में 124 रन की शानदार पारी खेली | उस मैच में सौरव गांगुली ने सभी पाकिस्तानी गेंद्वाजो की जमकर पिटाई की थी यह मुश्किल लक्ष्य सौरव गांगुली के 124 रनों की शतकीय पारी से हीं संभव हो पाया था | भारत यह मैच तीन विकेट से जित जाता है और सौरव गांगुली मैन ऑफ़ द मैच चुना जाता है |

गांगुली की सर्वश्रेष्ठ पारियों की सूची में दूसरा स्थान है श्रीलंका के खिलाफ बनाई गयी 183 रन की पारी का ,टॅानटन का मैदान में भारत और श्रीलंका का वर्ल्ड कप 1999 में यह बेहद अहम मुकाबला था , इस वर्ल्ड कप में भारत ग्रुपए में अपने तीन में से दो मुकाबला हार चुकी थी और सुपर-6 के दौड़ से बाहर होने की कगार पर खड़ी थी ,यह मैच भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला था और श्रीलंका डिफेंडिंग चैम्पियन भी थी ऐसे में यह मैच आसान नहीं होने वाला था| फिर दादा और राहुल द्रविड़ ने उस दिन शतक बना कर भारत की मुश्किलें आसान कर दी ,इन दोनों के बिच 269 गेंदों में 318 रन की साझेदारी हुई थी | यह वनडे इतिहास की पहली 300+रन की साझेदारी भी थी | दादा ने उस मैच में 158 गेंद में 183 रन की पारी खेली थी , इस विशाल पारी में दादा ने 17 चौके और 7 लम्बेलम्बे छके लगाये थे | यह मैच वर्ल्ड कप का एक अहम मैच था जिश्में भारत ने 157 रन से जित हासिल की थी |उस समय तक भारत की तरफ से वनडे में बनाई गयी यह सर्वोच्च वक्तिगत स्कोर था |

गांगुली की सर्वश्रेष्ठ पारियों की सूची में तीसरा स्थान है न्यूज़ीलैंड के खिलाफ बनाई गयी 153 रन की पारी का , उनकी यह बल्लेवाजी मास्टर क्लास बल्लेवाजी थी | यह मैच भारत और न्यूज़ीलैंड के बिच नम पिच पर खेला गया था पहले बल्लेवाजी करते हुए भारत ने कीवी गेंद्वाजो के खिलाफ काफी सघर्ष करना पड़ा था कोई भी बल्लेवाज उनकी आक्रामकता के सामने टिक नहीं पा रहा था , सौरव गांगुली एक छोर पे खड़े थे और धुआधार बल्लेवाजी कर रहे थे उस मैच में गांगुली ने नाबाद 153 रन की पारी खेलकर भारत का स्कोर 261 के एक सम्मानजनक स्कोर पे जा खड़ा हुआ था उस मैच में सौरव गांगुली ने एक विकेट भी लिया था | उनके इस हरफमौला खेल से भारत इस मैच में विजयी होता है |

गांगुली की अछी पारियों एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ आई थी , भारतपाकिस्तान से जुड़ी एक और कहानी आपको बताने जा रहे है जो शायद हीं आपने सुनी होगीं | 2007 में भारतपाकिस्तान का यह तीसरा टेस्ट मैच चिन्नास्वामी में होता है इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेवाजी करता है और वसीम जफ़र, गौतम गंभीर , राहुल द्रविड़ के जल्द ही विकेट खो देता है फिर सौरव गांगुली एक मास्टरपीस इनिंग खेलते हैं पहली पारी में दादा 239 रन की पारी खेलते हैं | यह सौरव गांगुली का टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर भी है ,और दूसरी इनिंग में दादा 91 रन बनाते हैं हालाकिं दादा सिर्फ 7 रन से दूसरी पारी में शतक बनाने से चुक जाते हैं | भारत यह सीरीज 1-0 से जित जाता है और गांगुली को उस मैच में मैन ऑफ़ द मैच और सीरीज में मैन ऑफ़ द सीरीज का ख़िताब मिलता है |

इस सूची में अगला शानदार प्रदर्शन है साउथ अफ्रीका के खिलाफ, गांगुली ने यह पारी साल 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली थी , यह चैम्पियन ट्रॉफी का सेमी फाइनल मैच था जहाँ दादा ने कप्तानी पारी खेलते हुए 141 रन की नाबाद पारी खेलते हैं, इस मैच में वे शुरू से लेकर अंत तक टिके रहते हैं, इस पारी दौरान वे 11 चौके और 6 छके लगाते हैं | इस मैच में भारत ने 50 ओवेरों में 295 रन बनता है और 95 रन से यह मुकाबला जीत जाता है |

आपको इनमे से कौन सी पारी अछी लगी हमें कमेंट कर जरुर बताएं

100 words:- It was not just like this that he was given the title of Maharaja, he was really a Maharaja, irrespective of the format of cricket, Sourav’s bat always used to speak loudly, Dada always played well in knockout matches.

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