बिहार में इमरजेंसी रेस्पोंसे सपोर्ट सिस्टम यानी ERSS के दुसरे चरण में 19 हजार पुलिसकर्मियों की बहाली होने जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार बहाली को दो चरणों में किया जाना है. इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है. 2023 यानि इस साल के अंत तक पुलिस डिपार्टमेंट में 67 पुलिस डिपार्टमेंट में 67 पदों में सबसे अधिक सिपाही की संख्या है. इमरजेंसी रेस्पोंसे सपोर्ट सिस्टम में होने वाली बहाली से इसकी शुरुआत होने जा रही है. आपको बता दें की इनके आने पर राज्य में यदि किसी भी स्थल पर घटना होती है तो डायल 112 करने पर 15 से 20 मिनट में पुलिस पहुँच जाएगी. डायल 112 यानि इमरजेंसी रेस्पोंसे सपोर्ट सिस्टम में अभी कुल 400 गाड़ियां हैं. जिसमें और 800 नयी गाड़ियों को जोड़ा जाना है. ऐसे में इस विभाग में कुल 1200 गाड़ियों की संख्या हो जाएगी. गाड़ियों की संख्या अधिक बढ़ने से घटना स्थल पर पुलिस कर्मियों को पहुँचने में अधिक समय भी नहीं लगेगा.

बताते चलें की एक गाड़ी में तीन सिपाही, एक दरोगा या जमादार के साथसाथ चार कर्मियों की भी जरूरत होती है. ऐसे में होने वाले तीन शिफ्टों में एक गाड़ी पर 12 कर्मियों की ड्यूटी लगी होती है. इन तीन शिफ्टों की ड्यूटी 90-90 की संख्या में की जाती है. बता दें की इसमें डिस्पैचर से लेकर कॉल टेकर तक भी मौजूद होंगे. यदि गाड़ियों की संख्या बढती है तो कंट्रोल सेंटर के भी कर्मियों की संख्या बढ़ेगी. मिली जानकारी के अनुसार इमरजेंसी रेस्पोंसे सपोर्ट सिस्टम में बाइक के प्रस्ताव को भी शामिल किया गया है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है की ERSS में बाइक भी शामिल होंगे. बाइक का प्रस्ताव मंजूर हो जाने से जिन घटना स्थलों पर गाड़ियां नहीं जा सकती वहां बाइक की मदद से आसानी से पुलिस पहुँच सकेगी. इसलिए विभाग द्वारा बाइक खरीदने से सम्बंधित प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है.

आपको बता दें की डायल 112 की पुलिस टीम को अभी तक हथियार मुहैया नहीं करवाया गया है. इसलिए इसमें तैनात पुलिस कर्मी अब तक निहत्थे है. लेकिन पुलिस विभाग के मुख्यालय की तरफ से इन्हें अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध करवाने पर विचार किया जा रहा है. यदि उन्हें अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध करवा दिए जाते हैं तो डायल 112 और भी मजबूती से अपने काम कर पाएंगे. डायल 112 महिलाओं के लिए वरदान की तरह साबित हुआ. हाल ही के महीनों को देखे तो इसका विशेष तौर पर प्रयोग महिलाओं द्वारा किया गया. इनमे से अधिकत्तर महिलाएं वो थी जो घरेलु हिंसा का शिकार थी. डायल 112 में जो परिवार या पति द्वारा पीड़ित महिलाओं ने हो रहे हिंसा की सुचना दी तो उनके सूचना देते ही त्वरित कार्यवाई शुरू हो गयी और उन्हें गिरफ्तार कर सम्बंधित थाने को पुलिस ने सौप दिया.

आइये अब अपने इस चर्चा के बीच हम जानते हैं की डायल 112 किस तरह से अपना काम करती है. जब कभी भी किसी प्रकार के मुसीबत या घटना की स्थिति में आप डायल 112 करते हैं तो यह कॉल पटना में स्थित इमरजेंसी रेस्पोंसे सपोर्ट सिस्टम के कमांड एंड कण्ट्रोल सेण्टर द्वारा मोबाइल लोकेशन के आधार पर सम्बंधित डायल 112 के पुलिस कर्मियों को मेसेज भेजा जाता है. उसी लोकेशन के आधार पर डायल 112 की पुलिस 15 से 20 मिनट में वहां पहुँचती है और सम्बंधित थानाध्यक्ष को सूचित करती है. घटनास्थल पर मौजूदा स्थिति की जांच करते हुए पुलिस कर्मी उस पर कार्यवाई करते हैं और इसी दौरान सम्बंधित थाना की पुलिस टीम भी वहां हथियारों के साथ पहुँच जाती है.

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