दरअसल नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं. ऐसे में बिहार के साथ ही पूरे देश की सियासत में नीतीश कुमार नाम की चर्चा तेज है. ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इन तमाम कयासों में इस बात का भी जिक्र किया जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं क्या? हालांकि पिछले दिनों नीतीश कुमार जिस तरह से विपक्षी एकता को एकजुट करने के लिए दिल्ली का दौरा किये थे उस समय इस बात का जिक्र किया गया था कि प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा. लेकिन किसी भी पार्टी ने इस मुद्दे पर बात करने से मना कर दिया. हालांकि एक बात यह भी कही गई कि सीटों के आधार प्रधानमंत्री पद मिल सकता है. हालांकि यह अभी भविष्य के गर्त में हैं कि क्या होगा लेकिन आज बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पटना पहुंचे और उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से लेकर कई अन्य मुद्दों पर अपनी बात कही है.

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2024 में विपक्ष की तरफ से नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार को लेकर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार तो हमारा बहुत पुराना दोस्त है जेपी आंदोलन के समय हम साथ रहे हैं. तो हम ना कैसे कह सकते हैं. दरअसल स्वामी से यह पूछा गया था कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लिड करने जा रहे हैं सक्सेस हो पाएंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम ना कैसे कह सकते हैं. इसके बाद पुछा गया कि आपको लगता है कि 2024 में वे प्रधानमंत्री को चैलेंज कर सकते हैं. इस पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि यह उनकी मर्जी है. उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं कहा है. आज मैंने मिलने के लिए समय मांगा है अगर वे किसी दूसरे काम में व्यस्थ नहीं होंगे तो हम उनसे जरूर मिलेंगे. और उनसे सीधा पुछेंगे की आपके मन में क्या है? उन्होंने कहा कि मैं उनसे पुछुंगा कि आपको इंटरेस्ट है या नहीं है. सत्यपाल मलिक के सवाल पर भी सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि वे बहादुर हैं वे सभी सवालों का जवाब दे सकते हैं. आपको बता दें कि स्वामी बहुत ही बेवाक नेता के रूप में जाने जाते हैं. बीजेपी के सांसद होने के बाद भी अपनी ही सरकार और अपने नेताओं पर कई बार आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर दिए गए बयान के बाद एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गए हैं स्वामी.

देश में इन दिनों जिस तरह से विपक्ष के चेहरे को लेकर बात चल रही है ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. क्योंकि नीतीश कुमार पहले व्यक्ति हैं जोकि विपक्ष को एकजुट करने पर बात कर रहे हैं साथ ही विपक्षी एकता में कांग्रेस को भी साथ रखने की बात करते हैं. नीतीश कुमार थर्ड फ्रंट नहीं मेन फ्रंट बनाने की बात करते हैं. जिसमें कांग्रेस के साथ ही पूरा विपक्ष शामिल हो. पिछले दिनों नीतीश कुमार से मिलने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहुंचे थे. नीतीश कुमार और रावत की कुछ देर मुलाकात हुई और वे लौट कर दिल्ली चले गए. हरीश रावत का नीतीश कुमार से मुलाकात जितना महत्वपूर्ण था उतना ही यह भी कि बिहार कांग्रेस को इस बात की भनक तक नहीं थी कि हरीश रावत नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे हैं. दरअसर उसी दिन बिहार कांग्रेस इफ्तार पार्टी का भी आयोजन कर रही थी. जिसमें नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे थे लेकिन रावत को निमंत्रण नहीं मिला था.

रावत के बारे में यह बताया जाता है कि वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से अच्छी बनती है. ऐसे में नीतीश के लिए कोई मैसेज लेकर आए हों. कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हरीश रावत इससे पहले भी नीतीश कुमार की तारीफ कर चुके हैं. और अब इधर बिहार पहुंचे स्वामी ने भी कहा है कि वे हमारे पुराने साथी हैं और हम मिलकर बात करते हैं उनके मन में क्या है? ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि स्वामी को नीतीश कुमार बता सकते हैं कि पीएम उम्मीदवार को लेकर उनके मन में क्या चल रहा है.

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