खिलाड़ी जो लगाता है रिकॉर्ड की झड़ी, कहलाता है टीम का संकट-मोचन !
टीम इंडिया का दमदार ऑलराउंडर, ओ अपने खेल से मोड़ देता है मैच का रुख
पढ़ाई में थे बेहतरीन, नौकरी का प्रस्ताव ठुकराकर बने क्रिकेटर
लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलकर बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड
विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में नंबर-6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए 150 या उससे अधिक रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज
आईपीएल में शतक लगाने वाले KKR के सिर्फ दूसरे बल्लेबाज
दोस्तों, भारत की प्रतिष्ठित टी20 क्रिकेट लीग, जिसका नाम इंडियन प्रीमियर लीग है और दुनियाभर में आईपीएल के नाम से मशहूर है. पहले इस लीग में 8 टीमें खेलती थी लेकिन 2022 से इस लीग में 2 टीम और बढ़ गए और अब आईपीएल में कुल 10 टीमें हिस्सा लेती हैं. इस लीग में भारत और दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तो खेलते ही हैं लेकिन युवा खिलाड़ी भी इसमें अपना दमखम दिखाते हैं. आईपीएल में दमदार प्रदर्शन के दम पर उनका चयन भारतीय टीम में भी होता है. इस तरह से आईपीएल ने भारत और दुनिया को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए. लेकिन ऐसा नहीं है कि सबको अच्छा प्रदर्शन का इनाम मिल ही जाता है, कुछ को मिलता है और कई अपने मौके का इन्तजार ही करते रह जाते हैं.
चक दे क्रिकेट की खास पेशकश चक दे क्लिक्स में बात करेंगे एक दमदार खिलाड़ी के बारे में, जिसने अपने खेल से शुरुआती मैचों में ही धाक जमा ली. लोग उनकी तुलना टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या से करने लगे थे. अपनी धांसू बल्लेबाजी से इस खिलाड़ी ने भारत के घरेलु क्रिकेट टूर्नामेंटों में भी खूब नाम कमाया है. इस लेख में हम बात करेंगे उस खिलाड़ी की, जिसे दुनिया वेंकटेश अय्यर के नाम से जानती है. इस अंक में हम टीम इंडिया के प्रतिभाशाली ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर के जीवन और क्रिकेट करियर की कुछ जानी-अनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.
वेंकटेश अय्यर का जन्म 25 दिसंबर, 1994 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक तमिल-ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका परिवार मूलतः चेन्नई का रहने वाला है लेकिन वेंकटेश के जन्म से पहले ही उनका परिवार वर्ष 1988 में चेन्नई से इंदौर आ गया था. उनके पिता का नाम राजशेखरन अय्यर है और मां का नाम उषा अय्यर. वेंकटेश के पिता पेशे से एक HR consultant थे और मां अस्पताल में नर्स थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि वेंकटेश अय्यर को शुरुआत में क्रिकेट में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी. वेंकटेश का परिवार ही उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करता था. वे चाहते थे कि वेंकटेश एक क्रिकेटर बने. वेंकटेश सिर्फ मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेलते थे. वेंकटेश अय्यर कहते हैं, “ईमानदारी से, मैंने खेलना शुरू किया जब मेरी माँ अक्सर मुझे किताबों के साथ घर के अंदर रहने के बजाय बाहर निकलने और ऊर्जा जलाने के लिए प्रेरित करती थी.”
वेंकटेश क्रिकेट अकैडमी में क्रिकेट की तालीम तो ले ही रहे थे लेकिन साथ ही पढ़ाई पर उनका पूरा ध्यान था. वेंकटेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर के सेंट पॉल स्कूल से प्राप्त की, इसके बाद रेनेसा कॉलेज में एडमिशन लिया, जहां से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की. वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और यहां उन्होंने एमबीए की डिग्री भी ले ली. वेंकटेश अय्यर CA यानी चार्टर्ड एकाउंटेंट का भी कोर्स करने गए थे लेकिन उन्होंने अंतिम वर्ष में अपना कोर्स छोड़ दिया ताकि वो क्रिकेट खेलना जारी रख सकें. क्योंकि तब वेंकटेश मध्य प्रदेश की सीनियर टी20 टीम से खेलने लगे थे. वेंकटेश को लगातार क्रिकेट में सफलता मिल रही थी, इसी वजह से वो अब पूरा ध्यान क्रिकेट में ही लगाने लगे थे.
आपको यहां बता दें कि वेंकटेश अय्यर जब सिर्फ 10 साल के थे तभी पिता ने उनका दाखिला खनूजा क्रिकेट क्लब में करा दिया था. अय्यर काफी मेहनती थी, 19 साल की उम्र तक तक वो खनूजा क्लब में खेले. यहां उनके कोच थे शेख सादिक. सादिक बताते हैं कि अय्यर एक बेहतरीन विकेटकीपर भी हैं, कई मैचों में उन्होंने विकेटकीपिंग भी की है.
खनूजा क्लब के बाद अय्यर महाराजा यशवंत राव क्रिकेट क्लब से जुड़े. यहां कोच दिनेश वर्मा ने अय्यर को क्रिकेट की बारीकियां सिखाई और अय्यर के खेल में काफी सुधार हुआ, जिसका असर ये हुआ कि अय्यर कम उम्र से ही ए ग्रेड टीम में खेलने लगे थे. एक मैच के दौरान कम गेंदबाज होने के कारण वेंकटेश ने गेंदबाजी करने की इच्छा जताई थी और कप्तान ने उनसे गेंदबाजी कराई और उसके बाद से वो नियमित रूप से मध्यम तेज गेंदबाजी करने लगे. तो इस तरह वेंकटेश अय्यर एक विकेटकीपर-बल्लेबाज से एक ऑलराउंडर बन गए.
वेंकटेश अय्यर ने अपने घरेलु क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 2014 में मध्य प्रदेश की अंडर-16 टीम से खेलते हुए किया था वहीं मार्च, 2015 में उन्होंने रेलवे क्रिकेट टीम के विरुद्ध होलकर स्टेडियम में अपना पहला टी20 मैच खेला था. इसी साल दिसंबर के महीने में वेंकटेश अय्यर ने सौराष्ट्र के खिलाफ अपना लिस्ट ए डेब्यू भी कर लिया था, तब वो बीकॉम की पढ़ाई कर रहे थे. वेंकटेश अय्यर को अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू के लिए 3 सालों का इंतजार करना पड़ गया. 6 दिसंबर, 2018 को वेंकटेश अय्यर ने हैदराबाद के खिलाफ अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. अपने डेब्यू मैच में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था लेकिन उन्होंने 2 ओवर गेंदबाजी करते हुए 1 विकेट लिया था.
2020-21 विजय हजारे ट्रॉफी, जो भारत की घरेलु वनडे टूर्नामेंट है, जिसे लिस्ट-ए क्रिकेट टूर्नामेंट कहते हैं, वेंकटेश अय्यर ने जबरदस्त क्षमता का परिचय दिया था. 28 फरवरी, 2021 को पंजाब के खिलाफ मुकाबले में वेंकटेश अय्यर ने 198 रनों की पारी खेल डाली थी. अपने दोहरे शतक से मात्र 2 रन दूर वेंकटेश रन आउट हो गए. इस पारी में उन्होंने 20 चौके और 7 छक्के लगाए थे. वेंकटेश की इस पारी के दम पर मध्य प्रदेश ने 105 रनों से मुकाबला जीता था. 198 रनों की पारी खेलकर वेंकटेश ने रिकॉर्ड बुक में भी अपना नाम दर्ज करवा लिया था. वेंकटेश ने लिस्ट ए क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी खेली थी. वेंकटेश अय्यर से पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर के नाम था, जिन्होंने 141 गेंदों में 197 रन बनाए थे. अब वेंकटेश अय्यर का नाम क्रिकेट के गलियारों में गूंजने लगा था, उनके टीममेट्स समझ गए थे कि एक दिन वेंकटेश भारतीय टीम से जरुर खेलेंगे.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, जो कि भारत की घरेलु टी20 टूर्नामेंट है, वेंकटेश अय्यर टूर्नामेंट के 2021-22 सीजन में मध्य प्रदेश की तरफ से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे. MP के टॉप-स्कोरर वेंकटेश अय्यर ने पूरे टूर्नामेंट में 51.66 की औसत से 155 रन बनाए थे. 2021-22 विजय हजारे ट्रॉफी में भी वेंकटेश अय्यर का वही फॉर्म जारी रहा, जहां पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने 63.16 की औसत और 133 से ऊपर की स्ट्राइक रेट से 379 रन बनाए थे. इस दौरान लोअर मिडिल आर्डर में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 2 शतक लगाए थे, जिसमें 151 रन की पारी भी शामिल थी. इस तरह वेंकटेश ने एक और बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था. विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में नंबर-6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए 150 या उससे अधिक रन बनाने वाले वो पहले बल्लेबाज बने थे. वेंकटेश ने बल्लेबाजी के अलावा गेंद से भी कमाल किया था, जहां 6 मैचों में उन्होंने 9 विकेट चटकाए थे.
इसके बाद आया आईपीएल का 2021 एडिशन. यह टूर्नामेंट वेंकटेश अय्यर के क्रिकेट करियर में मील का पत्थर साबित हुआ. आईपीएल 2021 के मिनी ऑक्शन में वेंकटेश अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनके बेस प्राइस यानी कि सिर्फ 20 लाख रूपए में खरीदा था. वेंकटेश KKR के स्क्वाड में तो शामिल हो गए थे लेकिन प्लेइंग-11 में जगह बना पाना उतना आसान नहीं था. आंद्रे रसेल, शिवम मावी, दिनेश कार्तिक और ओएन मॉर्गन के रहते टीम में जगह बना पाना बेहद मुश्किल था लेकिन आखिरकार 20 सितंबर, 2021 को उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ आईपीएल डेब्यू करने का मौका मिल ही गया. अपने आईपीएल डेब्यू में शुभमन गिल के साथ ओपनिंग करते हुए वेंकटेश अय्यर ने 27 गेंदों में 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से नाबाद 41 रन बनाए थे और KKR ने मुकाबला 9 विकेटों से जीता था. मैच के बाद RCB के कप्तान विराट कोहली खुद वेंकटेश अय्यर से मिलने पहुंचे थे. 2021 के पूरे सीजन में वेंकटेश का बल्ला गरजा था और KKR के फाइनल में पहुंचने में बल्लेबाज ने अहम योगदान निभाया था. वेंकटेश ने आईपीएल 2021 में KKR के लिए कई यादगार और मैच जिताऊ पारियां खेली थी.
23 सितंबर, 2021 को वेंकटेश अय्यर ने मुंबई इंडियन्स के खिलाफ 30 गेंदों में 4 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 53 रन बनाए थे. फिर 13 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ सेमीफाइनल में 4 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 41 गेंदों पर 55 रन बनाकर ‘मैन ऑफ द मैच’ बने थे. चेन्नई सुपरकिंग्स के विरुद्ध फाइनल में कोलकाता को भले ही हार मिली लेकिन वेंकटेश ने फाइनल में भी अर्द्धशतक बनाया था. फाइनल में वेंकटेश ने 32 गेंदों में 5 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 50 रन बनाए थे. इस तरह आईपीएल 2021 में वेंकटेश अय्यर ने 10 मैचों में 370 रन बनाए थे और 3 विकेट भी हासिल किए थे. आईपीएल में शानदार प्रदर्शन का इनाम भी वेंकटेश को तुरंत ही मिल गया जब इंटरनेशनल टी20 टीम से उनको बुलावा आ गया. 17 नवंबर, 2021 को उन्होंने न्यूजीलैंड के विरुद्ध अपना टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था. अपने पहले अंतराष्ट्रीय मुकाबले में अय्यर सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए थे. इस सीरीज के तीसरे और अंतिम टी20 मैच में वेंकटेश ने पहली बार अंतराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी की थी. 21 नवंबर, 2021 को खेले गए उस मैच में उन्होंने 15 गेंदों में 1 छक्का और 1 चौके की मदद से 20 रन बनाए थे वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 3 ओवर में 12 रन देकर 1 विकेट लिया था.
दिसंबर, 2021 में उनको दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के वनडे स्क्वाड में चुना गया था और 19 जनवरी, 2022 को दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध वेंकटेश अय्यर ने अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू भी कर लिया. इसके बाद जनवरी, 2022 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उनको टी20 स्क्वाड में चुना गया था, जहां वो सीरीज के तीनों मैच खेले. यहां वेंकटेश ने टीम इंडिया के लिए फिनिशर का रोल अदा किया और करीब 180 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की. उन्होंने इस सीरीज में 2 विकेट भी चटकाए थे. जून, 2022 में आयरलैंड के विरुद्ध टी20 सीरीज के लिए भी अय्यर को टीम इंडिया में चुना गया था.
आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में वेंकटेश अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 8 करोड़ रूपए में खरीदकर अपने साथ बनाए रखा. लेकिन 2022 का आईपीएल वेंकटेश के लिए उतना बढ़िया नहीं रहा, जितना उनसे उम्मीद थी. मगर 2023 के आईपीएल में वेंकटेश धमाल मचा रहे हैं.
9 अप्रैल, 2023 को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ मुकाबले में अंतिम 5 गेंदों पर लगातार 5 छक्के लगाकर कोलकाता को जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह ने महफ़िल लूट ली लेकिन इसी मैच में वेंकटेश ने भी 40 गेंदों में 83 रन बनाए थे. इसके बाद 16 अप्रैल, 2023 को मुंबई इंडियन्स के विरुद्ध वानखेड़े स्टेडियम में शतक ठोककर वेंकटेश KKR के विशिष्ट खिलाड़ी बन गए. आईपीएल के इतिहास में KKR की तरफ से सिर्फ एक ही खिलाड़ी ने शतक बनाया था, ब्रेंडन मैकुलम ने. मैकुलम ने आईपीएल के पहले संस्करण में ही वो भी टूर्नामेंट के पहले मैच में ही RCB के खिलाफ 158 रनों की पारी खेली थी. यह आईपीएल के इतिहास का पहला भी शतक था और KKR का भी. इसके बाद 15 सीजन बीत गए लेकिन KKR की तरफ से कोई भी खिलाड़ी शतक बनाने में कामयाब नहीं हो पाया लेकिन वेंकटेश ने मुंबई के खिलाफ शतक बनाकर 15 साल के सूखे को खत्म कर दिया. वेंकटेश अय्यर ने 51 गेंदों में 6 चौके और 9 छक्कों की मदद से 104 बनाए. आईपीएल 2023 का यह दूसरा शतक था, उनसे पहले सनराइजर्स हैदराबाद के सलामी बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने KKR के खिलाफ ही मैच में शतक बनाया था. 28 साल के वेंकटेश ने चोट के बाद वापसी करते हुए शतक ठोका है. अक्टूबर, 2022 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान वो जबरदस्त फॉर्म में थे लेकिन वो सीढियों से फिसल गए और उनका टखना मुड़ गया, जिसके चलते वो टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और कई महीनों तक वो NCA में रहे थे.
मुंबई इंडियनस के खिलाफ शतक ठोकने के बाद वेंकटेश अय्यर ने कहा, ‘आईपीएल वापसी वाला टूर्नामेंट है. छह महीने पहले मेरा बायां टखना टूट गया था. लेकिन भाग्यशाली रहा कि मैं एक ऐसे सिस्टम के तहत रहा जिसमें बीसीसीआई ने मेरा ध्यान रखा. सभी बातों का ध्यान रखा गया और मैं एनसीए में चार से पांच महीने तक रहा. सभी डॉक्टर्स और ट्रेनर्स ने मदद की और उन्होंने मेरा पूरा सहयोग किया. कई डॉक्टर्स ने मुझसे कहा कि मैं पहले की तरह तेज नहीं दौड़ पाऊंगा. इससे मुझे निराशा हुई लेकिन मैं खुश हूं कि वापस मैदान पर आ सका और वह कर रहा हूं जिससे मुझे प्यार है और टीम की मदद कर रहा हूं.’
वेंकटेश अय्यर ने एक खास इन्सान को अपने शतक का क्रेडिट भी दिया. अय्यर ने कहा, ‘एक नाम का मैं यहां जिक्र करना चाहूंगा जो अभिषेक नायर का है. उन्होंने दिन-रात मेरे साथ बैटिंग पर काम किया और बैटिंग ही नहीं बल्कि मेरी अप्रॉच पर मदद की. मैं इस शतक का क्रेडिट उन्हें देता हूं. जहां तक चंदू सर (चंद्रकात पंडित) की बात है तो मैं तीन साल से उनके साथ काम कर रहा हूं और खुशी है कि उनकी रणनीतियां अब इंटरनेशनल लेवल पर दिख रही है.’
वेंकटेश अय्यर ने नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया था, जबकि पहले दोनों सीजन में KKR के लियन ओपनिंग किया करते थे लेकिन इस सीजन में वो नंबर-3 पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि श्रेयस अय्यर के न होने से उन्हें ये अवसर मिला है. दरअसल, KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर इंजरी के चलते आईपीएल 2023 से बाहर हैं, टीम मैनेजमेंट ने उनकी जगह नितीश राणा को टीम का कप्तान नियुक्त किया है और वेंकटेश अय्यर उनकी जगह नंबर-3 पर बल्लेबाजी कर रहे हैं.
वेंकटेश अय्यर ने भारत के लिए अभी तक सिर्फ 2 वनडे मैच ही खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24 रन बनाए हैं, उन्होंने 9 टी20 मुकाबलों में 133 रन बनाने के अलावा 5 विकेट भी चटकाए हैं. 12 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 6 अर्द्धशतकों की बदौलत 585 रन दर्ज हैं वहीं उन्होंने 7 विकेट भी हासिल किए हैं. लिस्ट ए की बात करें तो वेंकटेश अय्यर के नाम 32 मैचों में 1252 रन और 19 विकेट दर्ज हैं. वेंकटेश अय्यर ने 85 टी20 मैचों में अबतक 2007 रन बनाए हैं और 42 विकेट चटकाए हैं.
वेंकटेश अय्यर आज भारतीय टीम के उभरते हुए सितारे हैं लेकिन क्या आपको पता है कि उन्होंने एक बार एक नौकरी का प्रस्ताव भी ठुकराया है. वेंकटेश अय्यर को 2018 में बेंगलुरु में अपने भारत मुख्यालय में ‘बिग फोर’ एकाउंटिंग फर्म डिलाइट के साथ नौकरी मिली थी. अय्यर के लिए निर्णय का समय था और अय्यर ने निर्णय लिया और प्रस्ताव को छोड़ दिया. अय्यर को निश्चित तौर पर अपने उस निर्णय का पछतावा नहीं होगा क्योंकि उसी साल दिसंबर में उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था.
चक दे क्रिकेट की पूरी टीम वेंकटेश अय्यर के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आपको क्या लगता है ? क्या वेंकटेश अय्यर के अंदर भारतीय टीम से खेलने का दमख़म है या नहीं ? कमेंट करके जरुर बताएं.