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6 हजार की नौकरी करने वाला KBC में जीता था 5 करोड़

Bihari News

बिहारी बेजोड़ के आज के सेगमेंट में बात करने जा रहे हैं एक ऐसे बिहारी के बारे में जिन्होंने अपने ज्ञान के बदौलत देश दुनिया में नाम कमाया है. इनके कार्यों से से बिहार उस दौर में गौरवान्वित हुआ था. बिहार को लेकर जो वातें पिछले कई सालों से कही जाती रही है कि यह ज्ञान की भूमि है उस वाक्य को इस बिहारी लाल ने उस दिन चरितार्थ कर दिया था. इनके ज्ञान का डंका देश में ही नहीं वल्कि विदेशों में बजा था. लंबे समय से चली आ रही ज्ञान की इस परंपरा को बिहारी लाल ने आज के जमाने में भी कायम रखा था. यह एक साधारण से परिवार से आता है लेकिन इसके कार्य असाधारण थे. तभी तो इस व्यक्ति को एक ख्याती मिली. अब तक आपको भी समझ में आ ही गया होगा हम बात करने जा रहे हैं कि कौन बनेगा करोड़ति के विजेता सुनील कुमार के बारे में…

सुशील कुमार का बचपन अभावों में बिता है. वे पांच भाइयों को उनके माता-पिता ने पढ़ाया. इनके माता-पिता ने अपने बच्चों को अपना पेट काटकर अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया था. जब उन्होंने इंटरमेडिएट की पढ़ाई पूरी की तो उन्होंने बी.ए की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुशील प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए थे. लेकिन इस दौरान उन्हें सफलता नहीं मिली है. हालांकि इस दौरान उन्होंने कम्प्यूटर चलाने की ट्रेनिंग ली थी. हालांकि बाद में इसी मे उन्हें नौकरी भी मिली थी. हालांकि इसी दौरान उनकी शादी भी हो गई. इस दौरान उन्होंने डाटा इंट्रा का काम भी किया था. हालांकि इसी दौरान टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति सेगमेंट आता था. हालांकि वे इसमें जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन उन्होंने एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें इसमें वे सफल हो गए. दरअसल इससे पहले चार बार कौन बनेगा करोड़पति में शामिल होने के लिए उन्होंने प्रयास किया था. उस समय सुशील के पास न तो टीवी था और न ही मोबाइल जिससे की वे केबीसी के सवालों का जवाब दे सके. लेकिन जब केबीसी-4 की जब शुरुआत हुई तो उस समय तक सुशील कुमार को नौकरी मिल गई थी. और घर में टेलीविजन भी आ गया था. हालांकि सुशील कुमार ने केबीसी में जाने का साथ नहीं छोड़ा. हालांकि केबीसी-5 में जाने के लिए उनका बुलावा आ ही गया. जब शुशील कुमार का ऑडिशन हुआ तो करीब एक महीने के बाद उनका फाइनल ऑडिशन के लिए उन्हें मुंबई में बुलाया गया. हालांकि ज्ञान की इस परीक्षा में सुशील कुमार सफल रहे और उन्होंने अपने अब तक की सारी पढ़ाई लिखाई का पूरा नमूना उन्होंने अमिताभ बच्चन के सामने उड़ेल दिया. और KBC जीतने वाले पहले बिहारी के लिस्ट में शामिल हो गए थे. उन्होंने साल 2011 में KBC में भाग लिया था. जिस समय वे केबीसी का हिस्सा बने थे उसमय उनकी सैलरी मात्र 6 हजार रुपये थी KBC केबीसी जीतने के बाद उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय का ब्रांड एम्बेसडर बानया गया था.

केबीसी का पांचवा सीजन जीतने के बाद सुशील कुमार कुमार को इनकम टैक्स काटने के बाद 3.6 करोड़ रुपए ही आए थे. उन्होंने यह भी बताया था कि जो रकम मिला था उसकी पुश्तैनी मकान को ठीक कराने में लगा दिया और कुछ से अपने भाइयों के लिए बिजनेश भी शुरू करवाया था. बाके बचे हुए पैसे को इन्होंने बैंक में जमा करा दिया था. जिसके ब्याज से ही उनके परिवार का खर्च चलता था. KBC में सुशील ने 11 वें सवाल तक सिर्फ एक ही लाइफ लाइन ली थी. उसके बाद 12 वें सवाल पर उन्होंने एक्पर्ट की राय ली. और 13 वें सवाल में बाकी दो लाइफ लाइन जिसमें उन्होंने फोन और फ्रेंड और डबल डिप की मदद ली थी. शो जीतने के बाद जब उनके हाथ में चेक आया था तो सुशील कुमार इस दौरान पूरी रकम का शुन्य वे जोड़ते रहे थे.

पिछले साल सुशील कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था जिसमें उन्होंने अपने जीवन से जुड़े हुए उन दिनों की घटनाओं का जिक्र किया था. जिसमें उन्होंने साल 2015-16 के दिनों को याद करते हुए कहा था कि एक लोकल सेलिब्रिटी होने की वजह से मुझे महीने में 10 से 15 दिनों तक बिहार में कार्यक्रमों मे शामिल होने के लिए जाना पड़ता था. जिसके कारण मैं खुद के लिए पढ़ाई नहीं कर पाता था. मैं मीडिया को लेकर काफी सीरियस था, इसीलिए मैं बिना अनुभव के ही नए-नए विजेनेस करता था, जिससे मीडिया को बता सकू कि मैं बेकार नहीं हूं लेकिन इसका परिणाम यह होता कि बिजनेस कुछ दिनों में डूब जाता था. उन्ही दिनों की घटना को लेकर बताते हुए उन्होंने कहा था कि डोनेशन का चस्का लग गया था. इसके चलते वह हर महीने 50 हजार से ज्यादा रुपए डोनेशन में दे देते थे. लेकिन उन्हें बाद में यह पता चला कि दान के नाम पर कुछ चालू लोगों ने उनके साथ ठगी की है.

सुशील कुमार ने यह भी कहा है कि इस दौरान मेरी पत्नी से मेरे संबंध खराब हो गए थे. इस दौरान वह मेरे बारे में यह बताती थी कि मुझे लोगों की पहचान नहीं है और भविष्य की कोई चिंता नहीं है. यह सुनकर मुझे लगता था कि वो मुझे गलत समझती है. इसी कारण से दोनों के बीच में काफी झगड़ा होता था. केबीसी में जीते हुए पैसे से मैंने दिल्ली में बिजनेस शुरू किया था जहां दिल्ली में अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार चलवाता था. लेकिन इस दौरान मुझे बार बार दिल्ली से बिहार आना जाना पड़ता था इसी दौरान मुझे सिगरेट और दारू का लत लग गया. हालांकि इस दौरान मुझे JNU के छात्रों से मुलाकात हुई जिसने जीवन के बारे में बताया और कई अलग तरह की जानकारी साझा की.

अपने इन्ही बुरे दिनों को याद करते हुए सुशील कुमार बताते हैं कि एक दिन हमारी पत्नी से झगड़ा हो गया था और मैं टहल रहा था इसी दौरान एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार का फोन आ गया जिससे मैने बात किया शुरुआती समय में अच्छी बातचीत हुई लेकिन बीच में उन्होंने ऐसा पुछा कि मैंने गुस्से में बोल दिया कि मेरे पास पैसा खत्म हो गया है अब दो गाय पाल रखी है. जिसका दूध बेचकर गुजारा कर रहा हूं. इसके बाद पूरी दुनिया में यह खबर तेजी से वायरल हो गई. इस खबर के बाद से लोग हमसे दूर जाने लगे. तभी सुशील के दिमाग में यह बात चला कि अपनी इच्छा को पूरा किया जाए तब उन्होंने फिल्मों में डायरेक्शन के क्षेत्र में जाने का फैसला किया और मुंबई चल दिए. जहां उन्होंने कई प्रोडक्सन हाउस में काम किया लेकिन वहां कि जिंदगी से बोर आकर एक बार फिर से घर आने का फैसला कर लिया. मुंबई से घर तो आ गए थे लेकिन बुरी आदते अभी भी उनके साथ थी जैसे कि सिगरेट पिना दारू पिना. हालांकि मुंबई से वापस आने के बाद सुशील को बुद्ध की तरह ज्ञान की प्राप्ति हुई और इन्हें लगने लगा कि इन सब से अच्छा है अपने अंदर की सुनो और एक अच्छा इंसान बनों.

मुंबई से आने के बाद उन्होंने फिर से टीचर की तैयारी शुरू कर दी. जिसमे वे पास हो गए. साथ ही वे पर्यावरण में भी जुट गए और अब उन्हें शांति से काम करने में मन भी लगने लगा था. अपने शराब छोड़ने के दिनों को याद करते हुए वे बताते हैं कि साल 2016 मे मैंने आखिरी बार शराब को हाथ लगाया था. अब मैं अपने आप को ज्यादा ऊर्जावान महसूस करता हूं. साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मुझे ऐसे ही पर्यावरण की सेवा करने का मौका मिलता रहे.

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