रांची से पटना के लिए नया रेल रूट अब बनकर तैयार हो गया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो अब रांची से पटना आने के लिए यात्री को कम समय लगने वाला है. बताया जा रहा है कि रांची से पटना के बीच की दूरी अब 13 घंटे की जगह पर 11 घंटे लगेगा. बता दें कि अब जो नई रूट बनकर तैयार हुई है उसमें यात्रियों को बरकाकाना से ही सीधे हजारीबाग, कोडरमा होते हुए ट्रेनें पटना आ गाएंगी. बता दें कि इस नए रूट में सिधवारसांकी के बीच में 18 नवंबर को सफलतापूर्वक इंजन का ट्रायल किया गया है. इस नए रूट में चार टनल, 32 मोड़ और पांच बड़े पुलों का निर्माण किया गया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो टना से रांची के बीच में चलने वाली ट्रेन कोडरमा, बरकाकाना, हजारीबाग, सांकी और सिधवार के रास्ते नई रेललाइन 26 जनवरी से चालू हो जाएगी. इसको लेकर तैयारी पूरी हो गई है. बता दें कि इस नई रेल लाइन पर दिसंबर महीने में स्पीड ट्रायल भी किया जा चुका है.

रेलवे के नए रुट के उद्घाटन को लेकर बोलते हुए रांची रेल मंडल के DRM प्रदीप गुप्ता ने बताया कि फिलहला रांचीमुरीबरकाकाना रूट पर ट्रेन चल रही है. इस रूट पर रांची से बरकाकाना जाने के लिए 118 किमी की यात्रा करनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि नई रूट जो बन रही है वह रांचीबरकाकाना की दूरी महज 75 किमी की होगी इस दौरान यात्रियों को 43 किमी की यात्रा में कमी आ जाएगी. इस नए रूट को लेकर यह भी बताया गया है कि टाटीसिलवे से बरकाकाना तक 64 किमी का सफर काफी रोमांचक होने वाला है. इस दौरान यात्रियों को हिल स्टेशन का नजारा देखने को मिलने वाला है. इस दौरान अंधेरी सुरंगों के बीच में गुजरने वाली ट्रेनें और ऊंची उंची पहाड़ियां आपको रोमांचिक करेंगी. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि इस दौरान तीन सुरंगों से होकर ट्रेन गुजरेगी. जब सुरंग समाप्त होगा तो ट्रेन दो पुल से होकर गुजरेगी. इस दौरान टनल-1 की लंबाई 600 मीटर की होगी तो वहीं दूसरे टनल की लंबाई 1080 मीटर की होगी. इसके बात टनल-3 की लंबाई 600 मीटर बताई गई है. अगर हम वर्तमान में ट्रेनों के रूट की स्थिति पर नजर डाले तो रांचीपटना ट्रेन मुरी के पश्चिम बंगाल के मालदा और कोटशिला से बोकारो, गोमो, कोडरमा होते हुए पटना पहुंचती है. नई रेल लाइन को लेकर यह बताया जा रहा है कि पहले चरण में रात में चलने वाली इस्लामपुरहटिया एक्सप्रेस और पटनारांची जनशताब्दी का परिचालन शुरु किया जाएगा. इसके साथ ही तीन अन्य नई ट्रेनों का परिचालन भी शुरू किया जाएगा.

इस पुल के निर्माण होने से 14 साल लग गए हैं. बता दें कि सला 1999 में उस समय के प्रधानमंत्री अलट बिहारी वाजपेयी ने इस रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी थी. बता दें कि कोडरमाहजारीबागरांची वाया बरकाकाना की दूरी 202 किलोमीटर है. बता दें कि इस नई रूट के निर्माण में पहाड़ों और जंगलों को काटकर नई रेल लाइन का निर्माण किया गया है. बता दें कि इस परियोजना में करीब 3800 करोड़ रुपये पूरा किया जाएगा. बता दें कि इस रेल लाइन के निर्माण हो जाने से इस्लामपुर रूट में चलने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा. और रांची जाने वाले यात्रियों को एक नये रूट से यात्रा करने का मौका मिलने वाला है.

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