आई पी एल 2019 से लेकर आई पी एल 2022 तक लगातार दिल्ली कैपिटल्स की टीम प्लेऑफ में जगह बना रही थी लेकिन इस सीजन दिल्ली कैपिटल्स की टीम प्लेऑफ में जगह बनाने में नाकाम रही। यह टीम अंक तालिका में नौवें स्थान पर रही और इनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। चलिए देखते हैं आखिर कहां पर दिल्ली कैपिटल्स की टीम से चूक हुई और टीम नॉकआउट चरण की तरफ नहीं बढ़ सकी।

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दिल्ली कैपिटल्स के नियमित कप्तान ऋषभ पंत कार दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे और इसी वजह से वह आईपीएल 2023 से बाहर हो गए थे। इस विकेटकीपर बल्लेबाज की गैरमौजूदगी दिल्ली कैपिटल्स को काफी महंगी साबित हुई। हालांकि टीम ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डेविड वार्नर को टीम का कप्तान नियुक्त किया था और उनसे उम्मीदें भी काफी थी लेकिन वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। हालांकि दिल्ली कैपिटल्स का कोचिंग स्टाफ काफी मजबूत था। उनके पास ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग, शेन वॉटसन और भारतीय दिग्गज सौरव गांगुली डगआउट में मौजूद थे। लेकिन इसके बावजूद भी टीम के प्रदर्शन में काफी गिरावट देखने को मिली।

आई पी एल 2023 में इस टीम के प्रदर्शन की बात करें तो 14 मैच में यह टीम मात्र 5 मुकाबले जीत सके और 9 मुकाबलों में इन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऋषभ पंत के अलावा कमलेश नगरकोटी जैसा खिलाड़ी भी चोट की वजह से आई पी एल 2023 से बाहर हो गया था जिसका खामियाजा इस टीम को भुगतना पड़ा।

इस टीम के प्लेऑफ से बाहर होने की सबसे बड़ी वजह इस टीम की सबसे बड़ी ताकत का सही इस्तेमाल नहीं करना रही। इनके पास अक्षर पटेल जैसा बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी मौजूद था जो पिछले कुछ समय से गेंद और बल्ले से मैच का रुख पलट दे रहा था। लेकिन कप्तान और टीम मैनेजमेंट ने इस खिलाड़ी का उपयोग सही ढंग से नहीं किया। निचले पायदान पर बल्लेबाजी करने के बावजूद भी अक्षर पटेल ने 283 रन बनाए और यह दिल्ली कैपिटल्स के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसके बावजूद भी इन्हें ऊपर बल्लेबाजी करने के लिए नहीं भेजा गया। गेंद से भी यह काफी किफायती साबित हुए और इन्होंने 11 विकेट चटकाए। आकाश चोपड़ा और सुनील गावस्कर जैसे भारतीय दिग्गज भी यह बात स्वीकार चुके हैं कि दिल्ली कैपिटल्स ने अक्षर पटेल का सही इस्तेमाल नहीं किया।

इस सीजन इस टीम के फेल होने की दूसरी सबसे बड़ी वजह एकजुट प्रदर्शन ना कर पाना रहा। टीम मैनेजमेंट लगातार टीम बदलने में लगा रहा। अगर बल्लेबाजी क्रम की बात करें तो वॉर्नर ने कुछ हद तक अच्छी बल्लेबाजी की उनके अलावा किसी अन्य बल्लेबाज ने जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी नहीं की। इस सीजन भी पृथ्वी शॉ फ्लॉप रहे। डेविड वॉर्नर के लिए कई मौकों पर दूसरे छोर से कोई साथ देने वाला नहीं था और इसी वजह से इस बल्लेबाज को भी धीमी बल्लेबाजी करनी पड़ी।

 

लगातार खराब प्रदर्शन करने के बावजूद भी दिल्ली की टीम ने मुकेश कुमार को बहुत मौके दिए। इस वजह से दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने इशांत शर्मा जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज को 5 मुकाबलों बाद टीम में शामिल किया। इस गेंदबाज ने बेहद ही शानदार वापसी की। हो सकता था इन्हें समय पर मौका दे दिया गया होता तो शायद दिल्ली कैपिटल्स का प्रदर्शन कुछ सुधर सकता था।

अब यह सीजन तो निकल गया है दिल्ली कैपिटल्स की टीम को अगले सीजन अपनी रणनीतियों का सुधार करना चाहिए। टीम में कुछ और ऑलराउंडर खिलाड़ियों की जरूरत है और उन्हें अपने नियमित कप्तान ऋषभ पंत की सेहत में जल्द सुधार की उम्मीद करनी चाहिए। अब देखना होगा अगले सीजन यह टीम अपनी गलतियों पर किस तरीके से काम करेगी और अपने पहले आईपीएल खिताब तक पहुंचेगी।

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