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भारत के इन मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर है रोक

Ratnasen Bharti

भारत मंदिरों का देश है। यहाँ अगणित मंदिर हैं। भारत में रहने वाले निवासी अपने धर्म का बिना किसी रोक टोक के पालन करते हैं। यही कारण है कि यहाँ भारत के कोने कोने में आप किसी भी धर्म के पूजा स्थल को देख सकते हैं . जिस तरह देश का संविधान सभी के लिए एक समान रूप से लागु होता है उसी तरह मंदिरों में भी सभी को बिना किसी भेद भाव के एक समान प्रवेश की आज्ञा होती है। वैसे तो भगवान के घर में सभी को बराबर समझा जाता है और सभी एक समान माने जाते हैं लेकिन भारत में अभी भी अनेक ऐसे मंदिर हैं जहाँ लोगों के प्रवेश को लेकर लिंग भेद की नीति अपनायी जाती है। महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान प्रवेश का निषेध आज भी कई मंदिरों में है। इसके अतिरिक्त भी भारत में ऐसे अनेक मंदिर हैं जहाँ महिलाओं के प्रवेश पर निषेध है। वे इन मंदिरों में बाहर से तो दर्शन कर सकते हैं लेकिन मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं कर सकते। आइये जानते हैं ऐसी कुछ मंदिरों को

  • पद्मनाभ स्वामी मंदिर केरल केरल राज्य में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश के अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग देश विदेश से आते हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति मिली थी। बताया जाता है कि इस मंदिर में स्त्रियाँ विष्णु भगवान की पूजा तो कर सकती हैं लेकिन गर्भगृह के अंदर और अन्य कई जगहों पर उनका जाना वर्जित है।
  • जैन मंदिर , मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश में भगवान शांति नाथ के एक जैन मंदिर में किसी भी महिला या कम उम्र की लड़कियों के श्रृंगार के साथ प्रवेश पर निषेध है। इस मंदिर का निर्माण 1236 ईस्वी में हुआ था।
  • कार्तिकेय मंदिर, राजस्थान भगवान कार्तिकेय का एक मंदिर राजस्थान के पुष्कर शहर में है। यहाँ महिलाओं के घुसने पर सख्त पाबन्दी है। इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय के ब्रह्मचारी रूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने से कार्तिकेय नाराज हो जाते हैं। क्योंकि यहाँ अप्सराओं ने तपस्या कर रहे कार्तिकेय को विचलित करने की कोशिश की थी।
  • सबरीमाला मंदिर केरल सबरीमाला मंदिर का नाम कुछ समय पहले काफी चर्चित हुआ था। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने पर पाबन्दी हटा दी है। परन्तु आज भी इस मंदिर में स्त्रियां नहीं जाती हैं। इस मंदिर में वर्ष में दो बार ही मंदिर के पट खोले जाते है। पहला 14 जनवरी को और दूसरा 15 नवम्बर को। इन दोनों तारीखों को भक्त पहले से ४१ दिन तक व्रत उपवास में रहकर तब उस दिन नंगे पैर होकर मंदिर में जाते हैं। इस मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं को घुसने की मनाही है।
  • मावली मंदिर, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश में मावली माता मंदिर है जो धमतरी से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। बताया जाता है की इस मंदिर में महिलाएं नहीं जाती हैं। स्त्रियाँ मंदिर के द्वार पर से ही पूजा कर लेती हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि किसी को माता ने स्वप्न देकर यह बताया था कि वे कुंवारी हैं इसलिए उनके मंदिर में महिलाएं न प्रवेश करें।
  • शनि शिंगणापुर मंदिर शनि शिंगणापुर मंदिर भारत में महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थित एक प्रख्यात मंदिर है। यह मंदिर भगवान शनि को समर्पित हैं। इस मंदिर के बारे में यह बताया गया है कि भगवान शनि यहाँ पर काले पत्थर में निवास करते हैं। इस मंदिर में हज़ारों की संख्या में भक्त प्रतिवर्ष आते हैं। वैसे तो यहाँ पर 400 सालों से प्रवेश वर्जित था लेकिन महिलाओं के कड़े विरोध के कारण अब यह मनाही हटा ली गयी है।

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