Placeholder canvas

भारतीय खिलाडियों का वो रिकॉर्ड, जिसे तोड़ पाना किसी के बस की बात नहीं

Bihari News

 

क्रिकेट का जुनून भारत में इस कदर है कि बहुतों को तो ये भी नहीं पता कि क्रिकेट अपना राष्ट्रीय खेल नहीं है. क्रिकेट पैदा तो इंग्लैंड में हुआ लेकिन जब भारतीयों ने इस खेल को खेलना शुरू किया तो कई दिग्गज़ खिलाड़ी आये और ऐसे कृतिमान रच गए कि विश्व का कोई खिलाड़ी उसे अबतक नहीं तोड़ पाया.
रिकार्डो के इस दौर में आज बात करेंगे भारत के उन चुनिन्दा पांच खिलाड़ियों के विश्व रिकॉर्ड की जो टूट पाना अब भी असंभव- सा है.

 

 

भारत का वो सितारा जो इतिहास में सदियों तक याद रखा जाएगा, क्यूंकि इस खिलाड़ी ने अपने 15 सालों के क्रिकेट करियर में 10 साल कप्तानी कर टीम को हर खिताब दिलाने में अहम योगदान दिया. जी हाँ हम बात कर रहे कैप्टन कूल और बेस्ट फिनिशेर जैसे नामों से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की. यूँ तो माही ने क्रिकेट इतिहास में कई रिकॉर्ड दर्ज कराये हैं लेकिन क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कुल 195 स्टंप कर स्टंपिंग के सूची में दुनिया के शीर्ष विकेटकीपर हैं. इनके बाद श्रीलंका के पूर्व विकेटकीपर कुमार संगकारा 139 के साथ इनके ठीक नीचे हैं जबकि वतर्मान में कोई भी विकेटकीपर दूरदूर तक दौड़ में नहीं है तो धोनी के इस रिकॉर्ड को टूटने में अभी सालों लगेंगे. क्रिकेट में जहाँ हर दिन रिकॉर्ड बनताटूटता है ऐसे में किसी रिकॉर्ड का सालों कायम रहना बहुत बड़ा कृतिमान है.

 

 

क्रिकेट का खेल शुरू हुआ इंग्लैंड से लेकिन इस खेल का बादशाह मिला भारत से. एक भारतीय खिलाडी जिसने क्रिकेट के बदलते प्रारूप, दिग्गज टीमों के विरुद्ध या दुनिया के किसी भी मैदान पे एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बना इस खेल के भगवान कहे जाने लगे.

इस खेल में इनसे पहले भी एक से एक दिग्गज खिलाडी रहे और इनके बाद भी आग उगलते खिलाड़ी आये लेकिन इनके रिकॉर्ड को तोडना तो दूर उसके आसपास पहुंचना भी किसी के बस का नहीं है. क्रिकेट का भगवान कहते ही आप समझ गए होंगे कि हम सचिन तेंदुल्कर की बात कर रहे हैं. सचिन ने अपने 24 सालों के क्रिकेट करियर में 100 शतकों का एक माइलस्टोन रिकॉर्ड बना दिया जिसे तोड़ पाना असंभव है हालाँकि तीन साल पहले विराट कोहली के आक्रमक बल्लेबाजी और निरंतर शतकीय पारियों को देख ये कयास लगाये जा रहे थे कि कोहली इस विराट रिकॉर्ड को तोड़ देंगे लेकिन कोहली अपने करियर के बुरे दौर से गुजरने लगे और उन्हें अपने 70 वें शतक के बाद अगले शतक के लिए इन्हें लगभग तीन सालों का लम्बा इंतजार करना पड़ा. सचिन ने अपने सौ शतकों में 51 शतक टेस्ट में और 49 शतक एकदिवसीय मुकाबलों में लगाया है.

Sachin Tendulkar celebrates scoring his 100th century during the Asia Cup cricket match against Bangladesh in Dhaka on March 16, 2012. He said Thursday that he will retire from test cricket after his 200th test in November.

 

हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा भले ही अभी अपने बुरे दौर से गुज़र रहे हैं लेकिन रोहित एक एकदिवसीय मैच में सर्वधिक रन लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दुनिया के पहले स्थान पे काबिज हैं. रोहित ने ये कारनामा 13 नवम्बर 2014 को श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डन, कोलकता के मैदान पर महज 172 गेंदों में 264 रनों की विशाल पारी खेल विश्व रिकॉर्ड बना दिया. इस पारी के दौरान रोहित के बल्ले से 33 चौके और 9 छक्के निकले. इतना ही नही रोहित सीमित ओवरों के खेल में तीन दोहरा शतक लगाने वाले क्रिकेट जगत एकमात्र खिलाडी हैं. सीमित ओवरों के खेल में किसी एक बल्लेबाज़ द्वारा दोहरा शतक बनाना एक बड़ी उपलब्धि है और ऐसे में तीनतीन दोहरा शतक लगा देना कोई रोहित से सीखे. रोहित के इन रिकार्डो के आसपास कोई वर्तमान खिलाडी नहीं दिख रहा और एक रिकॉर्ड टूटना असंभव ही प्रतीत हो रहा है.

 

भारतीय क्रिकेट टीम के दीवार राहुल द्रविड़ को यूँ ही दीवार नहीं कहा गया. द्रविड़ ने अपने 16 साल के टेस्ट करियर में सबसे अधिक गेंदों का सामना करने और सबसे अधिक समय क्रीज पर बिताने का रिकॉर्ड है. 31,258 गेदों का सामना करने वाले राहुल दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज़ है. यह उपलब्धि द्रविड़ ने मात्र 164 टेस्ट मैच खेलते हुए हासिल किया. इस सूची में दुसरे स्थान पर सचिन तेंदुलकर हैं. सचिन ने कुल 29,437 गेंदों का सामना किया है. यही नहीं द्रविड़ ने तो कुल 44,152 मिनट यानी 736 घंटे क्रीज़ पे बिताया है जो एक विश्व रिकॉर्ड है. और इन रेकॉर्डों को तोड़ पाना असंभव है चूँकि अब टेस्ट क्रिकेट का प्रचलन बंद होने की कगार पे है.

 

 

60 के दशक का एक दिग्गज ऑलराउंडर जो शानदार बल्लेबाज़ी के अलावा अपने स्पिन गेंदबाजी से विपक्षियों को ला देता था दवाब में. वर्तमान युवा क्रिकेट प्रशंसक शायद इस खिलाड़ी को ना जानते हो लेकिन इनके रिकॉर्ड सुन हो जायेंगे इनके फैन. हम बात कर रहे है बापू नाडकर्णी की. मद्रास के नाडकर्णी ने 60 के दशक में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 21 ओवर मेडेन डाल एक विश्व रिकॉर्ड बना दिया. नाडकर्णी ने विश्व के सबसे खतरनाक टीम के खिलाफ 32 ओवरों के खेल में 27 मेडेन ओवरों खेला. इस स्पेल में मात्र 5 रन खर्च किये और विश्व रिकॉर्ड बना डाला. जिसे तोड़ पाना असंभव नही नामुमकिन है.



तो दोस्तों ये वो पांच खिलाडी हैं जिन्होंने अटूट विश्व रिकॉर्ड बना दिया. इन पाँचों में से आपका पसंदीदा खिलाडी कौन हैं कमेंट कर के बताएं?

 

 

Leave a Comment