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ऑटो-रिक्शा चलाने वाले का बेटा कैसे बना भारतीय टीम का मुख्य गेंदबाज, कभी मैच खेलने के लिए मिले थे 500 रूपए

Bihari News

कभी मैच खेलने के लिए मिले थे 500 रूपए, पिता चलाते थे ऑटो, आज है भारत का लीड गेंदबाज

ऑटो-रिक्शा चलाने वाले का बेटा कैसे बना भारतीय टीम का मुख्य गेंदबाज

जिसकी घातक गेंदबाजी के आगे बड़े-बड़े सूरमा हो गए ढेर

आईपीएल इतिहास के पहले गेंदबाज, जिन्होंने बैक टू बैक फेके मेडन ओवर

कठिनायों में नहीं डिगे कदम, उससे लड़कर जो बना टीम इंडिया का लीड गेंदबाज

 बड़ा वही बनता है जो निडर होता है, जो कठिनाईयों से नहीं डरता. आज के लेख में बात होगी एक ऐसे हुनरमंद खिलाड़ी की, जिसके हौंसलों के आगे परिस्थितियों ने हार मान ली. तमाम तरह के कठिनाईयों का सामना करते हुए आज यह भारतीय टीम का प्राइम गेंदबाज बना हुआ है. आज बात होगी भारत के घातक तेज गेंदबाज मियाँ भाई मोहम्मद सिराज के बारे में. दरअसल सिराज का घरेलु नाम मियाँ है, सब घरेलु क्रिकेट में उन्हें मियाँ भाई कहकर ही पुकारते थे. इस लेख में हम मोहमद सिराज के जीवन से जुड़ी कुछ जानी-अनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च, 1994 को हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता एक ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां एक हाउसवाइफ. सिराज के पिता गरीब जरुर थे लेकिन अपने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने कभी पैसों को आड़े नहीं आने दिया. उन्होंने सिराज के लिए महंगी किट का इंतजाम किया. उन्होंने अपनी पढ़ाई सफा जूनियर कॉलेज से पूरी की. सिराज पर बस क्रिकेट का धुन सवार था इसलिए वो 12वीं तक ही पढ़े. सिराज के बड़े भाई मोहम्मद इस्माइल एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं.

कार्तिक उडुपा की कोचिंग में मोहम्मद सिराज की मेहनत रंग लाई और 2015-16 रणजी सीजन में हैदराबाद के लिए उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया. 15 नवंबर, 2015 को सर्विसेज के खिलाफ अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू पर सिराज दोनों पारी मिलाकर सिर्फ 1 विकेट ही ले पाए थे. मैच ड्रा पर छूटा था. हालांकि डेब्यू मैच में सिराज ने अपनी गेंदबाजी की छाप जरुर छोड़ दी थी. 2 जनवरी, 2016 को मोहम्मद सिराज ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में अपना पहला टी20 मुकाबला खेला था. उस रणजी सीजन यानी 2016-17 में सिराज ने दमदार वापसी करते हुए 41 विकेट के साथ हैदराबाद के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. सिराज की बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत हैदराबाद की टीम उस सीजन में क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई थी. 9 मैचों में 41 विकेट लेकर वो हैदराबाद की तरफ से सबसे ज्यादा और टूर्नामेंट के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे थे. दमदार प्रदर्शन के चलते सिराज आईपीएल फ्रेंचाइजियों की नजर में आ गए. अब सिराज का क्रिकेट करियर का नया उड़ान भरने की तैयारी में था. आईपीएल 2017, जो कि लीग का 10वां संस्करण था, मोहम्मद सिराज को सनराइजर्स हैदराबाद ने 2.6 करोड़ रूपए में खरीद लिया. सिराज ने विश्व के सबसे बड़े लोकप्रिय टी20 लीग में अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ी.

उस आईपीएल सीजन सिराज ने 6 मैच खेले थे और 10 विकेट अपने नाम किए थे. फिर विजय हजारे ट्रॉफी 2017-18 में सिराज ने 7 मैचों में 23 विकेट चटका लिए और टूर्नामेंट के लीडिंग विकेट टेकर गेंदबाज बन गए. सिराज जितना खेल रहे थे, उनकी गेंदबाजी उतनी ही बेहतर होती चली जा रही थी. और ये बात राष्ट्रीय चयनकर्ता भी अच्छी तरह जान रहे थे, उनको अक्टूबर, 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल किया गया और 4 नवंबर, 2017 को न्यूजीलैंड के खिलाफ सिराज ने अपना टी20 अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया था. राजकोट में खेले गए उस मुकाबले से पहले जब भारत का राष्ट्र गान बजा, सिराज रोने लगे.

अपने डेब्यू मैच में सिराज ने कीवी कप्तान केन विलियमसन को आउट किया था. अपने 4 ओवरों के कोटे में सिराज ने उस मुकाबले में 53 रन खर्च किए थे.
फिर जनवरी, 2018 में हुए आईपीएल ऑक्शन में सिराज को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने खरीद लिया और इसके बाद से अभी तक वो बैंगलोर के लिए ही खेल रहे हैं. सिराज वर्तमान में बैंगलोर की टीम के प्राइम मेम्बर बने हुए. 2022 आईपीएल मेगा ऑक्शन से पहले किसी टीम ने 2 तो किसी ने 3 और किसी ने 4 खिलाड़ी रिटेन किए थे, सिराज भी उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से थे, जिन्हें उनकी टीम ने रिटेन किया था.

फरवरी, 2018 में सिराज को निद्हास ट्रॉफी के लिए भारत की टी20 टीम में चुना गया. साल 2018, सिराज के लिए ड्रीम इयर साबित हुआ, इस साल उनको भारत के वनडे अंतराष्ट्रीय टीम और टेस्ट अंतराष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया था. हालांकि सिराज ने अपना वनडे और टेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू साल 2019 में किया था. सितंबर, 2018 में सिराज को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया था, लेकिन वो एक भी मैच में प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पाए. अक्टूबर, 2018 में उनको देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया ए स्क्वाड में शामिल किया गया. फिर साल के अंतिम महीने में सिराज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया में चुन लिया गया. 15 जनवरी, 2019 को सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एडिलेड ओवल में अपना वनडे अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया था.

अपने पहले इंटरनेशनल वनडे मैच में सिराज कमाल नहीं कर पाए, वो काफी महंगे भी साबित हुए. उस मैच में सिराज ने 10 ओवरों में 76 रन खर्च किए थे और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था. इसके बाद सिराज टीम से अंदर-बाहर होते रहे. अक्टूबर, 2019 में सिराज को 2019-20 देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया बी के स्क्वाड में शामिल किया गया. इसके बाद कोरोना के चलते क्रिकेट रुक गया. आईपीएल भी बीच में ही रोकना पड़ा लेकिन अक्टूबर में बचे हुए मुकाबले खेले गए. इसी दौरान सिराज ने एक अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. 21 अक्टूबर, 2020 को सिराज ने बैक टू बैक मेडन ओवर फेंक दिए और ऐसा करने वाले आईपीएल इतिहास के पहले गेंदबाज बन गए.

26 अक्टूबर, 2020 को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज के लिए सिराज को टीम इंडिया में चुना गया और यही सिराज के इंटरनेशनल करियर में मील का पत्थर साबित हुआ. मोहम्मद शमी जब इंजर्ड हो गए तब नवदीप सैनी और मोहम्मद सिराज में से किसी एक को चुनने की बारी आई और मैनेजमेंट ने सैनी के आगे सिराज को तरजीह दी. 26 दिसंबर, 2020 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहम्मद सिराज ने अपना टेस्ट अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया. सिराज का पहला टेस्ट इंटरनेशनल विकेट मार्नस लेबुशेन के रूप में आया. जनवरी, 2021 में सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में सिराज ने फाइव विकेट हॉल लेकर सनसनी मचा दी. बुमराह और शमी के ना रहते सिराज ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की थी और भारत के प्रसिद्द टेस्ट सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई.

इस टेस्ट सीरीज के बाद सिराज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी घातक गेंदबाजी की बदौलत वो भारतीय टीम के मुख्य सदस्य बन गए हैं खासकर टेस्ट और वनडे टीम में. ये बात बेहद कम लोगों को पता है कि ऑस्ट्रेलिया-सीरीज के दौरान ही सिराज के पिता उनको छोड़कर हमेशा के लिए चले गए. अब सिराज के सामने दुविधा थी कि वो घर जाएं या फिर भारत के लिए खेलें. सिराज ने तय किया कि वो मुश्किलों में अपनी टीम को छोड़कर नहीं जाएंगे. और फिर सिराज खेले और ऐसी गेंदबाजी की, कि दुनिया देखती रह गई. सिराज ने इसको लेकर एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने वही किया जो मेरे पिता चाहते थे’. सिराज ने भारत के पेस अटैक को खौफनाक बना दिया.


आपको पता है क्रिकेटर के रूप में सिराज की पहली कमाई 500 रूपए है. जी हां, मोहम्मद सिराज ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि एक बार उन्हें एक क्लब के लिए मैच खेलने का मौका मिला. उनके मामा टीम के कप्तान थे. उस मैच में मोहम्मद सिराज ने 20 रन देकर 9 विकेट ले लिए. इस तरह उनकी टीम मैच जीत गई और उनके मामा ने ईनाम के तौर पर उन्हें 500 रुपए दिए. इस तरह क्रिकेटर के रूप में मोहम्मद सिराज की पहली कमाई 500 रुपए थी. सिराज मौजूदा समय में जबरदस्त लय में हैं और ये 2023 वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम के लिए बेहद राहत भरी बात है. फैंस सिराज से वर्ल्ड कप में घातक गेंदबाजी की उम्मीद कर रहे हैं और सिराज भी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे, ये सबको विश्वास है. क्योंकि सिराज को जब-जब मौके मिले हैं, वो उम्मीदों पर खरे उतरे हैं. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम मोहम्मद सिराज के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आपको क्या लगता है दोस्तों ? क्या सिराज भरोसे पर खरे उतरने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं ? कमेंट में हमें बताएं.

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