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पंजाब के खेतों से लेकर क्रिकेट के मैदान में पहुंचने तक का सफर कहानी शुभमन गिल की..

Bihari News

दोस्तों क्रिकेट उत्तराधिकारी को लेकर कई बार चर्चा होते हुए आपने सुनी और देखी होगी। विराट कोहली ने अपने करियर के 14 साल पूरे कर लिए है लगभग इतने ही साल रोहित शर्मा ने पूरे किए है। जब सचिन तेंदुलकर रिटायर हुए थे तो उन्होंने अपने उत्तराधिकारी कोहली और रोहित को बताया था कहा था कि इन्ही में से कोई एक मेरे रिकॉर्ड की बराबरी करेगा या तोड़ेगा। आज विराट सचिन के रिकॉर्ड के बहुत नजदीक है। लेकिन अब कोहली और रोहित के उत्तराधिकारी की तलाश जोर पकड़ रही है। आखिर टीम इंडिया में ऐसा कौन खिलाड़ी है जो इनकी विरासत को आगे बढ़ा सके.. दोस्तों अभी इस रेस में जो नाम सबसे आगे चल रहा है.. वो है शुभमन गिल… जिन्होंने बहुत कम समय में अपने खेल से दुनिया को हैरत में डाल दिया, गिल को जुमा जुमा वनडे क्रिकेट में मौका मिला और दोहरा शतक ठोक डाला । यह उभरता हुआ निराला खिलाड़ी कितने हैरतंगेज रिकॉर्ड बना रहा है सोचने वाली बात है।

दोस्तों आप देख रहे हैं चेक दे क्रिकेट की खास पेशकश और हम आज बात करने वाले है चमकते हुए खिलाड़ी शुभमन गिल की , साथ ही उनके क्रिकेटर बनने के सफर की भी चर्चा करेंगे .. आखिर कैसे गांव के खेतों से लेकर क्रिकेट के मैदान तक पहुंचे शुभमन गिल, और जानेंगे कि कैसे सारा अली खान व सारा तेंदुलकर से जुड़ा शुभमन गिल का नाम..

8 सितम्बर 1999 , पांच फुट 10 इंच के शुभमन गिल का जन्म भारत – पाकिस्तान बॉर्डर के पास स्थित पंजाब के फजलिका के एक गांव में हुआ था। गिल के परिवार में पिता लखविंदर सिंह और माता कीरत गिल है। घर में गिल की एक बड़ी बहन शाहीन गिल भी है। शुभमन के पिता और उनके दादा का जीवनयापन खेती से ही रहा है। गिल के पिता लखविंदर गिल अपनी खेती की परंपरा को तोड़ एक क्रिकेटर बनना चाहते थे। लखविंदर में क्रिकेटर बनने की प्रतिभा कूट कूट कर भरी थी। लेकिन परिवार से मदद और सही दिशा ना मिलने के कारण लखविंदर गिल को अपना अपना त्यागना पड़ा और खेती बाड़ी में ही अपना जीवन आगे बढ़ाना पड़ा..

गिल के पिता एक सफल किसान तो बन गए थे लेकिन उनके दिल में अभी भी क्रिकेट को लेकर चाह थी। यही वजह है कि उनके घर में दो-चार बल्ले और टेनिस गेंद पड़ी रहती थी। पिता लखविंदर बताते है कि शुभमन जब तीन साल के थे तो वे भारी बल्ले उठाने की कोशिश करते थे लेकिन जब वो बल्ले को नही उठा पाते थे तो काफी निराश हो जाते थे। गिल के दादा जी चुप कराने के लिए बाजार के खिलौने देते थे लेकिन गिल को खुशी उसी बल्ले से ही मिलती थी। फिर क्या था उनके दादा जी ने एक लकड़ी का छोटा बल्ला बनवाया। गिल के हाथो में बल्ले देखकर गिल की खुश से पूरा परिवार प्रसन्न रहता.. गिल का उसी बल्ले के साथ एक साल पूरा हो गया। उनके पिता ने गिल के अंदर क्रिकेट की जुनुनियत और खुशी को दुगना करने की सोच ली। गिल जब चार साल के हुए तो पिता लखविंदर उन्हे घर के आंगन में बैटिंग करवाने लगे…

एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में नजर आने लगे तो समझ जाना चाहिए उसे क्या चाहिए । पिता को भी शुभमन गिल के अंदर क्रिकेट को लेकर दीवानगी और उसकी प्रतिभा समझ आने लगी.. कि मेरा बेटा क्रिकेट में एक विशेष प्रतिभा लेकर पैदा हुआ है। फिर क्या था लखविंदर ने गिल को क्रिकेटर बनाने का ख्वाब बुन लिया। और उसे अपने साथ रोज खेतों में लेकर जाने लगे.. गिल के लिए खेतों में ही एक पिच का निर्माण किया। गिल वहां अपने उम्र से बड़े लडको के साथ खेलने लगे। लखविंदर अपने बेटे गिल को क्रिकेट के लिए परिपक्व और मजबूत बनाने के लिए लडको को कहते की जो गिल को आउट करेगा उसे 101 रूपये का ईमान मिलेगा । लेकिन कभी कभार ही ऐसा होता था कि कोई शुभमन गिल को आउट कर लेता था। शुभमन के अंदर क्रिकेट की प्रतिभा तो थी मगर अभी गिल प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने से दूर थे लखविंदर को अपने बेटे का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा था इसीलिए वह गिल को रोज अभ्यास कराते और क्रिकेट से जुड़े रोचक किस्से बताते। घर में एक टीवी था जब भी मैच आता पिता और पुत्र साथ बैठकर देखा करते थे। सचिन तेंडुलकर की बैटिंग को देखकर गिल को खेल के मायने समझ आने लगे थे। गिल रोज अपने पिता की 500 से 600 बालों का सामना करते थे उनके पिता को क्रिकेट की सूझबूझ तो थी इसलिए विभिन्न प्रकार की गेंदे फेकते थे। लखविंदर कभी चारपाई रखकर गेंद फेकते जिससे गेंद तेजी से आ सके। गिल तेज गेंदबाजी को खेलने में कंठस्य हो गए यह गुण उनके पिता ने ही सिखाया था।

शुभमन गिल रोज खेतों में जाते और अभ्यास करते, जब तक जाते तो खेती के गुण भी सीखने लगते। दोस्तों अगर गिल आज सफल क्रिकेटर नहीं बनते तो वे खेती जरूर करते क्योंकि इसमें भी उन्हें महारत हासिल थी। उनके पिता ने सोचा की गिल को अगर टीम इंडिया की जर्सी में खेलना है तो उसे अच्छी कोचिंग की जरूरत पड़ेगी लेकिन गिल को एक सफल क्रिकेटर बनाने के लिए पूरा परिवार गांव छोड़कर मोहाली आ गए और वहां पंजाब क्रिकेट एकेडमी के पास एक किराए के घर में रहने लगे। गिल ने यहां मानव मंगल स्मार्ट स्कूल को ज्वाइन कर लिया । गिल। को स्कूली क्रिकेट कुछ रास नहीं आई इसलिए गिल शाम को क्रिकेट एकेडमी जाना शुरू कर दिया । स्कूल जाना फिर एकेडमी जाना और देर रात तक प्रैक्टिस करना गिल की पूरी दिनचर्या थी… रविवार को यह दिनचर्या और कठिन हो जाती ।

समय बढ़ रहा था और गिल 11 साल के हो चुके थे लेकिन शुभमन की क्रिकेट एकेडमी से आगे नहीं बढ़ रही थी..साल 2009 गिल को यहां से टर्निंग प्वाइंट मिलने वाला था पंजाब क्रिकेट एकेडमी में तेज गेंदबाज तैयार के लिए करसन घावरी को शामिल किया गया था। इसी बीच घावरी को अच्छे तेज गेंदबाज तैयार करने के लिए अच्छे बल्लेबाज नही मिल रहे थे। उसी दिन तेज बारिश हो रही थी घावरी अपने दोस्त के साथ कहीं जा रहे थे तभी उनकी नजर बारिश में खेलते हुए 11 साल के बच्चे पर पड़ी वो कोई और नहीं बल्कि शुभमन गिल थे। गिल के पिता से घावरी ने बातचीत कर गिल को अपने साथ बुला लिया। और गिल की करिश्माई प्रतिभा को देखकर करसन घावरी चौंक गए। तब उन्हें लगा यह तो बड़े मंच के लिए बना है। घावरी ने पंजाब क्रिकेट के बड़े अधिकारियों से बात की और गिल को अंडर 14 में शामिल करने को कहा। शुभमन ने उस टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया। और दोहरा शतक जमा दिया। गिल अच्छा खेलते रहे और उन्होंने अंडर 19 टीम में जगह बना ली। यहां भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद साल 2018 में गिल को भारत की अंडर 19 टीम में शामिल किया गया जहां उन्होंने 4 मैचों मे 278 रन बनाए थे। गिल के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें घरेलू क्रिकेट में मौका मिल गया। विदर्भ के खिलाफ उन्हे लिस्ट ए में पदार्पण करने का मौका मिला। गिल के अंडर 19 टीम में शानदार खेल को देखते हुए आईपीएल के फ्रेंचाइज की नजर उन पर पड़ गई। गिल को उसी साल कोलकाता नाइट राइडर्स ने 1करोड़ 8 लाख की बोली लगाकर टीम में शामिल कर लिया। गिल इसके बाद आईपीएल में गुजरात टाइटंस में शामिल हो गए। रही बात शुभमन गिल के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की तो 31 जनवरी 2019 का वो दिन रहा जब न्यूजीलैंड दौरे पर गई भारतीय टीम में चौथे वनडे के लिए विराट कोहली की जगह गिल को एकदिवसीय क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गिल को सफेद जर्सी में टेस्ट खेलने का मौका भी मिल गया। जहां गिल ने शानदार बल्लेबाजी की ।

24 वर्षीय शुभमन गिल ने अपने क्रिकेट करियर में अब तक 13 टेस्ट मैच खेल चुके है जिसमें 1 शतक चार अर्ध शतक की बदौलत 736 रन बना चुके है। वहीं वनडे क्रिकेट के 21 मैचों में एक दोहरे शतक, और चार शतक की बदौलत 1254 रन बनाए है। गिल ने 18 जनवरी 2023 को न्यूजीलैंड के खिलाफ 208 रनों की पारी खेली। दोहरा शतक लगाने वाले गिल दुनिया के सातवें और भारत के पांचवें बल्लेबाज बन गए। गिल ने अभी तक 6 टी 20 मुकाबले खेले है जिसमें उन्होंने न्यूजीलैंड के विरुद्ध 126 रनों की शानदार पारी खेली थी। दोस्तों बात करें शुभमन गिल के अफेयर की तो इनका नाम सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर से जुड़ता रहा है । साथ ही बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान से भी अफेयर की चर्चा होती रही है।

क्या शुभमन गिल विराट कोहली के उत्तराधिकारी बन सकते है? जैसे सचिन तेंदुलकर के विराट कोहली बने थे।

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