लालू परिवार इन दिनों सुर्खियों में हैं. चाहे वह लालू यादव का हर्ट सर्जरी का हो या फिर रोहिणी आचार्य के किडनी डोनेशन का. पिछले कुछ महीने से लालू परिवार मीडिया की सुर्खियों में रहा है. ऐसे में तेजस्वी यादव का एक बयान इन दिनों खुब सुर्खियों में जिसमें उन्होंने अपनी बहन को लेकर एक बड़ी बात कह दी है. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुले मंच से अपनी बहन रोहिणी आचार्य की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि पिता लालू यादव को खुद आकर अपनी किडनी डोनेट की है. कहीं और देखें तो डोनर खोजना पड़ता है. मैं खुशनशीब हूं कि मेरी बहन ने पिता को किडनी डोनेट की है. उन्होंने कहा कि हमारे घऱ में कभी भेदभाव नहीं हुआ. आज मेरी बहन और पिता दोनों ही स्वस्थ हो चुके हैं. पिता लालू यादव फिर से आकर लोगों की सेवा करेंगे.

पटना वीमेंस कॉलेज के वार्षिक समारोह में बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि आज महिलाएं किसी भी कार्य में पीछे नहीं है. महिलाओं ने हर सभ्यता में बहुत कुछ सहा है. हर संस्कृति में उनको दरकिनार किया गया है. उन्होंने अपने बल और संघर्ष पर आज ये मुकाम हासिल किया है. हालांकि देखा जाए तो महिला का संघर्ष आज भी जारी है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि कभी भी किसी भी सहयोग की जरूरत हो तो मैं उनके साथ खड़ा हूं.

इसी दौरान बोलते हुए उन्होंने यह भी कह दिया कि लोग उनके ऊपर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते हैं. लेकिन लोगों को समझना चाहिए अगर जातिवाद करते तो उनकी शादी किसी कैथोलिक परिवार से नहीं हुई होती. उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कभी भी इसको लेकर कोई बातचीत नहीं की. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को खुब बढ़ाएं और आगे बढ़ाएं.

आइए एक नजर डाल लेते हैं रोहिणी आचार्य के जीवन पर

रोहिणी आचार्य लालू यादव की नौ संतानों में से दूसरी संतान हैं. आपको बता दें कि मिसा भारती लालू यादव की पहली संतान हैं. इतना ही नहीं रोहिणी के बाद लालू यादव की चार बेटियां है. जिसके बाद तेजप्रताप यादव का जन्म हुआ था उसके बाद तेजस्वीयादव का जन्म हुआ और सबसे आखिरी में लालू यादव को एक बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम है राजलक्ष्मी. यानी कि लालू यादव की छह बेटियों के बाद दो बेटे का जन्म हुआ और उसके बाद एक बेटी का जन्म हुआ. बता दें कि रोहिणी का जन्म 1979 में पटना में हुआ था. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि रोहिणी आचार्या ने शादी के बाद अपने नाम में आचार्य जोड़ा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. जब रोहिणी स्कूल में पढ़ाई कर रही थी उस समय भी उनके नाम के साथ आचार्य जुड़ा हुआ था. आपको बता दें कि रोहिणी में जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है.

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