बिहार के साथ ही देश की सियासत में इन दिनों राजनेताओं के इधर से ऊधर जाने का दौर शुरू है. 2024 के चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं. हर कोई अपने लिए एक माकुल स्थान खोजने में लग गया है. जिसकी एक तस्वीर हमने महाराष्ट्र में देखने को मिली जिसमें एनसीपी का एक बड़ा धड़ा सरकार के साथ जाकर मिल गया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अगले होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपने लिए बेहतर की तलाश कर रही है. इसी बेहतरी को लेकर एक तरफ जहां महागठबंधन तो वहीं दूसरी तरफ एनडिए अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक पार्टियों को अपने गठबंधन में शामिल करवा रहे हैं. या कहें अपने गठबंधन के साथ जुड़ने को कह रहे हैं. पहले बिहार में महागठबंधन की बैठक हुई जिसमें लगभग विपक्ष की पार्टियां शामिल हुई और केंद्र सरकार को हटाने के लिए एक जुट होने पर एक सहमती बनी है. साथ ही इसकी दूसरी बैठक बैंगलोर में 17 और 18 जुलाई को प्रस्तावित हुई है. वहीं एनडीए की तरफ से भी बैठक को लेकर डेट का ऐलान कर दिया गया है एनडीए 18 जुलाई को दिल्ली में बैठक करने जा रही है जिसमें अपने छोटे बड़े सहयोगी पार्टियों को उसमें बुला रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को उस बैठक में शामिल होने के लिए न्योता दिया है. लेकिन बिहार में राजनीतिक पंडित इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जदयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को यह लगने लगा था कि एनडीए में उन्हें कुछ मिल जाएगा लेकिन अभी तक उन्हें उस तरह की तरजीह नहीं दी गई है जोकि बिहार के अन्य पार्टी के नेताओं को दी जा रही है.
आपको बता दें कि हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने जैसे महागठबंधन से अपने आप को अलग किया उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बन गई. और अब जब एनडीए की बैठक होनी है तो उसमें उन्हें बुलाया भी गया है. इधर चिराग पासवान से पिछले एक सप्ताह में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की दो बार मुलाकात हो गई है. शुक्रवार की रात में नित्यानंद राय चिराग पासवान के घर पहुंचे जहां उन्होंने रात का भोजन भी किया. बता दें कि इस दौरान चिराग पासवान के साथ उनकी मां भी मौजूद रही है. इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का पत्र चिराग पासवान के पहुंचा जिसमें 18 जुलाई को होने वाली बैठक के लिए उन्हें निमंत्रण दिया गया है. इस पत्र में यह लिखा गया है कि आप एनडीए का अहम हिस्सा हैं. आपको बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास पासवान के नेताओं ने चिराग पासवान को बीजेपी से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है. ऐसे में अब यह उम्मीद की जा रही है कि 18 जुलाई को होने वाली बैठक में चिराग पासवान मौजूद रहेंगे.
लेकिन एनडीए के कभी साथी रहे पंजाब के अकाली दल बादल और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी बुलाने की बात कही जा रही है. इनके साथ ही बिहार के दो नेता उपेंद्र कुशवाहा और VIP के प्रमुख मुकेश सहनी को भी बुलाए जाने की बात कही गई है. लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. इनके साथ ही उत्तर प्रदेश से ओमप्रकाश राजभर को भी इस बैठक में बुलाए जाने की बात कही जा रही है.
बिहार में राजनीतिक जानकार यह बता रहे हैं कि जिस तरह से उपेंद्र कुशवाहा ने आनन फानन में जदयू से अपने आप को अलग किया और एक नई पार्टी का गठन किया उसके बाद बीजेपी की पीच पर जाकर जिस से बल्लेबाजी करने लगे थे. उसके बाद यह कहा जाने लगा था कि उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी लोकसभा चुनाव में भाव दे सकती है लेकिन अब तक जो हालात हैं उसके अनुसार कुशवाहा के हाथ खाली हैं.
ऐसे में अब कहा जा रहा है कि कुशवाहा क्या करेंगे. पिछले दिनों वे नीतीश कुमार पर हमलावर तो थे लेकिन उनकी उनकी भाषा में विनम्रता दिख रही है. वे नीतीश कुमार नसीहत देते हुए दिखाई दे रहे थे. ऐसे में अब देखना है कि कुशवाहा क्या करते हैं. राजनीतिक जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि बीजेपी के पास सम्राट चौधरी पहले से ही कुशवाहा नेता है ऐसे में वे किसी और कुशवाहा को क्यों उतनी तरजीह देंगे. वहीं मांझी के शामिल होने का मतलब था कि दलित वोट बैंक को बीजेपी अपने साथ लाना चाह रही है. ऐसे में अब देखना है कि बीजेपी अपने पुराने एनडीए के साथियों को किस तरह से एक साथ लाती है. क्योंकि बिहार में 40 सीटों पर चुनाव होने हैं ऐसे में सीटों का बंटवारा एक बड़ी समस्या सामने आती हुई दिखाई दे रही है.