उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में नयी पार्टी के गठन की घोषणा जदयू में पहला विद्रोह है. दरअसल यह बयान सुशिल कुमार मोदी के तरफ से दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा है की नीतीश कुमार के संन्यास लेने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. जदयू का कोई भी विधायक संतुष्ट नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को विश्वास में लिए बिना हीं राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. अपनी बातो को आगे करते हुए उन्होंने ये भी कहा की विधानसभा की सदस्यता छीन जाने के डर से विधायक उत्तराधिकारी घोषित करने के विरुद्ध कुछ भी नहीं कह पा रहें हैं. लेकिन तेजस्वी यादव को अपना नेता मानने के लिए अभी कोई भी तैयार नहीं है. जनता द्वारा लालू यादव हों या बेटे तेजस्वी यादव उनके परिवार से किसी भी व्यक्ति को स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा की बिहार का अतिपिछड़ा और लव–कुश समाज 15 साल के उस कुशासन को कभी नहीं भूल सकता जब हत्या, बलात्कार और फिरौती के लिए अपहरण का भयानक दौर वह देख चुकी है. तेजस्वी यादव लालू–राबड़ी के परिवार से अलग नहीं हैं. भाजपा के साथ जदयू जिस परिवार के भ्रष्ट राजपाट के विरुद्ध लड़ता रहा, उसी कुनबे के राजकुमार को नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बता रहें हैं.
सुशिल कुमार मोदी द्वारा यह भी कहा गया है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बहुत हीं कमजोर हो चुके हैं. नीतीश कुमार जदयू में हो रहे विघटन और विद्रोह को अब नहीं रोक पाएंगे. दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा जो की पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष थे उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया है. जदयू से इस्तीफे के साथ अपनी नयी पार्टी राष्ट्रिय लोक जनता दल का ऐलान उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में किया गया. कुशवाहा इस पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष भी होंगे. हालाँकि ये पहली बार नहीं है जब उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश से अलग हुए है. इससे पहले भी वे वर्ष 2005 और वर्ष 2013 में नीतीश का साथ छोड़ चुके हैं. साल 2013 में जब वे नीतीश से अलग हुए थे तब भी उन्होंने नयी पार्टी बनाई थी और इस बार भी उन्होंने फिर से अपनी नयी पार्टी बनाई है.
खैर चलिए अब अपने इस चर्चा में हम जानते हैं की क्या वजह थी की कुशवाहा ने एक बार फिर से पार्टी छोड़ी. इसकी सबसे बड़ी वजह आने वाले अगले विधानसभा में CMपद का अगला चेहरा था. ये चेहरा कोई और नहीं बल्कि राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव थे. दरअसल मीडिया कर्मी से बातचित के दौरान ये बात सामने आई. उन्होंने बताया की नीतीश के साथ शुरुआत तो अच्छी थी, लेकिन अंत बुरा रहा। जमीर बेचकर हम अमीर नहीं बन सकते। नीतीश जी जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वो पार्टी के लिए सही नहीं है। वे पड़ोस के घर में अपना वारिस ढूंढ रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा की जदयू के कार्यकर्ता परेशान हैं जब मैंने उनसे इन सब को लेकर सवाल उठाया तो उन्होंने साफ़ कह दिया की पार्टी छोर कर चले जाइये. नीतीश जी के पास कुछ भी नहीं बचा उन्होंने पार्टी गिरवी रख दी है. जिसके हाथ में जीरो हो यानी कुछ भी ना हो तो मैं उनसे क्या हिस्सा मांगू.
याद हो की बीते 13 दिसम्बर को महागठबंधन के विधायकों की मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कहा गया था की तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना हीं मेरा लक्ष्य है. मैं किसी भी पद के उम्मीदवार के लिए खड़ा नहीं नहीं होना चाहता, चाहे वो CM पद हो या PM पद हो.